बॉलीवुड में लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी जैसा शायद कोई सिंगर आया हो। सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर की आवाज का जादू सब ने देखा है और मोहम्मद रफी की मंत्रमुग्ध करने वाली आवाज से तो सब वाकिफ हैं। इन दोनों ने मिलकर, अनेकों गाने गाए और दर्शकों के दिल पर राज किया। परंतु, यह बात कम ही दर्शक जानते होंगे कि एक वक्त लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी का झगड़ा हो गया था और दोनों ने एक दूसरे के साथ काम ना करने का फैसला कर लिया था। दोनों का झगड़ा 3 साल चला था। इस बात का खुलासा लता मंगेशकर ने बाद में एक इंटरव्यू में किया और साथ ही साथ इसका जिक्र मोहम्मद रफी पर लिखी गई किताब में भी हुआ।
लता जी ने बताया कि साठ के दशक में उन्होंने फिल्मों में गाना गाने के लिए रॉयल्टी पेमेंट लेना शुरू कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि हर गायक को रॉयल्टी मिलना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने, मुकेश और तलत महमूद के साथ एक एसोसिएशन बनाई और रिकॉर्डिंग कंपनी एचएमवी और प्रड्यूसर से मांग की, गायक को रॉयल्टी पेमेंट मिलनी चाहिए। उनकी मांग पर कोई सुनवाई ना होने पर उन्होंने एचएमवी के लिए रिकॉर्ड करना ही बंद कर दिया। परंतु यह रॉयल्टी लेने वाली बात मोहम्मद रफी को अच्छी नहीं लगी।
मोहम्मद रफी ने साफ-साफ कह दिया था कि उनको रॉयल्टी नहीं चाहते, उनके इस कदम से सभी गायकों की मुहिम को एक धक्का लगा। मुकेश ने लता मंगेशकर को सुझाव दिया कि उन्हें मोहम्मद रफी से बात कर लेनी चाहिए। तो फिर उन्होंने रफी साहब से मुलाकात की और सब ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो वह गुस्से में आ गए और उन्होंने बोला कि “मुझे क्या समझा रहे हो यह जो महारानी बैठी है उसी से बात करो” उनकी बात सुनकर लता मंगेशकर ने भी गुस्से में कह दिया कि “आपने मुझे सही समझा मैं महारानी ही हूं” फिर रफी साहब ने भी पलट कर कह दिया कि“ मैं तुम्हारे साथ गाना ही नहीं गाऊंगा”, तो लता दीदी ने कहा कि“आप यह तकलीफ मत कीजिए, मैं ही नहीं इस बातकाआपके साथ”। इस तरह उनका झगड़ा तीन साढे 3 साल चला।
इस बीच उन्होंने दो-तीन साल साथ काम नहीं किया। लता मंगेशकर ने महेंद्र कपूर के साथ और सुमन कल्याणपुरी ने मोहम्मद रफी के साथ डुएट गाना शुरू किया। इस झगड़े से बॉलीवुड बहुत परेशान था क्योंकि मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर दोनों ही दिग्गज गायक थे और साथ में उनकी आवाज सुनने के लिए सभी बेताब थे।
इन दो दिग्गज कलाकारों को साथ लाने का प्रयास बहुत से सिंगर ने किया परंतु कोई भी सफल नहीं रहा। आखिरकार दिवंगत संगीत निर्देशक जयकिशन ने दोनों की सुला करवाई। इस किस्से के बाद उन्होंने साथ में जो पहला गाना गाया वह फिल्म “पलकों की छांव” के लिए था और बाद में सब ठीक हो गया। बॉलीवुड में दिग्गगज सितारों के बीच झगड़ा आम बात है, परंतु यह पहला वाक्य था जब दो दिग्गज संगीतकार आपस में भिड़े थे। इस लड़ाई का नतीजा यह रहा था कि 3 साल तक, दर्शक इनकी साथ में, मंत्र मुक्त आवाज से वंचित रहे थे।
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