NASA Latest Report: ताजा रिपोर्ट के मुताबिक नासा मंगल पर सोने से ऑक्सीजन बनाने की योजना बना रहा है। नासा इस साल जुलाई में अपना एक रोवर मंगल के लिए प्रक्षेपित करेगा। इस रोवर का नाम ‘पर्सिवियरेंस’ है। इंसानी जीवन के लिए 200 गुना ज्यादा ऑक्सीजन बनानी होगी। अगर नासा का यह प्रयोग सफल रहता है तो मंगल पर जीवन संभव हो सकता है।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी ( ESA ) के साथ मिलकर नासा मंगल पर इंसान को भेजने की तैयारी कर चुका है। इसके लिए नासा इस साल जुलाई में अपना एक रोवर मंगल के लिए प्रक्षेपित करेगा। इस रोवर का नाम पर्सिवियरेंस है और यह अगले साल 18 फरवरी को मंगल पर उतरेगा और वहां कई वैज्ञानिक गतिविधियों का परीक्षण करेगा। नासा के इस मिशन का मुख्य उद्देश्य मंगल पर इंसानी जीवन के लिए ऑक्सीजन बनाने पर रहेगा।
सोने से बनेगी ऑक्सीजन
नासा के मार्स 2020 मिशन में से एक इस मिशन का नाम ‘मोक्जी’ है। मोक्जी का मतलब मार्स ऑक्सीजन इसरु एक्सपेरिमेंट (MOXIE) होता है। इस मिशन के तहत नासा मंगल के जेजीरो कार्टर पर पर्सिवियरेंस रोवर उतारेगा। इस रोवर को नासा की जेट प्रपल्शन लैब में तैयार किया जा रहा है।
मंगल पर कार्बन डाइऑक्साइड काफी मात्रा मे उपलब्ध है। मंगल के वायुमंडल में 95 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड है। वैज्ञानिक सोने के बक्से का उपयोग कर ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे।
कैसे बनेगी ऑक्सीजन?
जिस प्रकार ईधन सेल में ऑक्सीजन को ईधन के तौर पर जलाया जाता है, यह उसी की विपरीत प्रक्रिया जैसा ही है जिसे सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलिसिस कहते हैं। सोना इस प्रकिया में अहम भूमिका निभायेगा। कार्बन डाइऑक्साइड को करीब 800 डिग्री के तापमान पर गर्म किया जाएगा। इसमें से इलेक्ट्रलिसस प्रक्रिया के जरिए ऑक्सीजन को अलग किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया एक बक्से में होगी। सोना जल्दी से गर्मी नहीं फेंकता है। ऐसे में इसका फायदा होगा।
जीवन हो सकता है संभव
मोक्जी की क्षमता के मुताबिक वह हर घंटे में छह ग्राम ऑक्सीजन बना सकता है जो एक कुत्ते को जीवित रखने के लिए काफी होती है। इंसानी जीवन के लिए 200 गुना ज्यादा ऑक्सीजन बनानी होगी। अगर नासा का यह प्रयोग सफल रहता है तो मंगल पर जीवन संभव हो सकता है।
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