‘हवा हवाई’ श्रीदेवी की दिलचस्प बालीबुड यात्रा

हम अपनी ज़िन्दगी में अनेक लोगों से मिलते हैं। कुछ अच्छे तो कुछ बुरे भी। कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें हम थोड़े समय में ही भूल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो हमें पूरी ज़िन्दगी याद रहते हैं। उनकी बातें हमें प्रेरणा देती हैं। आज हम एक ऐसी ही महिला के बारे में जानेंगे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी हमें उनके होने का एहसास करवातीं हैं। आज भी ऐसा लगता है कि वो किसी भी समय हमारे सामने आ जाएंगी, और अपनी अदाओं से हमें दीवाना बना देंगी। हम बात करने जा रहे हैं भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री स्वर्गीय श्रीदेवी की।

13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवाकासी में एक तमिल परिवार में जन्म लेने वाली श्रीदेवी आज हमारे बीच तो नहीं हैं, लेकिन आज भी पूरा देश उनसे प्यार करता है। उनका असली नाम श्रीयम्मा यंगर है। उनके पिता पेशे से वकील और मां गृहणी थी। श्रीदेवी उन अभिनेत्रियों की सूची में आती हैं, जिन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, कन्नड़, मलयालम, आदि भाषाओं की फिल्मों में काम किया है। अस्सी के दशक से लेकर आज तक उन्होंने हवा हवाई बन कर लाखों लोगों के दिलों को धड़काया है। श्रीदेवी अपने समय की पहली अभिनेत्री थी जिन्हें सुपरस्टार का तमगा हासिल हुआ था।

हम अक्सर देखते हैं कि भारतीय फिल्म जगत में पुरुष प्रधान फिल्में अधिक मात्रा में बनाई जाती हैं। जब फिल्में हिट हो जाती हैं तब उनका सारा श्रेय अभिनेताओं को मिल जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी श्रीदेवी एक ऐसी अभिनेत्री थी जो अपने दम पर सुपरहिट फिल्में करती थीं। उनकी एक झलक पाने के लिए दर्शक बेकरार रहते थे।

करियर की शुरुआत

श्रीदेवी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत महज चार साल की उम्र में की थी। चार साल की उम्र में ‘एमए थिरुमुगम ती थुनैवन फिल्म’ से उन्होंने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। 1975 में आई फिल्म जूली के जरिए बॉलीवुड में एक्ट्रेस ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर एंट्री ली थी। साल 1976 तक श्रीदेवी ने कई साउथ इंडियन फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। नन्ही श्रीदेवी को मलयालम फिल्म ‘मूवी पूमबत्ता’ के लिए केरल स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।

बॉलीवुड में कदम

क्षेत्रीय फिल्मों से लेकर बॉलीवुड तक का सफर आसान नहीं होता। लेकिन श्रीदेवी के लिए उनके अभिनय और दर्शकों के प्यार ने बॉलीवुड तक उनकी राह आसान बना दी थी। उन्हें साल 1978 में आई फिल्म ‘सोलहवां सावन’ के लिए लीड एक्ट्रेस का काम मिला, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण दर्शकों को यह फिल्म पसंद नहीं आई। इसके बाद उन्होंने वापस से दक्षिण भारतीय फिल्मों के तरफ रुख मोड़ लिया। लेकिन कहते हैं ना, किस्मत सबको दूसरा मौका अवश्य देती है।

साल 1983 में आई फिल्म ‘हिम्मतवाला’ के जरिए उन्होंने एक बार फिर से बॉलीवुड में कदम रखा और इसके बाद वह यहीं की होकर रह गईं। इस फिल्म में श्रीदेवी के साथ दिग्गज अभिनेता जितेंद्र ने काम किया था। इन दोनों की जोड़ी लोगों को इतनी पसंद आई कि कई दिनों तक लोगों के सर पर इस फिल्म का भूत सवार रहा।

भारतीय फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत, कमल हसन, जितेंद्र के साथ उन दिनों की हर अभिनेत्री काम करना चाहती थी। लेकिन किस्मत हर किसी का साथ नहीं देती थी। श्रीदेवी उन अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने अपने बल बूते कई सुपरहिट फिल्में तो दी ही, साथ ही उन्होंने इन दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम भी किया।

1976 से 1982 के बीच श्रीदेवी ने कई सारी तमिल, तेलुगू फिल्में की और रजनीकांत, कमल हसन जैसे सुपरस्टार्स के साथ बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया। 1983 में फिल्म ‘सदमा’ में श्रीदेवी कमल हासन के साथ नजर आईं। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग देख सभी दंग रह गए और उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित भी किया गया।

यादगार लम्हे

श्रीदेवी ने अपने काबिलियत के दम पर ऐसा मुकाम हासिल किया था, जहां कई दिग्गज अभिनेता और बॉलीवुड का हर व्यक्ति उनके साथ काम करना चाहता था। श्रीदेवी की जोड़ी जितेंद्र, ऋषि कपूर और अनिल कपूर जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ खूब जमती थी। साल 1983 से 1988 तक श्रीदेवी ने जितेंद्र के साथ 16 फिल्मों में काम किया, जिनमें से 11 फिल्में सुपरहिट साबित हुई।

1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में उन्होंने अनिल कपूर के साथ काम किया जिसमें वह पत्रकार के रूप में दिखीं। साल 1989 में आई फिल्म ‘चालबाज’ में उन्होंने दो लोगों का किरदार निभाया। इस फिल्म में उन्होंने डबल रोल प्ले किया। उन दिनों पुरुष प्रधान फिल्मों का प्रचलन होने के बावजूद भी श्रीदेवी सब पर भारी पड़ती थीं। इस फिल्म में भी उनके साथ दिग्गज अभिनेता रजनीकांत और सनी देओल ने काम किया था। इसके बावजूद भी श्रीदेवी उन दोनों पर भारी पड़ी थीं।

कई सालों तक अपनी फिल्मों से लोगों को अपना दीवाना बनाने वाली श्रीदेवी ने फिल्म ‘जुदाई’ के बाद फिल्मों से दूरी बना ली थी। इसके बाद उन्होंने बोनी कपूर से शादी कर ली। साल 2012 में उन्होंने फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ से दुबारा फिल्मी दुनिया में कदम रखा। उनके शानदार अभिनय की वजह से उन्हें साल 2013 में ‘पद्म श्री पुरस्कार’ से सम्मानित भी किया गया। अपनी आखिरी फिल्म ‘मॉम’ में शानदार अभिनय करने के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

आज श्रीदेवी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी उनके होने का एहसास कराती हैं। अभिनय की दुनिया में वह हमेशा से सरताज थीं और आगे भी रहेंगी। श्रीदेवी की अगर यह कहानी आपको पसंद आई हो तो इसे और भी लोगों तक जरूर पहुंचाएं। займы онлайн на карту срочно


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