कोरोनोवायरस के प्रकोप ने दुनिया को एक ठहराव में ला दिया है और भारत ने संपर्क श्रृंखला को तोड़ने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन लगाया है। देश में 850 से अधिक मामलों के साथ, वायरस २० से अधिक लोगो को की मौत का कारण बना है|
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कई लोगों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दान करना शुरू कर दिया है। वेदांत के अनिल अग्रवाल ने 100 करोड़ रुपये का वादा किया है, जबकि कई सांसदों ने अपने एमपीलैड फंड से डोनेशन किया है|
शुक्रवार की सुबह सोशल मीडिया वेबसाइटों पर यह खबर वायरल हो गई कि विप्रो के अध्यक्ष और प्रमोटर अजीम प्रेमजी ने कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने में सहायता करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि का दान की है|
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ये खबरें गलत हैं और लगता है कि प्रेमजी के एक और दान को लेकर भ्रम हो गया है, जो पिछले साल उसी समय के आसपास हुआ था। 2019 में, प्रेमजी ने फर्म में अपनी संपत्ति का 34% यानि 52,000 करोड़ लोगो के कल्याण हेतु देने की घोषणा क़ी। एक समाचार चैनल को दिए बयान में, विप्रो ने स्पष्ट किया कि दान की घोषणा मार्च 2019 में की गई थी, इस सप्ताह नहीं।
यह तथ्य जांच किसी अन्य समाचार संगठन की विश्लेषण पर आधारित है।
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