डेजर्ट्स आमतौर पर ठंडे, मीठे और भारी होते हैं। उन्हें आयुर्वेदिक भोजन की शुरुआत में परोसा जाता है, क्योंकि इस समय पाचन (अग्नि) सबसे तेज होती है। एप्पेटाइजर के रुप में कोई मीठी चीज मूड को हल्का करती है और पाचन शक्ति को बढ़ाती है। इसीलिए शायद बच्चों की अक्सर खाने से पहले कुछ मीठा खाने की इच्छा करती है। आपको इसे बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए छोटा सा उदाहरण देना चाहूंगा। चूल्हे को पहले कागज से जलाया/सुलगाया जाता है। उसके बाद लकड़ी डाली जाती है। जब लकड़ी जलने लगती है तो, उसमें कोयला डाला जाता है। मीठापन पाचन चूल्हें में कागज का काम करता है, यह अग्नि को भड़काता है। सलाद लकड़ी का काम करता है, जो कि अगली चीज के तौर पर लेनी चाहिए। मुख्य व्यंजन कोयला हैं। वे शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
गाढ़े डेजर्ट्स के लिए, साबूदाना इस्तेमाल करना उचित रहता क्योंकि यह पौधे का स्टार्च होता है और इसे पाचन तंत्र द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और इस तरह से वात संबंधी गड़बड़िया नहीं होती हैं, जैसे कि कॉर्न फ्लोर से होता है। साबुदाना की केवल एक ही खामी है कि इसे मिश्रण में मिलाने के बाद कम से कम 15 मिनट्स तक पकाना बहुत जरुरी होता है। लेकिन इसमें लगने वाला समय फायदेमंद होता है, क्योंकि साबुदाना सूक्ष्म ऊर्जा को संतुलित करता है और पित्त को शांत करता है। ऐसा भी कहा जाता है कि साबुदाना व्यक्ति में कुंडली को अनुकूल बनाता है।
ध्यान दें! केवल अच्छी क्वालिटी का साबुदाना ही खरीदें। कृपया आलू के स्टार्च से बना साबुदाना नहीं खरीदें। आयुर्वेद में यह माना जाता है कि आलू का स्टार्च फ्री रेडिकल्स को आपस में जोड़ता है और उनका पोषण करता है।
सलाह 1
क्योंकि साबुदाना बहुत सख्त होता है और इसे आसानी से नहीं पीसा जा सकता है, मैंने पाया है कि इसे पहले दुगने पानी में एक घंटे तक भिगोना आसान रहता है। इसे इस्तेमाल करने से पहले इसे ब्लेंडर से पीस लें। कृपया इस तरह की रेसिपिज के साथ, जब भी जरुरत पड़े, इस निर्देश का पालन करें।
सलाह 2
पिसा हुआ साबुदाना तुरंत गाढ़ा हो जाता है और केवल एक बार उबालने की जरुरत होती है। अन्य पोषण सलाहकारों के विपरीत, आयुर्वेद मीठे स्वाद को उच्च महत्व देता है। ग्लूकोज ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है, और फिजियोलॉजी के लिए निर्माण सामग्री है, फिर भी, अत्यधिक सेवन करने से, कफ संबंधी गड़बड़िया हो सकती हैं, जिससे गर्मियों में अत्यधिक बलगम बनता है और बीमारियों जैसे की डायबिटीज को बढ़ावा देता है।
