छोटे भाई किशोर कुमार ने चुराया बड़े भाई अशोक कुमार से उनका 'हमदम'!

किशोर कुमार सिर्फ एक थे और हमेशा एक ही रहेंगे। उनके जैसा मस्तीखोर गायक और अभिनेता हमको सिर्फ एक ही बार मिला था और अब हम उनको खो चुके हैं। उनके गाने आज भी हमें कहीं ना कहीं सुनने को अवश्य मिल ही जाते हैं। जब तक वह जिन्दा थे तब तक उन्होंने हर तरीके के गाने में अपनी आवाज़ दी। ज़्यादातर वह उदासी भरे गाने ही गाते थे। लेकिन आज हम उसी में से एक गाने की बात करने जा रहे हैं और उस गाने का नाम हैं ‘कोई हमदम ना रहा, कोई सहारा ना रहा। यह मशहूर गीत ‘ झुमरू’ फ़िल्म (1961) का हैं। इस फ़िल्म में हमे किशोर कुमार जी के साथ-साथ खूबसूरत अभिनेत्री मधुबाला जी को भी देखने का मौका मिला।

असलियत में था अशोक कुमार का गीत

भले ही इस गानों को उनपर फिल्माया गया हैं, उनके ही द्वारा तैयार भी किया गया हैं। परन्तु असलियत में यह गाना उनसे पहले उनके बड़े भाई गा चुके थे। इस गाने को अशोक कुमार ने उस फ़िल्म के लगभग 25 साल पहले गया था। लेकिन यह बात इतनी पुरानी हैं कि शायद ही इसपर किसी ने ध्यान दिया होगा। उस समय किशोर कुमार भी बहुत छोटे थे। उनकी उम्र लगभग 5 साल रही होंगी। परन्तु यह गाना उनके हृदय में इस कदर समा गया था कि उन्होंने बचपन में ही यह बात ठान ली था की बड़े होकर अगर वह किसी फ़िल्म का निर्माण करते हैं, तो उसमे ये गीत दोबारा से ज़रूर दोहराएंगे।

कौन सी फ़िल्म का असलियत में था यह गाना?

यह गाना हमारे दादा-परदादा के ज़माने में बनी फ़िल्म का हैं। आज से लगभग 84 साल पहले (1936) में बनी फ़िल्म ‘जीवन नैया’ का। यह फ़िल्म उस समय की सबसे मशहूर फ़िल्मो में से एक थी। बॉम्बे टॉकीज के एक सदस्य जिनका नाम हिमांशु रॉय था, उन्होंने अशोक कुमार जी को अपनी फ़िल्म के लिए हीरो की तरह अभिनय करने के लिए खुद चुना था। इस फ़िल्म की अभिनेत्री देविका रानी थी।

इसके सुपरहिट होने के दो कारण थे।पहले यह कि इस फ़िल्म में उन दोनों की जोड़ी बहुत जम रही थी और दूसरा यह कि इस फ़िल्म का संगीत सरस्वती देवी जी ने दिया था। जिद्दाबाई के बाद अपने संगीत के लिए पूरे भारत में उनका स्थान दूसरे नंबर पर था।

यह गाना असलियत में जे.एस. कश्यप जी ने लिखा था। इसको गाने के लिए अशोक कुमार जी ने अपना अंदाज़ ना डालते हुए के.एल. सहगल जी का क्लासिकल अंदाज़ अपनाया था। फिर कुछ साल बाद ही उनके भाई किशोर कुमार ने यह गाना अपनी फ़िल्म में डाल दिया। इतना ही नहीं उन्होंने इस गाने के साथ इस कदर हेरा फेरी करी की कोई अच्छे से अच्छा इंसान उस गाने को ना मिला पाता। वो तो ठहरा क्लासिकल गाना और जो इन्होने बनाया था उसमे तो कोई भी इंसान रो दे।

सिर्फ किशोर कुमार ने ही नहीं और लोगो ने भी गाया वही गाना!!

उसके कुछ साल बाद लाता मंगेशकर जी ने भी किशोर कुमार के ही गाने को दोबारा दोहराया। पर इस बार वह किसी फ़िल्म का हिस्सा नहीं था। बल्कि यह गाना उन्होंने उनको इज़्ज़त भरी सलामी देने के लिए गाया गया था। उसके कुछ साल बाद ही उनके बेटे अमित कुमार ने भी उसी गाने को ही तीसरी बार दोहराया। परन्तु, इस बार भी वह किसी फ़िल्म का हिस्सा नहीं बना था। उन्होंने यह गाना अपने पिता को याद करते हुए यह गाया था। लेकिन, हैरानी वाली बात तो यह हैं कि सबने किशोर कुमार जी के ही गाने को चुना। किसी का भी ध्यान अशोक कुमार जी के गाने तरफ नहीं गया।

क्या फ़र्क़ पढता हैं कि किसने गाया या किसने उठाया। फ़र्क़ तो इस बात का पड़ना चाहिए कि लोग दोनों भाइयों को आज भी उनके अंदाज़ के लिए याद करते हैं और हमेशा करते भी रहेंगे। займы без отказа


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