जब तक कंपनी के अन्य कर्मचारियों को पूरी सैलरी नहीं मिलती तब तक मैं एक पैसा नहीं लूंगा’- मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कोरोनावायरस महामारी के खत्म हो जाने तक कोई सैलरी न लेने का फैसला किया है।अंबानी की सैलरी सालाना 15 करोड़ रुपये है, जिसमें साल 2008-09 के बाद से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, कोविड-19 के प्रभाव के समाप्त होने तक सैलरी न लेने के मुकेश अंबानी के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। भारत में कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर, जिसने राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक व औद्योगिक क्षेत्र को प्रभावित किया है, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने अपनी तनख्वाह न लेने का फैसला लिया है।

इसमें यह भी कहा गया है कि उन्होंने तब तक सैलरी न लेने का निश्चय किया है, जब तक उनकी कंपनी और इसके सारे बिजनेस सम्पूर्ण तरीके से अपनी कमाई करने की क्षमता को दोबारा हासिल नहीं कर लेते।

बता दें कि  मुकेश अंबानी की अध्यक्षता वाली रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटिड (RIL) ने बड़ी तेजी से पेट्रोकेमिकल बिजनेस से हटकर कंज़्यूमर बिजनेस के क्षेत्र में विकास किया है। आसान भाषा में कहें तो रिलायंस इंडस्ट्री ने जिस प्रकार जियो डिजिटल क्षेत्र में आपार सफलता हासिल की है, उसी का नतीजा है कि अब भी मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गये हैं।

हाल ही में पक्की हुई जियो-फेसबुक डील ने मुकेश अंबानी को और भी ज़्यादा फायदा पहुंचाया है। बता दें कि फेसबुक मुकेश अंबानी की जियो में 43,574 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इस निवेश के बाद जियो में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99% हो जाएगी।

जियो-फेसबुक डील से कंपनी को अपना सारा कर्ज़ खत्म करने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद हासिल होगी। इससे कंपनी में निवेशकों का विश्वास और बढ़ा है। मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के तहत सारा डिजिटल व्यापार एक अलग एंटीटी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं और जियो-फेसबुक डील की वजह से निवेशक इस एंटीटी में निवेश करने के इच्छुक होंगे।

रिलायंस कंपनी की इस सफलता के पीछे मुकेश अंबानी का कुशल नेतृत्व माना जाता है। वे हर बड़े प्रोजेक्ट में खुद दिलचस्पी लेकर अपनी रणनीति को अंजाम देने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने देश के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया। अब अंबानी ने कोरोनावायरस महामारी के खत्म हो जाने तक कोई सैलरी न लेने का फैसला किया है इससे कंपनी के कर्मचारियों का मनोबल बढेंगा।

वे आमतौर पर मीडिया से कम बातचीत करते हैं और बाज़ार में अपनी मोनोपोली स्थापित करने में विश्वास रखते हैं। अब वे डिजिटल क्षेत्र में भी अपनी कंपनी की मोनोपली स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं।

मुकेश अंबानी के नौकरों का वेतन जान लेंगे तो हैं, तो आप खुद को गरीब समझने लगेंगे।

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