डायबिटीज के मरीजों और सीमित पैनक्रियाटिक फंक्शन वाले लोगों के लिए, श्रीलंका के – कुराक्कन आटे की लप्सी एक छोटी “वंडर ड्रग” है (जो दक्षिण भारतीय रागी से बनती है)। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो पैनक्रियाज को उत्तेजित करते हैं। ये तत्व शुगर को ज्यादा सफलता से तब्दील करने और खून में स्थिर शुगर लेवल को बनाये रखने में मदद करते हैं।
इस आटे को कॉर्नफ्लोर की तरह ही इस्तेमाल किया जाता है। इसे पानी में मिलायें और लगभग 2 मिनट्स तक उबालें। फिर भी, साबुदाना की तुलना में, इसका एक नुकसान है कि हर डेजर्ट हल्की सी ब्राउन, नटी कलर की होती है। साबुदाना का रंग साफ होता है और इसमें मिलाये जाने वाले फल का रंग इस पर चढ़ जाता है। आंखें भोजन का आनंद उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इसे पचाना भी महत्वपूर्ण होता है।
ब्राउन केन शुगर इस्तेमाल करना सबसे अच्छा रहता है। शर्करा, परिष्कृत ब्राउन केन शुगर, यह डेर्जट्स के लिए सबसे अच्छे प्रकार की शक्कर होती है। यही एकमात्र शक्कर है जिसका न्यूट्रल प्रभाव है। यह भी याद रखें कि शहद को खाना पकाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यदि इसे 40 डिग्री सेंटीग्रेट से ज्यादा गर्म किया जाता है तो यह जहरीला बन जाता है। कुछ रेसिपीज में ब्राउन शुगर की जगह पॉम शुगर और गुड़ इस्तेमाल किया जा सकता
पॉम शुगर और गुड़ (सभी विटामिन्स और मिनरल्स वाली कच्चे गन्ने की शक्कर) एक ऐसी चीज है जिसे सूप्स, सब्जियों, दाल और चटनी व्यंजनों को अतिरिक्त फ्लेवर देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
यहां कुछ पारंपरिक भारतीय मिठाईयों की रेसिपि दी गयी हैं जिन्हें बनाना बेहद सरल है:
श्री गणेश बेसन के लड्डू
तैयार करने का समय – 30 मिनट्स
वा-पि-क+
ठंडा होने में लगने वाला समय 1-2 घंटे

6 लोगों के लिए सामग्रियां:
- 150 ग्राम मक्खन,
- 150 ग्राम घी 400 ग्राम बेसन,
- 4 चम्मच बारीक कटे हुए बादाम
- 2 चम्मच कद्दू कस किया हुआ नारियल
- 250-350 ग्राम पाउडर शुगर
- 1 चम्मच इलायची पाउडर
- एक चुटकी दालचीनी पाउडर
बनाने की विधि:
- मक्खन और घी को मोटे तल वाले फ्राइंग पैन में,
- कम आंच पर पिघलायें।
- बेसन डालें और लकड़ी के चम्मच से मिलायें।
- 15 मिनट्स तक आटे को लगातार चलाते रहने के बाद इसे पर्याप्त मात्रा में भुन लेना चाहिए ताकि इसमें से मेवे/नटी जैसी महक आने लग।
- अब कद्दूकस किया हुआ नारियल, कटे हुए बादाम और पिसी हुई इलायची (या कैसिया) डालें।
- सभी सामग्रियों को मिलाते हुए अगले 2 मिनट्स तक भूनें। पैन को आंच से हटा लें, पाउडर शुगर डालें और अच्छी तरह से मिक्स कर लें।
- कांटे से दबाकर गुठलियों की जांच करते रहें जब तक आपको स्मूद मिक्सचर नहीं मिल जाता।
- इसे ठंडा होने के लिए कुछ मिनट्स के लिए अलग रख दें। जब यह छूने लायक ठंडा हो जाए, अपनी उंगलियों को गीला करें और मिक्सचर के अखरोट के आकार के गोले बना लें।
- इससे 25-30 गोले /लड्डु बन जाने चाहिए।
