देव आनंद साहब से और उनकी अदाकारी से कौन परिचित नहीं है। देवानंद साहब फिल्मी दुनियाँ के सदाबहार अभिनेताओं में से एक रहे हैं। इसके साथ-साथ वे बेहद शांत और सुलझे स्वभाव के थे। उनके सुलझे हुए व्यक्तित्व का अंदाजा, इस घटना से लगाया जा सकता है।
1971में फिल्म ‘गैंबलर ‘ की शूटिंग चल रही थी। अमरजीत इस फिल्म का निर्देशन कर रहे थे। इस फिल्म में काम कर रहे थे, देव आनंद साहब के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और अभिनेत्री जाहिदा।
फिल्म का एक सीन था । जिसमें देव आनंद और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच कुछ कहासुनी होनी थी । शूट चल रहा था, अचानक शत्रुघ्न सिन्हा ने देव आनंद साहब का कॉलर पकड़ लिया। यह देख कर तो फिल्म निर्देशक अमरजीत बड़े गुस्से में आ गए और कट बोलकर सीधा, शत्रुघ्न सिन्हा के पास आ कर बोलते हैं-
” शत्रु !! तुमने देव साहब जैसे इतने बड़े कलाकार का कॉलर कैसे पकड़ा ? सीन में तो ऐसा कुछ भी नहीं लिखा था।”
उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को खूब डांटा क्योंकि उन्हें लग रहा था कि शायद शत्रुघ्न सिन्हा और देवानंद के बीच सच में कोई कहासुनी हुई है। जिस वजह से शत्रुघ्न सिन्हा ने देव साहब का कॉलर पकड़ा है।
शत्रुघ्न अपनी सफाई में कुछ कह पाते ,उससे पहले ही देव आनंद साहब ने निर्देशक अमरजीत को रोका और बोले-
” इसमें शत्रुघ्न की उनकी कोई गलती नहीं है। वह तो अपना काम ही कर रहे थे। स्क्रिप्ट में यह लिखना चाहिए था, पर लिखा नहीं गया। इसमें शत्रुघ्न की क्या गलती है?”
यह सुनकर शत्रुघ्न सिन्हा ने राहत की सांस ली।
शत्रुघ्न सिन्हा को जब निर्देशक अमरजीत डांट लगा रहे थे ,तो वह काफी डर गए थे , क्योंकि उनका फिल्म इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं था वह दौर भी शत्रुघ्न सिन्हा का फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती करियर का था। वैसे तो शत्रुघ्न सिन्हा अपनी अदाकारी और आवाज से जाने जाते हैं। पर पटना से महानगरी तक का सफर उनके लिए आसान नहीं था।
उनका जन्म पटना के पढ़े-लिखे परिवार में हुआ था। उनके पिताजी चाहते थे की वे एक डॉक्टर बनें लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा का झुकाव हमेशा से ही अदाकारी की तरफ रहा था इसलिए उन्होंने ‘पूणे फिल्म इंस्टिट्यूट’ में दाखिला ले लिया और अपना कोर्स खत्म करने के बाद, वे बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने लगे। शत्रुघ्न सिन्हा के मुंह पर कटे का निशान है। जिस वजह से उन्हें शुरुआत में काफी बार रिजेक्शन का सामना भी करना पड़ा। लोग उन्हें देखकर कहा करते थे- “कटी- फटी शक्ल लेकर तुम फिल्मों में हीरो कैसे बन पाओगे?”
ऐसे ही प्रश्नों से परेशान होकर शत्रुघ्न सिन्हा ने प्लास्टिक सर्जरी कराने का फैसला लिया।
यहां तक की उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी के लिए एक प्लास्टिक सर्जन से बात भी कर ली थी। कहा जाता है कि फिर देव आनंद साहब ने ही शत्रुघ्न सिन्हा से कहा था –
“जो तुम्हारी कमियां हैं , तुम उन्हीं को अपनी खूबियां बना लो। बॉलीवुड में अगर काम चल जाए तो नाम भी चल जाता है।”
देव आनंद साहब के ही समझाने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी प्लास्टिक सर्जरी नहीं कराई और फिर से फिल्मों में स्ट्रगल करने लगे।
जब शत्रुघ्न सिन्हा को फिल्मों में बस छोटे-मोटे रोल मिल रहे थे। तब देव आनंद साहब ने ही उन्हें फिल्म ‘ प्रेम पुजारी ‘ में काम दिलाया था। मेरा मानना है कि ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा देवानंद जैसे दिग्गज कलाकार का कॉलर पकड़ने की गलती नहीं करेंगे। देव आनंद साहब के मुताबिक वे(शत्रुघ्न सिन्हा) तो बस अपना किरदार ही निभा रहे थे।
यह छोटा सा वाक्या भी हमें एक सीख दे कर जाता है कि हम जैसे हैं , हमें वैसे ही खुद को स्वीकार करना चाहिए। हमें अपनी कमियों को भी अपनी खूबी में बदल लेना चाहिए। hairy girl
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