इसका उत्तर यह हो सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी अभी भी अपने शुरुआती दौर में है. इसको शुरू हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है. निवेशक जल्दी पैसा कमाने की चाहत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते जा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में जबरदस्त उछाल 2021 की शुरुआत में आया.
लोगों ने 2021 में क्रिप्टोकरंसी में ज्यादा दिलचस्पी दिखानी शुरू की. साल की शुरुआत मैं बहुत से निवेशकों ने इस करेंसी में निवेश करना शुरू किया लेकिन निवेशकों ने करेंसी में निवेश काफी सोच विचार कर किया. शुरुआती दौर में बाजार मैं काफी उछाल दर्ज की गई और निवेशकों को काफी फायदा हुआ लेकिन मई-जून में बाजार में बड़ी गिरावट आई. यानी जिस क्रिप्टो करेंसी की कीमत 64 डाॅलर थी वह लुढ़क कर 31000 डाॅलर पर आ गई जिससे निवेशकों को भारी नुकसान सहना पड़ा. बाद में बाजार मैं काफी सुधार आया लेकिन क्रिप्टो बाजार में अस्थिरता बनी रही.
क्रिप्टो बाजार में अस्थिरता
इसका जवाब यह हो सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है,वह अब भी अपने शुरुआती स्तर पर ही है. लोग इसमें पैसा लगाकर यह देखना चाहते हैं कि यह किस तरह काम करती है उनके निवेश से उनको,फायदा होगा या नहीं निवेशक यह भी जानना चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमत आखिर क्यों व कैसे तय होती है और क्या उनका निवेश इस पर कोई असर डाल सकता है.
उदाहरण: क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें लगातार चढ़ती बढ़ती रहती हैं 2021 के साल की शुरुआत में करेंसी की कीमत 30 डाॅलर से नीचे थी फिर फरवरी में जाकर इसकी कीमतें चढ़ने लगी और फरवरी के अंत तक यह फिर से 30 डाॅलर पर सिमट गई और फिर जून आते-आते इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई अगस्त में इसकी कीमतें 50 डॉलर हो गई हालांकि बाद में इसमें फिर गिरावट दिखी.
क्या कोई और फैक्टर भी है, जो क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर डालता है
पहला फैक्टर है: करेंसी की उपयोगिता
क्रिप्टो कॉइन को इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों पर सीधा असर डालती है. कई रेस्टोरेंट और बाकी प्लेटफार्म ने क्रिप्टो करेंसी द्वारा लेनदेन की घोषणा कर दी है जिसके कारण करेंसी की कीमतें बढ़ती जा रही हैं.
दूसरा फैक्टर है कॉइन सरकुलेशन
जैसे कि हमें पता है कि क्रिप्टोकॉइन बनाते वक्त ही उसकी माइनिंग की लिमिट तय कर दी थी जो कि 21 मिलियन है यानी दुनिया भर में सिर्फ 21 मिलियन बिटकॉइन ही माइंन किए जा सकते हैं.फिलहाल दुनिया भर में इस हिस्से का 83 फीसदी हिस्सा माइन किया जा चुका है और सरकुलेशन में है.
तीसरा फैक्टर है व्हेल अकाउंट
व्हेलअकाउंट उन्हें कहते हैं जो बाजार में मौजूदा किसी कॉइन के कुल सरकुलेशन में से बड़ा हिस्सा शेयर करते हैं. यह इकोसिस्टम मे काफी दिलचस्प है ये कॉइन की अत्यधिक मात्रा में होल्डिंग कर लेते हैं और जब ये लोग यह हिस्सा बेचने लगते हैं तो इन कॉइनो की कीमत में गिरावट आती है. अगर सभी व्हेलअकाउंट होल्डर एक साथ अपना हिस्सा बेचने लगे तो इसकी कीमतें अत्यधिक प्रभावित होंगी और बाजार में अस्थिरता आएगी.
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