थोड़ा हटके: आप मिक्सचर को बेकिंग ट्रे पर फैलाकर इसे हीरे के आकार के टुकड़ों में भी काट सकते हैं। बादाम की बजाय, कटे हुए अखरोट ट्राई करें।
लीजिए आपके लड्डू तैयार हैं अपने परिवार को बाहर से खरीदे गये लड्डुओं की बजाय अपने हाथों से ताजा बने हुए लड्डु खिलाएं और उनकी तारीफ पायें। लड्डुओं को एक हफ्ते तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
वैकुन्ठ खीर
समय की आवश्यकता – 60 मिनट्स।
वा-पि-क+

4 व्यक्तियों के लिए सामग्रियां:
- 120 ग्राम बासमती चावल
- 2 लीटर मलाई युक्त दूध
- 4 चम्मच क्रीम
- 100 ग्राम ब्राउन शुगर
- 2 चम्मच बादाम के फ्लेक्स/टुकड़े घी में भूने हुए
- 2 चम्मच पिए हुए काजू घी में भूने हुए
- आधा चम्मच पिसी हुई इलाइची
- 2 चुटकी पिसी हुई लौंग
- 1 चम्मच गुलाबजल
सलाह 1:
गर्म पित्त मौसम में, पुडिंग/ खीर को ठंडा परोसा जा सकता है। खीर को कुछ घंटों तक रखने के बाद ऊपर बतायें अनुसार परोसें। इसे परोसने से कम से कम आधा घंटा पहले बना लेना चाहिए। बेक्ड बनाना प्यूरीज के साथ यह बहुत पौष्टिक खाना बन जाता है।
बनाने की विधि:
खीर का मतलब है अमृत दूध। यह सच में भूख जगाने वाला दूध और चावल का मिश्रण है और इसका सामान्य खीर से ज्यादा बेहतरीन स्वाद होता है। इसे आजमायें।
- चावल धोकर एक तरफ रख दें।
- एक बड़े से बर्तन में दूध को उबालें और इसे 15 मिनट्स तक उबलने दें, ध्यान दें कि यह बहुत ज्यादा न उबले।
- इसे लकड़ी के चम्मच से बराबर घुमाते रहें ताकि यह बर्तन के तल पर चिपके।
- उसके बाद चावल और दालचीनी डालें और अगले 20 मिनट्स तक मध्यम आंच पर पकायें।
- मिश्रण के गाढ़ा होने तक इसे लगातार चलाते रहें।
- दूध को तब तक पकाते रहें जब तक यह घटकर आधा न रह जाये।
- एक बर्तन में थोड़े सा घी डालें और बादाम व काजू को सुनहरा होने तक भूनें।
- उसके बाद भूने हुए मेवे और चीनी को खीर में मिलायें और अगले 5 मिनट्स तक पकायें।
- खीर का गाढ़ापन अब मलाई जैसा हो जाना चाहिए।
- भारतीय खीर का गाढ़ापन हमारी मिल्क पुडिंग जैसा नहीं होता है, बल्कि यह पतला, मलाईदार टैक्सचर होता है।
इस दिव्य डेजर्ट को हर जश्न के दौरान बनाया जाता है। बर्तन को आंच से हटा लें और गुलाब जल डालकर मिला लें। डेजर्ट प्लेट या भुने हुए बादाम डाले हुए कटोरे में परोसे और दो पुदीने की पत्तियों से सजायें।
ऑनलाइन फॅमिली / दोस्तों के साथ लूडो खेले फ्री
लाजवाब वनीला पुडिंग
समय की आवश्यकता -25 मिनट।
वा- पि-क+

2-4 लोगों के लिए सामग्रियां:
- आधा लीटर मलाई वाला दूध या एक-चौथाई लीटर क्रीम एक-चौथाई पानी के साथ 1 पैकेट वनीला पुडिंग पाउडर
- 2-3 चम्मच वनीला शुगर
- 4 चम्मच नारियल क्रीम
- 3 चुटकी केसर 1 चम्मच पिसी हुई शक्कर के साथ
सलाहः
वनीला कस्टर्ड बनाने के लिए तैयारी, मूल रेसिप के अलावा लगभग 100 मिली मलाई वाला दूध और 1 चम्मच वनीला शुगर ज्यादा लीजिए!
