बॉलीवुड में जब भी एक्शन फिल्मों की चर्चा होगी तो धर्मेंद्र का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। वैसे तो बॉलीवुड में आने वाले हर सितारों की कुछ ना कुछ कहानी होती है, परंतु धर्मेंद्र की कहानी आम लोगों से जुड़ी हुई और प्रेरणादायक है। उनकी जिंदगी में कितने ही उतार-चढ़ाव आए परंतु इस हरफनमौला हीरो ने सभी का हंसकर सामना किया और हमेशा अपनी अदाकारी से सभी का दिल जीतते रहे। आज, धर्मेंद्र 80 साल से ज्यादा उम्र के हो गए हैं, परंतु उनका जोश आज भी किसी 25 साल के नौजवान से कम नहीं है और यह बात उन्होंने हाल ही में आई फिल्म “यमला पगला दीवाना फिर से” में अभिनय करके सभी को दिखा दी।
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गांव में हुआ था। धर्मेंद्र के पिता स्कूल में हेडमास्टर थे। बचपन में धर्मेंद्र बहुत शरारती और चुलबुले बालक थे। उन्होंने अपने इस चुलबुले अंदाज को अपने हरफनमौला एक्टिंग में मिलाकर, बॉलीवुड में एक्टिंग की नई परिभाषा स्थापित की। बॉलीवुड में एक दौर ऐसा भी था, जब धर्मेंद्र की तस्वीरों को लड़कियां अपने तकिए के नीचे रख कर सोती थी। इतना ही नहीं उस दौर के मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन उनकी खूबसूरती से इस तरह प्रभावित हुई थी कि उन्होंने धर्मेंद्र को “ग्रीक गॉड” का दर्जा दे दिया और बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले दिलीप कुमार भी उन्हें “ही मैन” कहकर पुकारते थे।
परंतु, क्या आपको पता है कि शुरुआती दिनों में धर्मेंद्र ने कितना संघर्ष किया है? और जब उनके पास खाने को कुछ नहीं था तो उन्होंने अपनी भूख दवा की बोतल पीकर मिटाई थी? आज हम एक ऐसे ही दिलचस्प किस्से के बारे में बात करेंगे जिस्से ज्यादातर दर्शक अनजान है।
जब दवा पीकर मिटाई थी अपनी भूख
यह किस्सा साल 1977 में रिलीज हुई फिल्म “धर्मवीर” की शूटिंग के समय का है। यह वो दौर था जब धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे और उनके पास सीमित संसाधन थे। उन दिनों धर्मेंद्र वडापाव खाकर अपना गुजारा कर लिया करते थे, लेकिन एक बार जब धर्मेंद्र शूटिंग कर देर रात घर लौट रहे थे, तो उन्हें बहुत जोरों की भूख लगी। रात में देर से घर लौटने की वजह से वड़ापाव की दुकानें बंद हो गई थी। भूख के मारे धर्मेंद्र की जान निकली जा रही थी, वे उस होटल भी गए जहां उनकी उधारी चलती थी परंतु देर रात होने की वजह से वह भी बंद हो गया था। थक हार कर और भूख से बेचैन धर्मेंद्र घर लौटे और उन्होंने टेबल पर रखी कब्ज की दवा यानी इसबगोल की बोतल दिखी। धर्मेंद्र भूख से इतना तड़प रहे थे कि उन्होंने अपनी भूख मिटाने के लिए वह पूरी दवा की बोतल ही पी ली। कहा जाता है कि दवा पीने के बाद सुबह तक धर्मेंद्र की तबीयत बहुत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। धर्मेंद्र इतने कमजोर हो गए थे कि डॉक्टर ने उनके दोस्त से कहा कि उन्हें दवा कि नहीं, खाने की जरूरत है।
बॉलीवुड में हीरो बनना कोई आसान काम नहीं है, यहां आपको निरंतर मेहनत और परिश्रम करना पड़ेगा, तभी आप सफल हो सकते हैं और धर्मेंद्र ने यह सब करके दिखाया जिसकी वजह से उनका जलवा आज भी कायम है। धर्मेंद्र ने जो शोहरत और मुकाम हासिल किया है, उसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष और परिश्रम किया है, जिसका पता हमें ऊपर दी गई कहानी से लग जाता है।
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