राजेश खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा की मित्रता बॉलीवुड मे बहुत प्रचलित है। पर 1991 चुनाव के दौरान जब राजेश खन्ना कोंग्रेस की ओर थे और शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी की ओर तब इनके बीच दरार पड़ गई।
1991 मे जब लोक सभा चुनाव के समय राजेश खन्ना बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी के विरुध दिल्ली की सीट के लिए लड़ रहे थे तब वे हार गए थे । परंतु लालकृष्ण आडवाणी गुजरात मे भी जीते थे जिसके कारण अब इन्हें दिल्ली और गुजरात मे से किसी एक को चुनना था । इन्होंने गुजरात को चुना जिससे राजेश खन्ना के पास एक और मौक़ा आया कुर्सी जीतने का।
अब इनके विरुध बीजेपी की ओर से खड़े हुए इनके मित्र शत्रुघ्न सिन्हा । इनके बीच मित्रता का प्रारंभ इनके फ़िल्म “आज का एम.एल.ए रामअवतार” से हुआ । जब दोनो के मध्य कुर्सी के लिए मुक़ाबला होने वाला था तो पूरी दिल्ली इनके फ़िल्मों के डायलौग से गूँज उठी । जहाँ एक ओर “ख़ामोश” के पोस्टर लगने लगे वही दूसरी ओर “आय हेट टीयर पुष्पा” के पोस्टर छपने लगे ।
चुनाव के दौरान जब शत्रुघ्न सिन्हा मोर्चा मे जाते तो उन्होंने राजेश खन्ना को शराबी कह दिया जिसके बाद राजेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा से कभी बात नही की। शत्रुघ्न सिन्हा ने माफ़ी भी माँगी, पर राजेश खन्ना ने इन्हें माफ़ नही किया ।
राजेश खन्ना को चुनाव मे पचास प्रतिशत से भी ज़्यादा वोट मिले । राजेश खन्ना को 101625 वोट मिले और शत्रुघ्न सिंहा को केवल 38 प्रतिशत वोट अर्थात 73369 वोट मिले ।
राजेश खन्ना के चुनाव जीतने के पीछे एक कारण यह भी था की 1991 मे ही राजीव गांधी की हत्या हुई थी और इन्होंने अपने हर मोर्चे मे कहा की वे राजीव गांधी के बहुत क़रीबी थे। इससे लोगों में इनके प्रति सहानुभूति जागी। बॉलीवुड मे ऐसे कई सितारे है जिनकी मित्रता की चर्चा होती है और बहुत से ऐसे भी सितारे है जिनकी दोस्ती बिखर गई ।
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