बॉलीवुड की दुनिया, जितनी पर्दे पर रंगीन है उतनी ही परदे के पीछे भी हसीन है। यहां सारे हीरो हीरोइनों के किस्से हमेशा चर्चा में रहते हैं। भारत की जनता तथा मीडिया इन चटपटी किस्सों को जानने के लिए हमेशा बेताब रहती है, लेकिन कुछ ऐसे भी किस्से होते हैं, जो आम जनता तक नहीं पहुंच पाते और उसी बॉलीवुड की दुनिया में रह जाते हैं। शाहरुख खान की मशहूर फिल्म का यह फेमस डायलॉग: “बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं”, लगता है बॉलीवुड को ही देख कर लिखा गया होगा। लेकिन, हम इस आर्टिकल के माध्यम से उन किस्सों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हें ज्यादा दर्शक नहीं जानते।
नरगिस और सुनील दत्त के प्रेम के चर्चे तो सभी ने सुने होंगे परंतु आज हम उन पहलुओं को जानने की कोशिश करेंगे जो सबसे अंजान है। हाल ही में आई फिल्म “संजू” ने नरगिस और सुनील दत्त के कुछ अनजाने किस्से को उजागर किया परंतु सारे किस्सों को नहीं कर पाए। आइए हम कुछ अनजाने किस्सों पर रोशनी डालते हैं।
कई दर्शकों ने यह सुना होगा कि नरगिस और सुनील दत्त की पहली मुलाकात फिल्म मदर इंडिया के सेट पर हुई थी परंतु यह सत्य नहीं है। उनकी पहली मुलाकात एक रेडियो स्टेशन पर हुई थी। यह तब की बात है,जब सुनील दत्त सीलोन रेडियो में बतौर रेडियो जॉकी काम किया करते थे। एक रेडियो शो के दौरान उन्हें नरगिस का इंटरव्यू लेना था और नरगिस उस समय भारत की एक मशहूर अभिनेत्री बन चुकी थी। सुनील दत्त, नरगिस को देखकर इतना घबरा गए थे कि उनसे कोई भी सवाल पूछ ही नहीं पाए, इस वजह से उनकी नौकरी खतरे में पड़ गई थी। इन दोनों की दूसरी मुलाकात विमल रॉय की फिल्म दो बीघा जमीन के सेट पर हुई, जब सुनील दत्त वहां काम की तलाश में पहुंचे थे। सुनील दत्त को देखते ही नरगिस को पिछली मुलाकात याद आ गई और वह हंसकर आगे बढ़ गई।
इस जोड़े के प्रेम कहानी की शुरुआत फिल्म मदर इंडिया के सेट पर हुई। उनकी प्रेम कहानी किसी फिल्मी कहानी से अलग नहीं है। फिल्म के सेट पर एक ऐसा हादसा हुआ जिससे इन दोनों के बीच और नज़दीकियां बढ़ने लगी। एक सीन के दौरान सेट पर आग लग गई और उस आग में नरगिस फस गई, तब सुनील दत्त ने किसी हीरो की तरह उस आग में कूदकर नरगिस को बचा लिया परंतु वह खुद बहुत जख्मी हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। नरगिस रोजाना अस्पताल जाकर सुनील दत्त की देखभाल करती थी। सुनील दत्त मन ही मन में नरगिस से प्रेम करने लगे थे परंतु उन्होंने नरगिस से कभी कहा नहीं क्योंकि उस समय राज कपूर और नरगिस की नजदीकियों के चर्चे काफी सुर्खियों में थे।
इस दौरान सुनील दत्त की बहन बीमार हो गई और नरगिस ने उन्हें बिना बताए उनकी बहन को लेकर अस्पताल चली गई और उनका इलाज करवाया। इस घटना के बाद सुनील दत्त का प्रेम नरगिस के लिए कई गुना बढ़ गया और उन्होंने नरगिस को प्रपोज कर दिया और नरगिस ने उसे स्वीकार कर लिया। कई सालों तक उन्होंने अपने इस प्रेम को गुप्त रखा और सामने नहीं आने दिया। बाद में, जब वह साथ आए तो उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे भी हुए।
बॉलीवुड में कई जोड़ियां आई और गई, परंतु जो प्रेम की परिभाषा इस जोड़ी ने स्थापित करी है वह शायद ही किसी जोड़े ने किया होगा। 70 के दशक में नरगिस की सेहत बिगड़ने लगी और उन्हें कैंसर हो गया, सुनील दत्त ने उनका इलाज बड़े से बड़े हॉस्पिटलों में करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह कोमा में चली गई और डॉक्टरों ने सलाह दिया की अब कुछ नहीं हो सकता परंतु सुनील दत्त ने उनका साथ तब भी नहीं छोड़ा और अंत तक नर्गिस के साथ खड़े रहे। 3 मई 1981 को नरगिस ने आखिरी सांसे ली। नरगिस की मृत्यु के साथ ही भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हुआ परंतु सुनील दत्त और नरगिस की प्रेम कहानी अमर रहेगी।
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