Quarantine Center के 'Kumbhkarn' की अनोखी खबर – 80 लिट्टी और 40 रोटी अकेला ही खा जाता है ये इंसान

एक इंसान को जितना हो सके उतना ज्यादा चिंता करने से बचना चाहिए। चिंता करने से इंसान के स्वास्थ्य पर बहुत हानि पहुँचती है। आज के समय मे कई सारी नई खोजे भी की गयी हैं, जिससे यह बात साफ-साफ साबित होती हैं की इंसान की सेहत पर इसका कितना बुरा असर होता हैं। यहाँ तक की जब इंसान परेशान होता है तो वह बहुत ज्यादा खाना खाता है।

इसी वजह से एक इंसान आजकल बहुत मशहूर हो रहा हैं क्योकि वो काफ़ी सारा खा लेता है। इस कारण दूसरे आदमियों के लिए खाना कम पड़ जाता है। अब आप यह सोचते हुए हंस रहे होंगे कि ऐसा कौन सा इंसान है, जो दूसरे इंसानों का भी खाना खा जाता है? तो आपको बता दे कि हम बात कर रहे हैं क्वारंटाइन सेंटर में निवास करने वाले एक आदमी की। उसने दूसरे लोगों का जीना हराम कर दिया है क्योकि वह एक बार में तकरीबन 10 लोगों को खाना खा जाते हैं। आइए जानते हैं कौन है वो आदमी और क्यों वो ऐसा करते हैं?

स्ट्रेस का इंसान के शरीर पर प्रभाव

कहा जाता है जब एक इंसान स्ट्रेस या चिंतन करता हैं। तब उसके शरीर में एक हार्मोन रिलीज होता है, जिसका नाम कोर्टिसोल हार्मोन हैं। यह इंसान की खुराक को हद से ज़्यादा बढ़ा देता है क्योंकि इंसान चिंता में आ जाता है और फिर वो खाना अपने शरीर मे जमा करने लगता है।

कौन है वह इंसान?

हम बात कर रहे हैं अनूप ओझा की। अनूप खराह टांड पंचायत के निवासी हैं। कुछ ही दिन पहले वह क्वॉरेंटाइन के चलते राजस्थान से अपने शहर वापस आ गए थे। उसी बीच उनकी जांच करने के लिए क्वारंटाइन सेंटर वालों ने उन्हें अपने साथ कुछ दिन रुकने के लिए आदेश दिया था। लेकिन किसी को क्या पता था कि वह अपनी आफत को खुद बुला रहे रहे हैं!?

जहां एक तरफ इस मुश्किल घड़ी मे सेंटर में खाली सीमित मात्रा में खाना है। वहीं दूसरी तरफ अनूप 40 रोटियां और 10 प्लेट चावल अकेले खा जाते हैं। यह तो आम दिनों की बात है, लेकिन जिस दिन गलती से लिट्टी बन गयी। तो आप समझ लीजिए कि किसी को भी लिट्टी खाने के लिए नहीं मिलती। आपको बता दें कि वह 80 लिट्टी आराम से खा जाते हैं। हर कोई यह बात सोचता होगा की यह इंसान है की बच्चों की फिल्मों मे आने वाले गणेश जी का रूप!!

ब्लॉक डिपार्टमेंट ऑफिसर ने की जांच

जाहिर सी बात है जब खाने की इतनी कमी हो और उस समय में एक इंसान अकेले इतना खाना खाएगा, तो उसकी रिपोर्ट ऊपरी स्तर पर अफसरों तक तो पहुंचाई जाएगी ही। उसी के चलते एक अफसर(अजय कुमार सिंह) वहां पर पूरे मामले की जांच करने आए थे।

क्या निकाला गया उपाय?

जैसे ही उस आदमी का क्वारंटाइन का समय खत्म होगा, तब उसको अपने घर वापस भेज दिया जाएगा। अभी फिलहाल तो वह कुछ नहीं कर सकते क्योंकि वह उस इंसान को ऐसे खुले आम नहीं छोड़ सकते। займ на карту онлайн


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