भारत में लगभग सभी घर में प्याज का इस्तेमाल किया जाता है चाहे वह सब्जी में तड़का लगाने के लिए हो या सलाद में स्वाद बढ़ाने के लिए सभी में प्याज का इस्तेमाल किया जाता है. बिना प्याज तो मानो सब्जी बन ही नहीं सकती दाल प्याज के तड़के के बिना दाल अधूरी है. कई भारतीय परिवार तो ऐसे हैं जो बिना प्याज भोजन करना भी पसंद नहीं करते लेकिन भारत में एक ऐसा वर्ग भी है जो प्याज को तामसिक मानता है व प्याज का सेवन तो क्या वह सब्जी में उसका तड़का भी नहीं चाहता. वह वर्ग है ‘ब्राह्मण’ आप सभी ने सुना ही होगा कि जब ब्राह्मण के घर भोजन बनता है वह बिल्कुल प्याज इस्तेमाल नहीं करते.
कई लोग नवरात्रों में प्याज का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं लेकिन ऐसा वर्ग बहुत छोटा है ज्यादातर लोग तो भारत में प्याज का सेवन करने वाले हैं. प्याज खाने के अलावा चिकित्सा में भी काम आती है.कई जड़ी बूटियों में प्याज इस्तेमाल किया जाता है और बालों के लिए भी प्याज काफी सहायक साबित होती है चाहे बाल में रूसी कम करनी हो या बाल मुलायम करने हो. यह घरेलू नुस्खे प्याज के वर्षों से चले आ रहे हैं.
प्याज का जन्म
भारत में कई सब्जियां देश-विदेश से लाई गई है. जिनमें प्याज शामिल है इसके अलावा और भी कई सब्जियां है जो बाहर देश-विदेश से आई और हमारे किचन में बरसो से अपनी जगह बनाए हुए हैं. आलू भी हमारे देश में नहीं था वह भी बाहर से आया लेकिन क्या अब संभव है बिना आलू सब्जियां बनाना? इसी तरह प्याज भी हर घर की रसोई में राज कर रही है.
प्याज और राजनीति
प्याज सुनकर आपको कुछ याद आया साल 2018-19 में प्याज के दामों में जो उछाल आई थी जिससे लोगों का उसे खरीद पाना असंभव सा था उस साल प्याज के दाम लगभग डेढ़ सौ पार हो चुके थे. प्याज का दखल घर में तो होता ही रहता है लेकिन प्याज राजनीति में भी हमेशा गर्म मुद्दा बनी रही है. जैसे ही प्याज के दाम बढ़ने लगते हैं तो राजनीति में भी खलबली मच जाती है इसका एहसास 2018-19 में आप देख ही चुके हैं. अगर आपको याद हो तो दिल्ली में एक सरकार सिर्फ और सिर्फ प्याज के कारण ही बदली थी.
प्याज का धार्मिक ग्रंथों में वर्णन
आप जानकर हैरान होंगे कि प्याज का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में भी है.बाइबिल और कुरान दोनों ही धार्मिक ग्रंथ में प्याज का वर्णन है. भारत के धार्मिक ग्रंथों में प्याज को तामसिक बताया गया है इसके बावजूद ना ही इसके प्रति लोगों का रुझान कम हुआ है और ना ही इसका इस्तेमाल. यह बरसों से अपना जादू लोगों पर चला रही है. हिंदू धर्म ग्रंथों में प्याज और लहसुन दोनों को ही तामसिक बताया गया है और उनका सेवन ना करने की सलाह दी गई है इससे जुड़ी कथा भी भारत में मशहूर है.
कथा में कहा गया है कि जिस समय समुंद्र मंथन हुआ और मंथन से अमृत निकाला उसे स्वयं भगवान विष्णु देवों में वितरित करते हैं लेकिन राहु-केतु छल से अमृत का सेवन कर लेते हैं और क्रोध में भगवान विष्णु अपने सुदर्शन से राहु-केतु का सिर धड़ से अलग कर देते हैं और उन्हीं के रक्त से प्याज व लहसुन की उत्पत्ति हुई जिसके कारण हिंदू धार्मिक ग्रंथ इसे तामसिक मानते हैं, कुरान में प्याज का जड़ी-बूटी के रूप में वर्णन किया गया है. आप कुरान के चैप्टर सिक्स में इसे पढ़ सकते हैं, बाइबल में भी प्याज वर्णन देखने को मिलता है.
प्याज का इतिहास
वैसे सभी मानते व जानते हैं कि प्याज के बिना सब्जी का स्वाद कुछ अधूरा सा रह जाता है और जैसे ही सब्जी में प्याज का तड़का लग जाए तो मानो सब्जी का स्वाद बड़ गया है.मुगल भोजन तो बिना प्याज अधूरा ही रहता है यानी प्याज सभी जगह इस्तेमाल की जाती है. जानकारी के मुताबिक तकरीबन 175 देशों में प्याज की खेती की जाती है जानकर हैरान होंगे कि गेहूं की खेती करने वाले देशों की संख्या इसकी आधी है. पूरे विश्व में लगभग 45% प्याज का उत्पादन भारत और चीन द्वारा किया जाता है लेकिन सबसे अधिक प्याज का इस्तेमाल लीबिया में होता है.
आयुर्वेद व प्याज
आयुर्वेद में प्याज को अत्यंत उपयोगी माना जाता है. प्याज आयुर्वेद में चमत्कार के रूप में काम करती है प्याज को कफ व वायुनाशक कहा जाता है.यह शरीर में ऊर्जा प्रदान करने में भी सहायक साबित होती है. यह पाचनतंत्र को भी मजबूत बनाती है. बालों से लेकर त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए प्याज का उपयोग किया जाता है. इसमें विटामिन ए और सी दोनों पाए जाते हैं.
प्याज के नुकसान
अत्यधिक प्याज के सेवन से पेट दर्द हो सकता है साथ ही एसिडिटी की समस्या भी बढ़ सकती है. प्याज खाने से मुंह में बदबू और बकबकापन होने लगता है.
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