Flipcart के बंसल बंधुओं की सक्सेस स्टोरी

“Flipkart” जानी-मानी भारतीय ऑनलाइन इ कॉमर्स कंपनी  । फ्लिपकार्ट के बारे में आपने सुना तो होगा ही। इनके फाउंडर्स के बारे में भी सुना होगा। बिन्नी बंसल और सचिन बंसल दोनों बंसल बंधुओं ने मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की । आज यह कंपनी धुआंधार व्यापार कर रही है। कैसे बंसल बंधुओं ने फ्लिपकार्ट की शुरुआत की।  किन परिस्थितियों से इनको गुजरना पड़ा, आज सब पर चर्चा करेंगे। देर किस बात की शुरुआत करते हैं..

IIT दिल्ली से निकले दो बंसल बंधु

आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद दोनों बंसल बंदुओ ने  अलग-अलग कंपनी में काम किया और फिर दोनों ने अमेरिका की मशहूर ई-कॉमर्स कंपनी Amazon में साथ काम किया। सचिन बंसल सीनियर थे और बिन्नी बंसल उनके जूनियर थे। दोनों भाई नहीं है। लेकिन दोनों बंसल थे।

2007 में Amazon को किया अलविदा, शुरुआत की अपनी कंपनी

दोनों बंसल बंधुओं ने 2007 में Amazon को छोड़ दिया। अच्छा खासा पैकेज था लेकिन फिर क्यों छोड़ दिया? शायद उन्हें लाइफ में कुछ बड़ा करना था जो उन्होंने किया। बेंगलुरु में दो कमरे में Flipcart नाम कि कंपनी  शुरू की।

जब यह कंपनी 2007 में शुरू हुई थी तब केवल किताबें बेचा करती थी और खुद सचिन बंसल और बिन्नी बंसल स्कूटर से जाकर किताबों की डिलीवरी किया  करते थे। दोनों की मेहनत रंग लाई और 2008-09 में  ने इस कंपनी ने करीब 40 मिलियन रुपए की बिक्री की। निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया और  जापान के सॉफ्टबैंक ने जब इस कंपनी में यानी Flipcart में निवेश किया और 2010 में जब Flipcart ने किताबों के अलावा इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद व मोबाइल आदि भी आनलाइन बेचने शुरू किए तो कंपनी ने उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और दोनों बंसल बंधु सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।

‌शुरुआती दौर में जब यह कंपनी शुरू हुई थी तब भारत में ई कॉमर्स कंपनीयां न के बराबर थी। और जो कंपनियां थी भी वह चल नहीं पा रही थी। क्योंकि लोग बिना किसी सामान को देखें और छुए बिना नहीं लेना चाहते थे और सबसे बड़ा रिस्की यह था कि बिना किसी सामान को देखें और छुए कैसे किसी सामान की ऑनलाइन पेमेंट की जाए । इसमें लोग रिस्क नहीं लेना चाहते थे । लेकिन दोनों बंसल बंधुओं ने कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन ला कर लोगों की मानसिकता बदल दी। इससे पहले भारत में  हर एक ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी या तो क्रेडिट कार्ड या तो डेबिट कार्ड के थ्रू ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन देती थी। लेकिन फ्लिपकार्ड ने कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन लाकर भारतीय बाजार में तहलका मचा दिया। बंसल बंधुओं ने लोगों का विश्वास जीता और सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।

फ्लिपकार्ट के संस्थापक बंसल बंधु, बिन्नी बंसल और सचिन बंसल ने साबित किया है कि अगर किसी काम को लगन और मेहनत के साथ किया जाए तो उस काम में सफलता जरूर मिलती है। 2015 में उन्हें फॉर्ब्स ने अपनी लिस्ट में जगह दी। तब उनकी नेट वर्थ $ 1.3 बिलियन थी। और दोनों समय भारत के  86वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में नामित किए गए थे।

हालांकि दोनों बंसल बंधुओं ने साल 2018 में फ्लिपकार्ट की लगभग 77 फ़ीसदी हिस्सेदारी अमेरिका की मानी जानी कंपनी वॉलमार्ट के हाथों बेच दिया। वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट  हिस्सेदारी लगभग 16 अरब डॉलर में खरीदी ।

आपको बता दें जब 2018 में वॉलमार्ट में फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर  का निवेश का 77 फ़ीसदी की हिस्सेदारी खरीद ली और उसके बाद जब कंपनी के सर संस्थापक और कंपनी के ग्रुप चेयरमैन सचिन बंसल ने 5.5 फीसदी हिस्सेदारी एक अरब डॉलर में वॉलमार्ट को बेचकर Flipcart से अलग हुए थे तो वह और उनके दोस्त बिन्नी बंसल भावुक हो गए थे। क्योंकि दो दोस्त अलग हो रहे थे।  तब सचिन बंसल ने कहा था कि अब वह लंबी छुट्टी पर जा रहे हैं थोड़ा समय परिवार के साथ बिताएंगे और फिर गेमिंग   क्षेत्र में ध्यान देंगे और कुछ नया विकसित करने की कोशिश करेंगे।

बंसल बंधुओं की यह कहानी प्रेरणादायक है। अगर आप भी  कुछ करने की सोच रहें हैं तो रिस्क लीजिए, क्योंकि बिना रिस्क लिए आप अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकते। रिस्क लेना ही जिंदगी है दोस्तो। अगर बंसल बंधुओं ने रिस्क नहीं लिया होता तो Flipcart आज अस्तित्व में न होता।

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