पुस्तक: डार्क हॉर्स
लेखक: निलोत्पल मृणाल
प्रकाशन: हिंद युग्म वेस्टलैंड
पुस्तक समीक्षा: डार्क हॉर्स
यह पुस्तक “डार्क हॉर्स” निलोत्पल मृणाल द्वारा लिखी गई है. लेखक निलोत्पल मृणाल राजनीतिक सामाजिक विषयों पर अपनी किताबों में हमेशा लिखते रहे हैं. लेकिन उन्हें उनकी किताब “डार्क हॉर्स” के लिए जाना जाता है. लेखक को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.लेखक का उपन्यास डार्क हॉर्स उन लोगों की जिंदगी और संघर्ष की कहानी है जो सिविल सर्विस की तैयारी के लिए जी-जान से कोशिश कर रहे हैं.
इस उपन्यास की टैगलाइन है एक अनकही दास्तां यानी जो बात या दास्तां किसी से कहीं ना गई हो और कहीं ना जा सकी हो. लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी इस बात से अनजान हो जिन लोगों ने दिल्ली दरबार, नॉन रेजिमेंट जैसी पुस्तकें पढ़ी हैं तो यह उनके लिए अनजान नहीं है. एक तरह से कहें तो यह कहानी बिल्कुल नई नहीं है पर एक अलग ढंग से लेखक ने इसे प्रस्तुत करने की कोशिश की है यानी लेखक ने कहानी की मरम्मत कर पाठकों के सामने पेश की है.लेकिन ऐसी किताबें पहले भी कई लेखकों ने लिखी हुई है इसीलिए इसे सबसे अलग तो नहीं कहा जा सकता.
इस किताब की भाषा और कहानी कहने का ढंग काफी अलग है कहानी में कई गंभीर और हल्के-फुल्के मामले भी हैं. इस कहानी में आपको यह अंदाजा पहले से ही लग जाता है कि आगे क्या होने वाला है और आप जब इसे एक बार पढ़ना शुरू करेंगे तो इसके साथ बन जाएंगे.
डार्क हॉर्स मैं लेखक ने विद्यार्थियों और उनके परिवार वालों का वर्णन किया है और यही इसकी सबसे खास बात है व पूरी किताब का सबसे बेहतरीन किस्सा भी. लेखक ने कहानी में बिहार और उत्तर प्रदेश के गांव के लोगों का चित्रण किया है यही सबसे अनोखे किस्से मिलते हैं उपन्यास को पढ़ते वक्त ऐसा लगा कि लेखक ने सब कुछ जल्दबाजी में लिखा है. इसे और विस्तार से लिखा होता तो बेहतर व स्पष्ट होता.
कहानी में कई बातों का वर्णन किया है जैसे सिविल सर्विसेज की तैयारी, शादी करना, प्रेम संबंध व उसकी कठिनाइयों को सुलझाना, परीक्षा में पास और फेल होने की दुविधा इत्यादि. पुस्तक में कई लोग जैसे संतोष ,राय साहब, मनोहर, गुरु ,जावेद की कहानी लोगों का काफी मनोरंजन करती है. अगर आपको उत्तर प्रदेश और बिहार के गांव की सैर करनी है तो आप डार्क हॉर्स पर बैठकर कर सकते हैं.
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