सिंघम फिल्म तो देखी है ना आपने 22 जुलाई 2011 को रिलीज हुई थी। रोहित शेट्टी ने डायरेक्ट किया था इसे। देख कर मजा आया था ना। अरे जो नया हीरो मिला था अरे नया हीरो मतलब पुलिस की पहचान सिंघम से होने लगी थी। क्या आप लोगों को पता है अजय देवगन को स्टार बनाने के लिए उनके पिता ने कितनी जी तोड़ मेहनत की थी। नहीं पता है तो कोई बात नहीं हम बताएंगे… । ध्यान से पढ़िएगा, अजय को अजय बनाने के लिए पिता ने कैसा संघर्ष किया था….
14 की उम्र में भाग आए मुंबई
वीरू देवगन अजय देवगन के पिता थे। अब हमारे बीच नहीं हैं । 22 मई 2019 को उनका देहांत हो गया था। वीरू को बॉलीवुड से खासा लगाव था। हीरो बनना चाहते थे। अभी हीरो बनने के लिए मुंबई तक का सफर तो करना ही था । उम्र 14 साल, दोस्तों के साथ अमृतसर से मुंबई के लिए ट्रेन पकड़ ली। ट्रेन का टिकट भी ले लिया था। उतरने पर पकड़े गए और 7 दिन हवालात में काटे।
फिल्मी जुनून लेकर आए थे, 7 दिन हवालात में काट लिए ,बाहर निकले, मुंबई नगरिया देखी। देखने में बड़ी सुंदर लग रही थी लेकिन बड़ी खर्चीली थी। खर्च कैसे चलता इसके डर से उनके दोस्तों घर भाग गए। वीरू ने पेट के लिए टैक्सियों साफ करना शुरू कर दी साथ – साथ कारपेंटर का भी काम करने लगे। लगे रहे क्योंकि एक्टर बनने का जुनून था ना, डायरेक्टर प्रोड्यूसर फिल्मी स्टूडियो के दफ्तरों के चक्कर काटने लगे। कहीं ठिकाना नहीं मिल रहा था। वीरू को समझ आ गया कि इस मायानगरी में हीरो बनने के लिए चॉकलेटी, गोरा और खूबसूरत चेहरा होना जरूरी है जो उनके पास नहीं है। हालांकि भागे नहीं क्योंकि डांस करना आता था ना, एक्शन करना आता था ना, इसलिए बतौर कोरियोग्राफर और एक्शन डायरेक्टर फिल्म जगत से जुड़ गए। लेकिन यह प्रण लेते हुए फिल्मी जगत से जुड़े की वह अपने बड़े बेटे अजय को बॉलीवुड का स्टार, चमकता सितारा बनाकर रहेंगे।
छोटी उम्र से ही अजय को दिया फिल्मी ज्ञान
खुद एक्टर नहीं बन पाए लेकिन बेटे को एक्टर बनाने की कसम खाई थी। इसके लिए उन्होंने अजय को छोटी उम्र में ही फिल्मी ज्ञान देना शुरू कर दिया। अजय को फिल्म मेकिंग की बारीकियां सिखाने लगे, अजय को यह बताया कि कैसे स्टंट किया जाता है, कैसे एक्शन किया जाता है सारा ज्ञान अजय को देने लगे, अजय के लिए घर में जिम खुलवा दी, हॉर्स राइडिंग करना सिखाया क्या-क्या नहीं सिखाया लगभग सब कुछ सिखा दिया, छोटी उम्र में है । अजय परिपक्क होने लगे थे।
अजय करीब 18 साल के चुके थे । और उनको फिल्म मेकिंग का ज्ञान हो चुका था। वह कॉलेज में पढ़ाई तो करते ही थे लेकिन जो फिल्मी ज्ञान पिता ने दिया था उसका और उपयोग करते हुए शेखर कपूर की फिल्म ‘दुश्मनी’ एज ए असिस्टेंट शेखर कपूर को असिस्ट करने लगे थे। अभी तक पिताजी ने जो सिखाया था अब सब कुछ हुआ फिल्मी से पर अप्लाई करने लगे फिल्मेकिंग में उनका नॉलेज और बढ़ गया। पिता की ख्वाहिश थी कि मैं इसको स्टार बना कर रहूंगा।
‘तुम्हें इस फिल्म में फलाने लेना चाहते हैं’
ऊपर वाली लाइन यानी सब हेडिंग को पढ़कर आप मन ही मन गुस्सा रहें होगें, कि फलाने कौन है अरे हमने ऐसे टाइटल ही लिख दिया है। फलाने डायरेक्टर के लिए मैंने इस्तेमाल किया है । आगे आपको बताता हूं कौन हैं फलाने। अजय 18 साल के हो चुके हमने आपको तो पहले बता दिया है । अब तक उन्होंने एक्टिंग के बारे में नहीं सोचा था भले ही वह शेखर कपूर को असिस्ट कर रहे थे।
अक्टूबर 1990 की बात है एक शाम अजय देवगन घर लौटते हैं तो देखते हैं पापा वीरू देवगन और डायरेक्टर संदेश/कुकु कोहली गपशप कर रहे हैं घर पर बैठकर। उनकी बातें चलती रहती हैं। पापा वीरू देवगन अजय देवगन से कहते हैं बेटा संदेश एक फिल्म बना रहे हैं फिल्म का नाम ‘फूल और कांटे’ है और वह चाहता है कि इस फिल्म में तुम बतौर एक्टर लीड रोल। वीरू देवगन तो अंदर ही अंदर खुश हो रहे थे क्योंकि वो तो चाहते ही थे कि उनका बेटा एक्टर बने, उन्होंने तो कसम खाई थी कि अपने बेटे को एक्टर बनाकर रहेंगे। हालांकि जब उन्होंने अजय से इस बारे में बताया तो। अजय देवगन ने हंसकर कहा अरे पापा आप पागल हैं क्या? अभी तो मैं सिर्फ 18 साल का ही हूं अभी पढ़ने दो कॉलेज है, जिंदगी जी लेने दो। यानी अजय देवगन ने साफ-साफ पिताश्री को मना कर दिया।
हिट हुई फिल्म
अक्टूबर में पिता वीरू देवगन ने अजय से फूल और कांटे में काम करने के लिए कहा था। लेकिन अजय ने मना कर दिया था। ये वाक्य्या अक्टूबर 1990 का था । और नवंबर में अजय ने इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू कर दी। शायद खुद मान गए होगें या पिता जी ने मना लिया होगा। फिल्म 1 साल में बनकर तैयार हो गई और फिल्म 22 नवंबर 1991 को पर्दे पर लगी और जा गई। फिल्म की लागत से तीन करोड़ और फिल्म ने 12 करोड़ रुपए कमाए।
मजेदार बात यह है कि इसी फिल्म से रोहित शेट्टी ने भी अपने कैरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बतौर अस्सिटेंट डायरेक्टर कुकू कोहली को असिस्ट किया था। अजय और रोहित की जोड़ी ने एक से एक मसाला, ताबड़तोड़, एक्शन, थ्रिलर, और कॉमेडी फिल्में बनाई है।
यह फ़िल्म हिट हुई और अजय को लगातार फिल्में मिलती गई और अजय अपनी मेहनत से लगन से काम करते गए। आज अजय देवगन बॉलीवुड इंडस्ट्री का जाना माना चेहरा हैं। अभिनेता के साथ वह एक बेहतरीन निर्माता और प्रोड्यूसर भी हैं।
आपने देखा कि किस तरह अजय को चमकाने में उनके पिता ने संघर्ष किया था। अगर आपको अजय के पिता के वीरू का संघर्ष इस भाषा यानी जो लेख की लिखावट है, एकदम देसी मिजाज और अंदाज आपको अच्छी लगी हो तो जरूर अपने दोस्तों या फ़िर जिसको भी शेयर करना चाहते हैं जरूर शेयर करें।
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इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद ! hairy woman
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