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कैसे खरीदते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां करते हैं स्टोर, यहां जानें सबकुछ

जाने कैसे खरीदी व स्टोर की जाती है क्रिप्टो करेंसी?

 बाजार में तेजी आने के कारण लोग इसकी तरफ काफी रुझान दिखा रहे हैं लेकिन यह बाजार थोड़ा डराने वाला भी है क्योंकि क्रिप्टो बाजार अभी भी अस्थाई है . हम आपको इस आर्टिकल के जरिए क्रिप्टोकॉइन को कैसे खरीदा  व स्टोर किया जाता है इसके बारे में बताएंगे.

 अगर कोई व्यक्ति निवेश करना चाहता है तो उसे क्रिप्टोकॉइन खरीदना और  क्रिप्टोकॉइन स्टोर करना काफी कठिन लगता है लेकिन सच कहे तो क्रिप्टो कॉइन बिटकॉइन और ऐसे दूसरे कॉइन खरीदना और स्टोर करना बहुत आसान है. जब क्रिप्टो कॉइन की शुरुआत हुई तब ज्यादा लोगों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई यह एक मजाक का पात्र बन गई थी लेकिन जैसे-जैसे क्रिप्टो कॉइन की बाजार में कीमते बड़ी वैसे-वैसे लोग इसकी तरफ चले आए.

 अब हर कोई इसमें निवेश करने की सोच रहा है तो ऐसे में सब क्रिप्टोकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं कि यह कॉइन कैसे खरीदे जाते हैं, इन्हें कहां स्टोर किया जाता है, यह कैसे काम  करती है और इसमें निवेश करना सुरक्षित है या नहीं और भी कई सवाल. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको 2 सवालों के जवाब दे रहे हैं पहला कि इसे कैसे खरीदा जाता है और दूसरा कि इसे कहा स्टोर किया जाता है. तो पहले हम जान लेते हैं कि इसे खरीदते कैसे हैं.

 क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्रिप्टोकॉइन खरीदने वाले और क्रिप्टोकॉइन बेचने वाले दोनों ही ट्रेड करते हैं. भारत में भी कई  क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं जैसे wazirx,coin switch kuber और भी कई लेकिन किसी भी एक्सचेंज में जुड़ने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च कर लेनी चाहिए कि वे किस तरह काम करती है ,कितनी लाभकारी है, उसकी हिस्ट्री कितनी साफ है और वह सुरक्षित है या नहीं. एक्सचेंज को लेकर हमें काफी जांच पड़ताल करनी चाहिए क्योंकि भारत में एक्सचेंज को औसतन 20 करोड़ का नुकसान होता है इसीलिए हमें बेहतर एक्सचेंज चुनना चाहिए ताकि हमारा निवेश सुरक्षित रहे.

  क्रिप्टो एक्सचेंज के अलावा भी निवेशक दूसरे माध्यमों से क्रिप्टो करेंसी खरीद व बेच सकते हैं.डायरेक्ट कांटेक्ट इसमें एक निवेशक दूसरे निवेशक से डायरेक्ट कांटेक्ट कर क्रिप्टो ट्रेडिंग कर सकते हैं. इसमें कोई थर्ड पार्टी नहीं होती लेकिन एक्सचेंज ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं क्योंकि ज्यादातर समय इसकी कीमतें स्थिर रहती हैं और क्रिप्टोकॉइन ट्रेडिंग में आसानी भी होती है यह नए लोगों के लिए सबसे आसान तरीका है.

एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक अकाउंट बनाना होता है जिस भी एक्सचेंज पर आप ट्रेड करना चाहते हो उस पर. फिर एक्सचेंज आपकी केवाईसी वेरीफिकेशन करता है ताकि फ्रॉड और धोखाधड़ी को रोका जा सके. केवाईसी के लिए एक्सचेंज अलग-अलग तरीके अपनाते हैं . केवाईसी वेरीफिकेशन के लिए एक्सचेंज आईडी प्रूफ मांगते हैं. इस प्रोसेस के पूरा होने के बाद आप ट्रेडिंग कर सकते हैं. ट्रेडिंग के लिए आप या तो अपना बैंक अकाउंट को क्रिप्टो अकाउंट से लिंक करा सकते हैं या डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिए ट्रांजैक्शन कर सकते हैं सभी काम पूरे हो जाने के बाद एक्सचेंज आपको आपका पहला आर्डर प्लेस करने के लिए नोटिफिकेशन के जरिए आपकी मदद करेगा.

 अगर आप अपना पहला आर्डर प्लेस कर रहे हैं तो आपको कॉइन का सिंबल यानी बिटकॉइन के लिए BTC और ether के लिए ETH और उसके साथ जितने कॉइन आपको खरीदने हैं उनकी संख्या डालनी होती है.

 अब जानते हैं कि क्रिप्टो कॉइन खरीदने के बाद उन्हें कहां स्टोर करना है.

 अगर आप एक्टिव ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आप अपने कॉइन को एक्सचेंज पर भी छोड़ सकते हैं लेकिन अगर आप इन्हें स्टोर करना चाहते हैं ताकि जब आपको जरूरत हो तब यह काम आ सके या फिर जब इनकी कीमतें बड़े तब आप अपने कॉइन की ट्रेडिंग करें तो इसके लिए आप इन्हें वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं अब आप सोच रहे होंगे की वॉलेट में कैसे स्टोर कर सकते हैं? इसका जवाब है हां आप अपने डिजिटल कॉइन को डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं. यह वॉलेट भी 3 तरीके के होते हैं पहला हॉट वॉलेट दूसरा कोल्ड वॉलेट और तीसरा पेपर वॉलेट इनमें से आपको कौन सा वॉलेट इस्तेमाल करना है यह आपकी जरूरत पर निर्भर करता है.


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