क्रिकेट के किस्से: जब पिता के निधन के बाद सचिन ने शतक लगाया था

भारत का वर्तमान समय में सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। जब क्रिकेट खेल की शुरुआत हुई थी, तब इसे “शाही खेल” माना जाता था परंतु, आजकल हर बच्चा इस खेल को खेलता है और इसका आनंद लेता है। बहुत सारे देशों में भी क्रिकेट लोकप्रिय खेल बन चुका है। सबसे पहले क्रिकेट की शुरुयात ब्रिटेन में हुई थी इसीलिए ब्रिटेन को क्रिकेट का जन्मदाता कहा जाता है। हालांकि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है परन्तु भारत के लोग ज्यादातर, क्रिकेट में दिलचस्पी लेते है। इसलिए, मैं आज आपके साथ इससे जुड़े दो दिलचस्प किससे शेयर करती हूं।

जब पिता के निधन के बाद सचिन ने शतक लगाया था

दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर अपने खेल के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते थे। उनकी हर पारी और शतक यादगार है और आज भी दर्शकों के मन में बसी हुई है। आज हम उनसे जुड़े एक किस्से के बारे में बात करेंगे जब पिता के निधन के बाद सचिन ने शतक लगाया था।

1999 का वर्ल्ड कप चल रहा था और 23 मई 1999 के दिन भारत और केन्या को वर्ल्ड कप का 15 वां मैच खेलना था लेकिन इससे 4 दिन पहले सचिन तेंदुलकर के लिए दुखद खबर आई कि उनके पिता का निधन हो गया है वे तुरंत इंग्लैंड से भारत के लिए रवाना हो गए। उनके रवाना होने के कारण भारतीय टीम को एक बड़ा झटका लगा था क्योंकि सचिन टीम के प्रमुख बल्लेबाज थे। उनके जाने के बाद भारत जिंबाब्वे से 3 रनों से हार गया, सभी को लग रहा था कि पिता के निधन से सचिन बहुत दुखी है और वर्ल्ड कप में शायद लौटे। भारतीय समर्थक लगभग निराश हो चुके थे।

परंतु यूं ही इस क्रिकेटर को क्रिकेट का भगवान नहीं कहा जाता, पिता के अंतिम संस्कार के बाद वह तुरंत अपने टीम के साथ जुड़े और केन्या के खिलाफ मैच में एक शानदार शतक लगाया। इस मैच में उन्होंने 101 गेंदों में 140 रन की धमाकेदार पारी खेली जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी के बदौलत भारत ने 329 रन का विशाल स्कोर बनाया और मैच 94 रनों से जीत लिया। सचिन ने अपना यह शतक अपने पिता को समर्पित किया और शतक बनाने के बाद आसमान की तरफ देखकर उन्हें याद किया।

सचिन और सुधीर की जोड़ी

जैसे रामायण में राम और हनुमान की, महाभारत में कृष्ण और अर्जुन की, वैसे ही क्रिकेट में सचिन और सुधीर की जोड़ी है। आप इस जोड़ी को कलयुग के भगवान-भक्त की जोड़ी भी कह सकते हैं। सचिन के तो लाखों-करोड़ों फैंस है, लेकिन सुधीर गौतम जैसा फैन शायद ही कोई होगा। आप सब सोच रहे होंगे आखिर कौन से ऐसे कारनामें है जिनकी वजह से सुधीर गौतम सचिन के सबसे बड़े फैन बने। तो आइए उनके रोचक तथा अतरंगी किस्सों के बारे में जानते हैं।

साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और भारत एक त्रिकोणीय श्रृंखला खेल रहे थे। 1 नवंबर को इंडिया और ऑस्ट्रेलिया का मैच होना था, तब सुधीर गौतम ने 8 अक्टूबर को अपने घर, मुजफ्फरपुर से साइकिल चलाकर 24 अक्टूबर को मुंबई पहुंचे, क्योंकि उन्हें सचिन से मिलना था। सुधीर गौतम की दीवानगी क्रिकेट और सचिन के लिए इस हद तक है कि उन्होंने 3 नौकरियां छोड़ दी, ताकि वह भारत का मैच और सचिन की बैटिंग देख सकें।

वर्ष 2004 फरवरी में, भारत-पाकिस्तान का मैच, पाकिस्तान में होने वाला था तो इस फैन ने अपनी साइकिल उठाई और साईकिल से ही पाकिस्तान पहुंच गया मैच देखने। 2005 में सुधीर गौतम को इंडियन रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी मिली, उनकी पहली पोस्टिंग हैदराबाद में थी लेकिन जब इंटरव्यू का बुलावा आया, तो उन्हें लगा कि अगर वह इंटरव्यू में जाएंगे तो भारत पाकिस्तान का छठा वनडे मैच छूट जाएगा इसलिए उन्होंने अपना इंटरव्यू लेटर फाड़ दिया।

सचिन तेंदुलकर की मुलाकात जब सुधीर गौतम से हुई तो वह बहुत प्रसन्न हुए और तब से आज तक यह जोड़ी चलती आ रही है। आज भी सचिन तेंदुलकर सुधीर गौतम को भारतीय टीम के मैच के लिए पास मुहैया करवाते हैं।
सुधीर गौतम का प्रेम अपने देश की टीम के प्रति और सचिन तेंदुलकर के प्रति अतुलनीय है और यही तमाम बातें सुधीर को बाकी सब फैंसी अलग करते हैं। займы без отказа


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