तांगा चलाने वाला कैसे बना अरबों की संपत्ति का व्यापारी

तांगा चलाने वाले ने कैसे खड़ा किया अरबों रुपए का बिजनेस एम्पायर!

एमडीएच के संस्थापक महाशय धर्मपाल गुलाटी, इनके नाम से तो आप भली-भांति परिचित होंगे । लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि श्री धर्मपाल गुलाटी को अपनी इस मसाला कंपनी को खड़ी करने में कितने मुसीबतों का सामना करना पड़ा था । आइए आज हम जानेंगे कि उनकी सफ़लता के पीछे कितना संघर्ष छिपा है।‌

कैसे शुरू किया मसालों का व्यापार

बात उन दिनों की है जब अंग्रेजों से भारत को आजादी मिली थी लेकिन इस आजादी के साथ भारत को विभाजन का सामना भी करना पड़ा था । देश के विभाजन की वजह से बहुत सारे लोगों की जिंदगियां खराब हो गई थी तथा लोगों के काम धंधे भी बर्बाद हो गए थे । हज़ारों परिवारों को रोज़गार की समस्या का सामना करना पड़ा था जिनमें से एक परिवार धर्मपाल गुलाटी जी का भी था । वह रोज़गार की तलाश में दिल्ली आए थे और यहां पर उन्होंने तांगा चलाना शुरु कर दिया था । लेकिन शायद उनकी किस्मत ने ऊपर वाले ने कुछ और ही लिखा था । उन्होंने अपना तांगा अपने भाइयों को दे दिया था और खुद मसाला बेचने का काम करने लगे थे ।

मात्र छोटे से खोखे से की थी शुरुआत

धर्मपाल गुलाटी ने करोल बाग के अजमल खान रोड पर एक छोटा सा खोखा लिया था जिसमें अपने मसाले रख कर बेचा करते थे । धीरे धीरे लोगों के मुंह पर उनके मसाले का स्वाद चढ़ने लगा और उनका मसाले का कारोबार चल निकला। फिर धर्मपाल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और मिर्च मसालों का एक ऐसा साम्राज्य खड़ा किया जो आज अरबों रुपए का है । उनकी देगी मिर्च काफी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी थी तथा 60 के दशक में आते-आते महाशियां दी हट्टी दुकान करोल बाग में एक फेमस दुकान बन चुकी थी । उनके कारोबार में दिन दूनी रात चौगुनी बरकत होने लगी जिसकी वजह से उन्होंने कई दुकानें भी खरीद ली थी । किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वह एक छोटी सी पूंजी से अरबों का बिजनेस खड़ा कर देंगे ।

कारोबार के लिए बैंक से भी लिया कर्ज़

उस समय बैंकों से कर्ज़ा लेने का चलन नहीं था लेकिन  धर्मपाल ने यह ख़तरा उठाया और बैंक से कर्ज़ा लेकर अपनी मसालों की पहली कंपनी कीर्ति नगर में लगाई । पूरी दुनिया में आज उनका एमडीएच मसाला काफ़ी प्रसिद्धि पा चुका है और अपने 93 वर्ष के लंबे सफर के बाद आज उन्होंने 1500 करोड़ का बिजनेस खड़ा कर दिया है । इन सब में उनकी मेहनत लगन और कठिन परिश्रम है । आपको यह भी जानकर आश्चर्य होगा कि गुलाटी सिर्फ पांचवी कक्षा पास है और आज उनकी महीने की तनख्वाह 21 करोड़ है । महाशियां दी हट्टी में उनके 80% शेयर हैं।

तो दोस्तों यह थी आज की एमडीएच कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी के व्यापार करने से लेकर सफलता तक की कहानी। आपको यह कहानी कैसी लगी कृपया करके कमेंट में जरूर बताएं आपके कमेंट हमें मोटिवेट करते हैं और आपसे जोड़े भी रखते हैं। займ на карту срочно без отказа


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3 responses to “तांगा चलाने वाला कैसे बना अरबों की संपत्ति का व्यापारी”

  1. Jagdish malekar Avatar
    Jagdish malekar

    Great!!!

  2. Bharat Singh Avatar

    Best story and ❤️ touching story

  3. Ravindra Rawat Avatar
    Ravindra Rawat

    Super hit

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