टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर 22 अप्रैल की रात को जानलेवा हमला किया। दोनो काम करके स्टूडियो से घर जा रहे थे । रात के दो बजे थे और हमलावरों ने अर्नब की गाड़ी पर प्रहार किया । उन लोगों ने हाथ से गाड़ी के शीशों को तोड़ने की कोशिश की और हाथ में दो बोतल स्याही थे जिसे इन्होंने गाड़ी पर फेंका ।
अर्नब के पीछे ही उनके सुरक्षा कर्मियों की गाड़ी थी जिन्होंने आकर दोनो हमलावरों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया। इनके ख़िलाफ़ एफ.आइ.आर भी दर्ज किया गया और दोनो लोगों को आइपीसी की धारा 341 और 504 के तहत गिरफ़्तार किया गया ।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा की यह पूर्ण रूप से ग़लत है। वे इसे बिलकुल बरदाश नही करेंगे ।
अर्नब ने एक वीडियो दर्शकों के समक्ष रखा जिसमें उन दोनो व्यक्तियों ने कहा की वे कोंग्रेस के कार्यकर्मी है । किंतु सोनिया गांधी ने इसे अस्वीकार किया । पर कोंग्रेस इस आरोप के बाद शांत नही बैठी।इन्होंने अर्नब के विरुद्ध बहुत सारे FIR दर्ज किए ।
शीर्ष अदालत ने 24 अप्रैल को अर्नब के विरुद्ध सारे FIR से अर्नब को तीन हफ़्तों के लिए गिरफ़्तारी से बचा दिया है।
पर पालघर में दो साधुओं और तीन लोगों की हत्या पर अर्नब गोस्वामी ने अपने चैनल रेपब्लिक टीवी में कुछ ऐसा कहा की समस्या और गम्भीर हो गई । इन्होंने इस हत्या के लिए सोनिया गांधी पर इल्ज़ाम डाला। नागपुर सदर थाने में दर्ज एक मामला मुम्बई के एनएम जोशी मार्ग थाने में आया और जब पुलिस जाँच करने आयी तब पुलिस कर्मियों ने आरोप लगाया की अर्नब ने पुलिस पर दबाव डाला और दुर्व्यवहार किया। इसी कारण से पुलिस 2 मई को शीर्ष अदालत तक पहुँची । payday loan
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