बनाने की विधि:
- पुडिंग पाउडर को 4 चम्मच दूध (या मलाई के मिश्रण) के साथ मिलायें।
- नारियल क्रीम, वनीला शुगर और केसर मिलाएं उसके बाद इसे अच्छी तरह से फेंट लें।
- बचे हुए दूध (मलाई के मिश्रण) को सॉसपैन में उबालना चाहिए।
- तापमान को कम करें और धीरे-धीरे पुडिंग मिश्रण में मिलायें।
- इसमें एक और उबाल आने दें, इसे बराबर चलाते रहें।
- कुछ छोटे डेजर्ट के बर्तनों को धोएं और उसमें गर्म पुडिंग डालें।
- पुडिंग वाले कटोरों को ठंडा करने के लिए थोड़ा पानी भरे कटोरों में रख दें।
- जब पुडिंग ठंडी हो जाये, इसे डेजर्ट प्लेट पर पलटें और इसे पॉमग्रेनेट शर्बत या रेस्पबेरी सॉस से सजायें।
- आप इसे बादाम के टुकड़ों, थोड़ी सी क्रीम और पुदीने के पत्ते से भी सजा सकते हैं।
सदगुरु बादाम बर्फी
तैयार करने का समय 30 मिनट्स
वा- पि-क+
ठंडा होने में लगने वाला समय 1-2 घंटे

6-8 व्यक्तियों के लिए सामग्रियां:
- 2 कप छिलके वाले और पिसे हुए बादाम
- 250 ग्राम ब्राउन शुगर या पॉम शुगर
- 250 एमएल क्रीम,
- 250 ग्राम मक्खन 1
- 50 ग्राम मिल्क पाउडर,
- आधा चम्मच इलायची
- 2 चम्मच वनीला शुगर
सलाहः
यदि मिश्रण पर्याप्त रुप से गाढ़ा नहीं है तो, आप पकाते समय और मिल्क पाउडर डाल सकते हैं।
बनाने की विधि:
- गहरे बर्तन में मक्खन और शक्कर को हल्का कैरामलाइज करें। आंच कम रखें और मसाले डालें।
- मध्यम आंच पर अच्छी तरह से मिलायें, लगातार चलाते हुए धीरे-धीरे क्रीम डालें। सावधान रहें कहीं जल न जाये।
- अब चम्मच से मिल्क पाउडर डालें।
- मिश्रण में बुलबुले उठने और गाढ़ा होने तक लगातार चलाते रहें।
- आंच बंद कर दें और बादाम डालें, अच्छी तरह से मिक्स करें।
- गर्म मिश्रण को एक स्टेनलेस स्टील की ट्रे या बेकिंग ट्रे (एल्युमिनियम नहीं) में स्पैचुला से समान रुप से फैला दें।
- आप उसके नीचे बेकिंग पेपर भी रख सकते हैं।
- मिश्रण लगभग 5 सेंटी मोटा होना चाहिए।
- इसे 1-2 घंटे तक ठंडा होने दें और उसके बाद इसे डायमंड्स के आकार या चोकोर काट लें।
‘श्रीहरि’ काजू बर्फी
तैयार करने का समय – 30 मिनट।
वा- पि-क+
ठंडा होने का समय – 1-2 घंटे

6-8 व्यक्तियों के लिए सामग्रियां
- 2 कप साबुत काजू
- 250 ग्राम ब्राउन शुगर या पॉम शुगर
- 250 ग्राम मक्खन
- 150 ग्राम मिल्क पाउडर
- 2 कप रिकॉटा चीज (200 ग्राम)
- आधा चम्मच दालचीनी
- आधा कप इलायची
- एक चौथाई चम्मच लौंग
सलाह 1:
भारत में दुकानों से पतली सिल्वर फॉयल खरीद सकते हैं, जिसे खाया जा सकता है। जब आप इसे बर्फी के ऊपर रखते हैं तो यह बहुत बढ़िया दिखती है।
सलाह 2:
आप बादाम और काजू की जगह पिस्ता, सूरजमुखी के बीज या अखरोट इस्तेमाल कर सकते हैं।
सलाह 3:
बर्फी को दो घंटे तक फ्रिज में रखें और इसके बाद आपको मिलती है स्वादिष्ट ठंडी मिठाई।
बनाने की विधिः
- यह बादाम बर्फी का ही एक रुप है।
- बादाम की जगह काजू और क्रीम की जगह रिकॉटा चीज इस्तेमाल करें।
- सबसे पहले काजू को एक फ्राइंग पैन में मक्खन के बगैर भून लें।
- भूनने के बाद उन्हें मिक्सर में बारीक पीस लें। अब उन्हें एक तरफ रख लें।
