kyc-verification-in-crypto

Cryptocurrency में ट्रेडिंग से पहले KYC कराना जरूरी, जानिए क्यों और कैसे होता है वेरिफिकेशन

क्रिप्टो मार्केट बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. बाजार में तेजी आने के बाद हैकर्स भी बहुत तेजी से इस पर काम कर रहे हैं तो आपके निवेश को सुरक्षित करने के लिए ब्लॉकचेन सिक्योरिटी कंपनियां के वाई सी (KYC) वेरीफिकेशन करती हैं। क्रिप्टोकरेंसी बाजार पिछले 2 सालों से बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसके कारण दुनिया भर में क्रिप्टो बाजार से लोग जुड़ते चले जा रहे हैं जैसा कि आप जानते हैं कि यह बाजार डिजिटल माध्यम से चलता है और यह नया भी है इसलिए इस बाजार मैं हैकर्स हैकिंग के इरादे से जुड़ते जा रहे हैं.

पिछले कुछ समय से क्रिप्टो निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं क्योंकि अब बाजार बढ़ रहा है तो हैकर्स के लिए भी यह अच्छा मौका है.क्रिप्टो बाजार में अब निवेशकों की संख्या बढ़ती जा रही है इसलिए निवेशक और कंपनियां दोनों ही चाहते हैं कि बाजार सुरक्षित रहे और धोखाधड़ी को रोका जा सके इसीलिए ब्लॉकचेन सिक्योरिटी कंपनियां निवेशकों की ऑडिटिंग और केवाईसी वेरीफिकेशन करने को कहती है.

KYC और ऑडिटिंग

 सिक्योरिटी कंपनियां क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के साथ पार्टनरशिप करती हैं और इससे जुड़े ग्राहकों की ऑडिटिंग करती हैं और साथ ही कुछ कंपनियां प्लेटफॉर्म्स की भी ऑडिटिंग करती हैं ताकि कोई धोखाधड़ी ना हो सके. यह सभी प्लेटफार्म सक्रिय हैं ताकि यह स्कैम व धोखाधड़ी को रोक सके. इसीलिए यह सभी प्लेटफार्म अपने कस्टमर्स की केवाईसी और ऑडिटिंग करते हैं.

 कॉइन स्विच कुबेर अपने ग्राहकों को ट्रेडिंग करने से पहले केवाईसी और वेरिफिकेशन पूरा करने को कहता हैं. कॉइन स्विच कुबेर के ग्राहकों को केवाईसी वेरीफिकेशन के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड की पूरी डिटेल शेयर करनी होती है और इस कंपनी के ऐप पर अपनी एक सेल्फी अपलोड करनी होती हैं.

एक और क्रिप्टो एक्सचेंज है Wazirx यह अपने यूजर्स की आईडी वेरीफाई करते है ताकि अपने कस्टमर्स को स्कैम से बचा सके. इसमें यूजर साइन अप करते हैं और कुछ घंटों के भीतर ही वेरिफिकेशन पूरी हो जाती है. इसी तरह कई दूसरी क्रिप्टो एक्सचेंज भी आईडी वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करती हैं ताकि धोखाधड़ी ना हो सके इसमें एक्सचेंज निश्चित कर लेते हैं कि बाजार में जो पैसा आ रहा है  वह यूजर के अकाउंट से आ रहा है या कहीं दूसरी जगह से।

 कुछ दूसरे प्लेटफार्म ऐसे भी हैं जो penny drop का इस्तेमाल करते हैं. Penny drop मेथड में ग्राहकों का अकाउंट डिटेल वेरीफाई करने के लिए पहले ₹1 भेजे जाते हैं .कई ऐसे ग्राहक होते हैं जिन्हें बड़ी मात्रा में ट्रांजैक्शन करना होता है तो उन्हें वेरीफाई करने के लिए ज्यादा दस्तावेज चाहिए होते हैं .क्रिप्टो एक्सचेंज स्कैम और धोखाधड़ी कम करने के लिए हाई एंड सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं ताकि अगर कोई यूजर संदिग्ध है तो उसे तुरंत ब्लॉक किया जा सके.

क्रिप्टो बाजार में जैसे-जैसे उछाल आ रहा है वैसे वैसे बड़ी मात्रा में निवेशक निवेश कर रहे हैं और कई स्कैमर इसे अपने लिए काफी बेहतर ऑप्शन समझ रहे हैं इसलिए क्रिप्टो एक्सचेंज धोखाधड़ी को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं ताकि धोखाधड़ी पर नियंत्रण किया जा सके KYC भी धोखाधड़ी रोकने के लिए काफी अहम कदम है।


Posted

in

by

Tags: