कोरोनावायरस के इस मुश्किल समय में प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रयासी मज़दूर की सहायता करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति ले कर हज़ार बस का प्रबंध कराया पर हाल ही में अदिति सिंह, कांग्रेस की ही एक कार्यकर्ता ने इस पर सवाल उठाया।
हुआ क्या विस्तार में जानिए
अदिति सिंह को पिछले वर्ष ही विधान सभा में रायबरेली की टिकट मिली थी। इनके पिता अखिलेश सिंह इसी सीट से पाँच बार विधायक बन चुके है। अदिति के मैनेजमेंट की डिग्री समाप्त करने पर इन्हे भी इसी सीट का टिकट दिया गया।
इन्होंने कांग्रेस पर ही प्रश्न उठाया की यदि बस को भेजना ही था तो उसे महाराष्ट्र,राजस्थान और पंजाब जैसे जगह पर क्यों नही भेजा गया जहाँ बहुत अधिक संख्या में मज़दूर है?
ऐसे प्रश्न उठाने पर कांग्रेस ने इन पर आरोप लगाया और इन्हें सारे पद से निलंबित भी कर दिया गया है। अदिति के अनुसार प्रियंका कांग्रेस का नाम बढ़ाने के लिए केवल ढोंग कर रही है। इन्होंने यह तक कहा कि प्रियंका बस की ‘बोगस लिस्ट’ दिखा कर केवल समय व्यर्थ कर रही है।
जानकारी के लिए अदिति को नवंबर में ही पार्टी से निकाल दिया गया था। इन्हें महिला कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव पद से भी हटा दिया गया था।
अदिति ने कहा –
“आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, 1000 बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा और एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना दस्तावेज के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।”
aditya ki posting bhi usi sthaan par honi chaahiye, abhi der nahi hui hai.