- एक फ्राइंगपैन में मक्खन और शक्कर डालें और उन्हें हल्का सा कैरामलाइज करें। आंच बंद कर दें।
- मसाले डालें, जो ताजे पिसे हुए हों।
- सभी चीजों को हैंड व्हिस्क से अच्छी तरह मिला लें।
- मध्यम आंच इस्तेमाल करें और धीरे-धीरे रिकॉटा चीज डालें, इसे लगातार चलाते रहें। ध्यान रखें कि यह पैन पर चिपके नहीं। यदि चिपकने लगता है, तो आंच बंद कर दें।
- अब मिल्क पाउडर डालें, लकड़ी के चम्मच से मिक्स करें, इसमें बुलबले आने और गाढ़ा होना शुरु होने तक उबालें।
- आंच बंद करें और पिसे हुए बादाम मिक्स करें।
स्पैचुला की मदद से गर्म मिश्रण को एक स्टेनलेस स्टील ट्रे या बेकिंग ट्रे में समान रुप से फैला दें। मिश्रण लगभग 5 सेंटी मोटा होना चाहिए। इसे 1-2 घंटे तक ठंडा होने दें और उसके बाद इसे डायमंड्स की शक्ल में या चोकोर काट लें।
इसे एक हफ्ते तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
लस्सी
लस्सी एक सरल, स्वादिष्ट दही का पेय है जिसे पारंपरिक तौर पर दोपहर के भोजन के आखिर में पिया जाता है। गर्मियों में, जब आपको बहुत प्यास लगी हो तो यह बहुत ताजगी भरी और पौष्टिक होती है। लस्सी पेट को शीतलता देती है और आंतों की सफाई करती है और मजबूती प्रदान करती है। यह आपको डायरिया में मदद करती है और खासतौर पर एंटीबायोटिक लेने के बाद गुणकारी होती है। लस्सी सभी दोषों को संतुलित करती है। आपको सूरज डूबने के बाद लस्सी नहीं पीनी चाहिए।
स्वीट हनी लस्सी
तैयार करने में लगने वाला समय – 5 मिनट
वा- पि-क+

2 लोगों के लिए सामग्रियां
- 1 कप ताजी दही,
- 2 कप पानी एक संतरे का रस,
- 2-3 चम्मच शहद 2 चुटकी इलायची पाउडर,
- 2 चुटकी दालचीनी
- 2 चुटकी अदरक पाउडर,
- 1 चुटकी चक्र फूल
- आधा चम्मच गुलाब जल
बनाने की विधि:
- मसालों को पीस लें।
- दही को संतरे के रस, पानी, मसालों, शहद और गुलाबजल के साथ गहरे कटोरे में डालें।
- हैंड व्हिस्क से अच्छी तरह से मथ लें।
- लीजिए आपकी एक और स्वादिष्ट ड्रिंक तैयार है।
वैकुंठ मैंगो लस्सी
वेदों में वैकुंठ का अर्थ है “स्वर्ग में उच्चतम स्थान”
तैयार करने में लगने वाला समय – 10 मिनट वा-पि-क+

4 लोगों के लिए सामग्रियां:
- 1 पका हुआ आम
- 2 कप दही,3 कप पानी,
- 2 चम्मच गुलाब जल
- 3 चम्मच ब्राउन शुगर
- 3 चुटकी पिसा हुआ अदरक,
- 3-3 चुटकी इलायची और दालचीनी,
- 2 चम्मच केसर
- 4 पुदीने की पत्तियां
- थोड़े से पिसे हुए पिस्ता
बनाने की विधि:
- आम को छील लें और गुठली से गूदा हटा लें। गूदा काट कर एक बर्तन में डाल दें।
- बर्तन में दही, पानी, मसाले, गुलाब जल और शक्कर डालें और मध्यम स्पीड पर मिक्स करें।
- गिलासों में डालें, प्रत्येक गिलास को पुदीने की पत्ती और पिसे हुए पिस्ते से सजायें।
अनेक जगहों पर आप इन शब्दों को पायेंगे: V, P, K। इनका पूरा विवरण नीचे दिया गया है।
V= वात, P = पित्त, K = कफ।
यदि किसी रेसिपि के सामने V- P+ K-लिखा है तो इसका अर्थ है, वात को घटाता है, पित्त को बढ़ाता है और कफ को घटाता है। (-) का अर्थ है घटाना और (+) का अर्थ बढ़ाना। займ на карту