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स्टीव पॉल जॉब्स, यह एक ऐसा नाम जो सभी लोग जानते है। एप्पल कंपनी के संस्थापक, लाखो लोगो की प्रेरणा, उनका मुकाम, उनकी यह उपाधि, जिन्होंने कंप्यूटर के क्षेत्र में क्रांति लायी, जो आज विश्व भर में किसी परिचय के मौहताज नहीं है। उनका जन्म 24 फरवरी 1955 को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में हुआ था। 12 जून 2005 को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में उन्होंने अपने जीवन का एक प्रसिद्ध ‘Stay Hungry, Stay Foolish’ नामक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी से जुडी कई कहानियां बताई, जिन्होंने उनके जीवन को बदल दिया था।
आइए हम सभी उनके इन किस्सों को जानते है व उनसे सीख प्राप्त करते है।
कॉलेज में दाखिला व ड्रॉपआउट का किस्सा :
शुरुआत उनके जन्म की कहानी से करते है। स्टीव के जन्म के पूर्व ही उनकी माँ ने निर्णय कर लिया था कि वह उन्हें किसी दंपत्ति को गोद देंगी। दरअसल स्टीव के जन्म के समय उनकी माँ एक कॉलेज की छात्रा व अविवाहित थी। उनकी माँ ने सोच लिया था कि वह स्टीव को एक ऐसे दंपत्ति को देंगी जो, कम से कम ग्रेजुएट होने चाहिए। उन्हें एक ऐसे दंपत्ति मिले जो उनके बच्चे को गोद लेने को तैयार हो गए लेकिन उन्हें एक लड़की चाहिए थी। जब स्टीव का जन्म हुआ तो उन्ही पूर्व निर्धारित दंपत्ति को बताया गया कि लड़का हुआ है, तब अचानक वह दंपत्ति उन्हें गोद लेने को तैयार हो गया।
इस बीच स्टीव की माँ को जब यह पता लगा वह दंपत्ति ग्रेजुएट नहीं है, तब उनकी माँ ने स्टीव को गोद देने से इंकार कर दिया। काफी मिन्नतों और इस वादे के साथ की वह दंपत्ति स्टीव को कॉलेज भेजेंगे, उनकी माँ ने गोद देने कि हामी भर दी।
17 साल की उम्र में स्टीव को कॉलेज भेजा गया, उस समय उन्हें उन विषयो में रूचि नहीं थी, उन्हें कॉलेज एक बोझ लगने लगा था। उन्हें यह भी लगा कि उनके माता-पिता के सारे पैसे उनकी पढ़ाई में ही खर्च हो रहे हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा था क्या करे।
आखिरकार उन्होंने कॉलेज छोड़ने का निर्णय लिया। तब उन्होंने सोचा की कुछ काम करेंगे। गुज़ारा करने के लिए उन्होंने कोक की बॉटल्स तक बेचने का कार्य किया। उन दिनों कॉलेज छोड़ने का निर्णय गलत ही लग रहा था। एक दिन उन्हें रीड कॉलेज के बारे में पता चला जो कैलीग्राफी के लिए काफी मशहूर था। उन्होंने कैलीग्राफी की पढ़ाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने शेरीफ और सैन शेरीफ टाइपफेस (serif and San serif typefaces) सीखी और इसी की मदद से टाइपोग्राफी तैयार की। इसके परिणाम स्वरुप उन्होंने आगे चलकर मैकिनटोश कंप्यूटर (Macintosh computer) डिजाइन किया।
कंपनी की नींव :
20 साल की उम्र में उन्होंने और उनके मित्र वॉजनिएक ने मिलकर गैरेज में एप्पल की शुरुआत की। 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद, एक एक सीढ़ी चढ़कर, कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया। एक गैरेज में खुली कम्पनी अब विश्व भर के 2 बिलियन लोगों तक पहुंच गई थी।
जब वह 30 वर्ष के थे तब उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया। यह समय उनके लिए हताशा का था। उन्हें लगा कि उन्हें अपनी ही कंपनी से कोई कैसे निकाल सकता है। पर इन विपरीत परिस्थितयो में भी उन्होंने हार नहीं मानी, और आगे की योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया।
5 साल बाद उन्होंने ‘NeXT’ नाम से एक कंपनी और इसके बाद एक ‘Pixar’ नाम से दूसरी कंपनी की शुरुआत की। ‘Pixar’ ने सबसे पहली कम्प्यूटर एनिमेटेड फिल्म टॉय स्टोरी (Toy Story) का निर्माण किया, और आज ‘ Pixar ‘ को दुनिया के बेहतरीन एनिमेशन स्टूडियो में गिना जाता है।
‘NeXT’ को एप्पल ने खरीद लिया और इस तरह वह दोबारा एप्पल कम्पनी में शामिल हो गए।
एक पंक्ति जिन्होंने उनका जीवन के प्रति नज़रिया बदला :
जब स्टीव 17 वर्ष के थे तब उन्होंने कहीं एक पंक्ति पढ़ी थी, जिसमे लिखा था – “आपको अपना हर दिन यह सोचकर जीना चाहिए कि आज आपका आखिरी दिन है ” यह बात उनके मन में घर कर गयी थी। उनके जीवन में एक ऐसा वक्त आया जोकि काफी भयावय था। डॉक्टर ने उन्हें बतलाया कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और कुछ ही दिनों जीवित रह पाएंगे, लेकिन स्टीव ने कभी हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने इस गति, इस जोश, इस उत्साह के साथ काम किया, जैसे आज उनका आखिरी दिन है। उन्होंने मौत का डटकर सामना किया, और इस ही लड़ाई में 5 अक्टूबर 2011 को उनकी मृत्यु हो गयी।
आज भले ही स्टीव हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी सीख, उनके रास्ते, प्रेरणा सब मौजूद है। स्टीव मानते थे कि कई बार शुरुआत में आपके निर्णय आपको गलत लग सकते हैं लेकिन भविष्य में वह सही साबित भी हो सकते हैं, जैसे उनका कॉलेज छोड़ना उस वक़्त उनकी गलती नज़र आ रही थी लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करते तो वह कैलीग्राफी नहीं सीखते और एप्पल कम्पनी की नींव नहीं रखी जाती। अगर उन्हें एप्पल से नहीं निकला जाता तो शायद ‘NeXT’ और ‘Pixar’ कंपनी का अस्तित्व ही नहीं होता। उनका यह भी मानना रहा है कि कभी भी नाकामयाबी को अंत न समझे, उससे सीख ले कर सदैव आगे बढ़े। किसी भी काम की शुरआत छोटे स्तर से ही होती है, जैसे एप्पल कंपनी सिर्फ एक गैरेज से शुरू हुई थी। वह यह भी बताते है कि आपका अतीत आपके भविष्य को निर्धारित नहीं करता बल्कि आप क्या बनने प्रयत्न कर रहे है वह सर्वाधिक आवश्यक है।
उनकी यह सभी बातें लाखो लोगो के मन सदैव छपी रहेंगी व पीढ़ियों तक लोगो को प्रेरणा देती रहेंगी ।
Vaibhav Bajpai