आज से तकरीबन 45 साल पहले यानि कि 25 जून साल 1975 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने देश में आपातकाल लगाया था। जिसे आजाद भारत में सबसे काले दिन की संज्ञा दी जाती है। उस दौरान कई बड़ी हस्तियों को सरकार के कोप का भाजन बनना पड़ा। इस कोप के प्रकोप से किशोर कुमार जी भी नहीं बच पाए थे। आपातकाल के दौरान उनके गानो को बैन कर दिया गया था।
किशोर कुमार जी हिंदी सिनेमा के हरदिल अज़ीज़ गायकों में शुमार रहे हैं। उन्हें उनके कॉमिक अंदाज और रोमांटिक गानों के लिए याद किया जाता है। अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने हिंदी सिनेमा में अनूठी छाप छोड़ी।सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फिल्मफेयर अवार्ड जीतकर उन्होंने एक अलग ही रिकॉर्ड बनाया था। उनके नाम पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हिंदी सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘किशोर कुमार पुरस्कार’ देती है। हिंदी के अतिरिक्त किशोर जी ने बंगाली, असमिया, मराठी, गुजरती, कन्नड़, मलयालम, भोजपुरी, उर्दू, उड़िया आदि कई भारतीय भाषाओँ में अपनी आवाज दी।
माना जाता है कि किशोर कुमार जी अपने उसूलों के बड़े पक्के थे। वे एक बार जो थान लेते थे, उसे करके छोड़ते थे। फिर चाहे परिणाम कुछ भी हो। यही वजह थी कि बड़ी बड़ी हस्तियों की तरह किशोर जी को भी आपातकाल के उस काले दौर का शिकार बनना पड़ा। लेकिन क्यों और कैसे? तो आज के पोस्ट में यही बताते हैं।
तो बात है साल 1975 की। जब पूरे देश में आपातकाल लागू था। उस समय केंद्र सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री का कार्यभार विद्या चरण शुक्ला ( वी सी शुक्ला ) सँभालते थे। उन्हें आपातकाल के दौर में इंदिरा सरकार के प्रचारक के रूप में जाना जाता था।
बताया जाता है कि उन दिनों जनता में कांग्रेस को लेकर काफी आक्रोश था। यह बात कांग्रेस को भी समझ में आ चुकी थी कि यदि उन्हें जनता का दिल जीतना है तो उन्हें किसी ऐसे आवाज कि जरूरत होगी जो उनकी योजनाओं को आम जनमानस के बीच ले जाये।
उन दिनों किशोर कुमार जी हिंदी सिनेमा के स्थापित गायक थे। आम जनता में किशोर कुमार जी काफी लोकप्रिय थे। कांग्रेस का मानना था कि अगर किशोर जी इंदिरा गाँधी के लिए गाने गाएंगे तो इससे जनता के बीच कांग्रेस की विश्वसनीयता बढ़ेगी। इसलिए वी सी शुक्ला ने किशोर जी के पास इस सन्दर्भ में एक सन्देश भिजवाया। किशोर जी ने इस सन्देश को ठुकरा दिया। सन्देश लाने वाले से उन्होंने पूछा कि उन्हें क्यों गाना चाहिए। इस पर उसने जवाब दिया कि ये वी सी शुक्ला का आदेश है। इस जवाब को सुनकर किशोर जी भड़क गए और उन्होंने गाने से साफ इनकार कर दिया। सरकार को यह बात नागवार गुजरी। लिहाजा किशोर जी के गाने दूरदर्शन और आल इंडिया रेडियो पर बैन कर दिए गए। यह बैन पूरे तीन सालों तक लागू रहा। किशोर कुमार के घर पर आयकर के छापे पड़े। उनकी कई फिल्मों को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी किशोर जी ने सरकार के सामने न तो घुटने टेके और न ही आपातकाल का समर्थन किया।
एक बार इस घटना के बारे जब उनसे पूछा गया तो उनका जवाब था ” कोई मुझसे वो नहीं करा सकता है, जो मै नहीं करना चाहता हूँ। मै किसी के हुक्म पर नहीं गाता हूँ। ”
(इस पोस्ट में बताई गयी सारी बातें इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार लिखी गईं है। इस पोस्ट से जुडी कोई भी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में लिखकर हमारे साथ साझा कर सकते हैं। अगर आपको हमारा ये पोस्ट पसंद आया तो आप इसे शेयर जरूर करें।) hairy girls
Bilkul sahi kiya kishor ji ne , aatm samman se badhakr koi bhi cheez nhi ho sakti hai. phir yah akbar ka jamana nahi hai ki taansen ki tarah vivash hokar unhe gaana pade. Aaj unka yah vakaya padhkar ek prerna ki lahar doud gayi hai man me.
vidhycharan shukla aisi harkat kar sakta tha