क्या आप जानते है कि अमेजॉन की शुरुआत एक गरॉज़ से हुई?

जेफ बेज़ोस, दुनिया की सबसे बड़ी ई-कामर्स कम्पनी के को खड़ा करने के के सफ़र में बहुत उतार चढाव आए। यह एक बेहतरीन उदाहरण है जिससे हम यह सीखते है कि हर वो इंसान जिसे कामयाब होना है उसे मेहनत और लगन का साथ कभी नही छोड़ना चाहिए।

जेफ बेज़ोस का जन्म 12 जनवरी, 1964 को मेक्सिको में हुआ। इनकी माँ नाबालिग़ थी और जब यह केवल डेढ़ वर्ष के थे , जेफ के पिता से तलाक हो गया था। फिर थोड़ी पढ़ाई इन्होंने अपने सौतेले पिता के घर पर की, पर वह बात कुछ बनी नही और वे अपनी नानी के घर चले गए और आगे की पढ़ाई वही पूरी की।

पढ़ाई करने के बाद इन्हें नौकरी के लिए वॉल स्ट्रीट से ऑफ़र आया। काम में बहुत ईमानदार होने के कारण इन्हें कम्पनी का सिनियर वाइस प्रेसीडेंट बनाया गया।

लेकिन जैफ नौकरी करने वालों में से नही थे । साल 1994 में अपनी नौकरी छोड़ने के बाद इन्होंने एक गराज़ में तीन कम्प्यूटर का सेटप किया और 1994 में ही अमेजॉन की रचना की । इन्हें इसका विचार इंटर्नेट सर्फ़िंग करते समय आया। इन्होंने जाना की कुछ बीस मिलियन लोग इंटर्नेट पर ऐक्टिव रहते है । शुरुआत में अमेजॉन केवल ऑनलाइन किताबों का स्टोर था।

इन्होंने पहले अपने कम्पनी का नाम केडेब्रा डॉट कॉम रखा था पर फिर इसे बदलकर विश्व की सबसे विशाल नदी अमेजॉन पर इसका नाम रखा। अमेजॉन जैसा पहले कुछ नही आया था इसीलिए लोगों ने इसे बहुत पसंद किया । एक ही महीने में 50 स्टेट और 45 दूसरे देशों में किताबें बिकने लगी।

सितंबर 1995 तक अमेजॉन हर हफ़्ते बीस हज़ार डॉलर के सेल्ज़ करता था। 2007 तक अमेजॉन ने अपने आपको एक बेहतरीन ब्राण्ड के रूप में खड़ा कर लिया था और इसके बाद इन्होंने किंडल नाम का ई-बुक शुरू किया। इसके माध्यम से हम किताबों को डाउनलोड करके पढ़ा सकते है।

अमेजॉन के व्यवसाए से जैफ दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति भी बन चुके है। ब्लूमबर्ग इंडेक्स के मुताबिक़ 16 जुलाई , 2018 को इनका नेट वर्थ 150 बिलियन डॉलर है। 2008 में बेजोस को कॉर्नेगी मेलॉन विश्व विध्यालय से विज्ञान और प्रौधोगिकी में मानद डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया गया।

जब इनसे पूछा गया की इनके सफल ज़िंदगी और बिजनेस का राज क्या है तब उन्होंने कहा कि दूसरे सीईओ के मुक़ाबले वे ज्यादा घंटे की नींद लेते है और कम फ़ैसले लेते है लेकिन दिल से लेते है। इसके अतिरिक्त वे अपने सबसे महत्वपूर्ण मीटिंग को सुबह की रखते है।

इन्होंने अपने एक इंटर्व्यू में बेस्बॉल का उदाहरण देते हुए कहा की बेस्बॉल में होम रन के लिए खिलाडी बैट को काफ़ी स्विंग करता है जिसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। फिर इन्होंने बिजनेस और बेस्बॉल के बीच फ़र्क़ बताया। वह बोले की बेस्बॉल में उस मेहनत के बदले उन्हें 4 रन मिलेंगे लेकिन बिजनेस में सफलता मिलने पर क़रीब 1000 रन मिल सकते है।

इनसे बहुत से लोग प्रेरित भी हुए है। बेजोस ने समाज की ओर अपनी जीमेदारी समझते हुए लोगों को आगे बड़ते रहने के लिए उनका मार्ग दर्शन भी किया । इन्होंने कहा – “ यदि आप आलोचना झेलना नही चाहते तो कभी भी कुछ नया करने का ट्राई मत कीजिए” और कहा कि “ कड़ी मेहनत करो ,मज़े करो और इतिहास बनाओ।займы онлайн на карту срочно


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