राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच एक बड़ी खबर आ रही है। यह खबर अशोक गहलोत सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। दरअसल, फोन टेपिंग मामले में जो दिन भर बहस चली, उसमें गृह मंत्रालय सामने आ गया है और राजस्थान के चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांग ली है।
राजस्थान की पुलिस में शिकायत की गई है। वहां के मुताबिक दो तीन नेताओं का नाम दिया गया है, जिनमें कुछ विधायक हैं और बिचौलिए भी हैं।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल उठाया था कि गहलोत सरकार ने फोन टेप करने का अधिकार किसने दिया और सरकार कहीं से भी यह नहीं बोल रही है कि फोन टेप किसने कराया, किसके कहने से कराया क्योंकि गहलोत ने यहां तक बोल दिया था कि अगर उन्होंने कराया या, उनकी ऑफिस ने कराया तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
लेकिन गहलोत सरकार इन सब सवालों के घेरे में हैं और उसी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पकड़ लिया है और जो रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी से मांगी गई, वह बहुत भारी पड़ने वाली है। उसका जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। जो ऑडियो आया उसका सच क्या है? और उसकी जांच होनी चाहिए। देखते हैं इसको लेकर गहलोत क्या जवाब देते हैं और इसको लेकर क्या राजनीति होती है।