रामायण के 'राम' ने क्यों नही रखा राजनीति में क़दम

मौजूदा कोरोनावाइरस से बचने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉक्डाउन की घोषणा की। यह लॉक्डाउन दो बार बढाया भी गया है।

इसी लाक्डाउन के दौरान क्योंकि सबको घर पर ही रहना है , उनके मनोरंजन के लिए और आज की पीढ़ी को हमारी सबसे पुरानी महा गाथा के बारे में बताने हेतु रामायण का प्रसारण फिर किया गया । 32 सालों बाद इसे फिर शुरू किया गया । मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इसका एलान किया तो हर जगह इसकी चर्चा होने लगी । लोग अपनी प्रसन्नता व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया पर लिखने लगे।

डीडी ने कहा की रामायण एवं महाभारत के प्रसारण से डीडी के 40,000 फ़ीसदी दर्शक बढ़ गए है । 16 अप्रैल को रामायण ने विश्व रेकर्ड बनाया । इसके 7.7 करोड़ दर्शक होने के कारण यह विश्व में सबसे अधिक देखा गया और इसने “गेम ऑफ़ थ्रोंज़” को पीछे किया । इतने अच्छे रेस्पॉन्स के बाद ये 4 मई 2020 से स्टार प्लस में भी दिखाया जाएगा।

उम्बरेगाव में जहाँ इसकी शूटिंग होती थी, लोग अरुण गोविल को प्रणाम करते थे क्योंकि वे इन्हें भगवान राम समझने लग गए थे । पूछने पर गोविल ने बताया की दर्शकों का प्रेम ही इनके जीवन का सबसे बड़ा अवार्ड है

आइ.ए.एन.एस को इन्होंने कहा कि इस बार का रेस्पॉन्स पहले से भी अद्भुत है । इन्होंने कहा – “समय का चक्र काफ़ी आगे बढ़ गया है , फिर भी लोगों को यह फ़्रेश लगा।

शो में सीता का किरदार दीपिका चिखलिया ने निभाया और लक्ष्मण का सुनील लहरी ने।

इन तीनो को अभी कपिल शर्मा के शो में देखा गया जहाँ अरुण ने कहा की बहुत सारे मैगज़ीन ने इन्हें और इनके साथ काम करने वाले कुछ कलाकारों को कामुक फोटोशूट के लिए ऑफ़र किया । वे लोग बहुत रुपये देने के लिए भी तैयार थे पर इन सबने माना कर दिया था क्योंकि इनके दर्शकों के सामने इनकी छवि बिगड़ जाती और उनका भरोसा भी तट जाता।

अरुण गोविल उत्तर प्रदेश से है जिसे राजनीति का गढ माना जाता है। रामायण से लोकप्रिय होने के बाद इन्हें दोनो बड़े राजनीतिक पार्टी – भाजपा और कांग्रेस ने बुलाया और आज भी ऑफ़र आते है पर इन्हें सियासत में घुसने की इच्छा नही है।

जब इनसे पूछा गया की इतनी सफलता के बाद वे राजनीति से आकर्षित नही हुए तो उन्होंने कहा – “मुझे ऐसा कभी महसूस नही हुआ। वैसे ये अपने अपने ऐटिटूड की बात है की आपनकी प्राथमिकता क्या है ? आजकल राजनीति भी एक प्रोफ़ेसन की तरह है और मै जिस प्रोफ़ेसन में हूँ , मै उससे संतुष्ट हूँ ।

इन्होंने रामायण के बाद ज़्यादा फ़िल्मे नही की क्योंकि रामायण से इन्हें जो प्रेम मिला ये इनके लिए बहुत अहम है । लोगों की प्रतिक्रिया भी एक कारण है क्योंकि राम का किरदार निभाने के बाद शायद लोग इन्हें और किसी किरदार में स्वीकार नही कर पाते।

अरुण नई पीढ़ी से कहना चाहते है की वे केवल रामायण देखे नही बल्कि समझ कर उससे अपने जीवन में प्रयोग करे । वे कहते है की रामायण हमें रिश्ते सम्भालना सिखाता है। सबसे रिश्ते ठीक करना अनिवार्य है इससे हमारे जीवन में सुख शांति आएगी और जीवन सुखमय हो यही सबकी मनोकामना होती है ।

अंत में यह आज के बच्चों को रामायण देखने के लिए प्रेरित करते है। займ на карту без отказов круглосуточно


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *