राजस्थान हाईकोर्ट ने आज कहा कि सचिन पायलट और अन्य बागी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अदालत ने कहा कि अयोग्यता नोटिस के खिलाफ विद्रोहियों की याचिका पर फैसला आने तक “यथास्थिति” रहेगी।
यह तीसरी बार है जब स्पीकर को उच्च न्यायालय ने विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई को स्थगित करने के लिए कहा है। कोई भी अदालत उसे ऐसा करने के लिए नहीं कह सकती है, स्पीकर ने कल सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया था, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ था।
हाईकोर्ट का यह फैसला सचिन पायलट के लिए बड़ी राहत है. इसके पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्पीकर को शुक्रवार तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था, जिससे कि पायलट को वक्त मिल गया था. लेकिन स्पीकर सीपी जोशी हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि स्पीकर के पास नोटिस जारी करने का अधिकार है. उन्होंने कहा था कि कार्रवाई करने तक कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इसपर सुनवाई हुई थी और मामले को अगली सुनवाई के लिए सोमवार तक टाल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट का फैसला उसके अधीन रहेगा।
बता दें कि पिछले हफ्ते राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेसी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भेजा था। पायलट और बाकी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बुलाई गई विधायकों की दो बैठकों में शामिल होने से इनकार कर दिया था और पायलट इस बार आर-पार के मूड में आ गए थे।
विधायकों के बैठकों से गायब रहने और कथित रूप से हरियाणा के किसी होटल में जाकर ठहरने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस स्पीकर के पास पहुंची थी, जिन्होंने इन विधायकों पर ‘पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल’ होने के आरोप के आधार पर नोटिस भेजा था और पूछा था कि उनके खिलाफ विधानसभा में अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई क्यों न की जाए? इस पर पायलट सीधे मामला हाईकोर्ट ले गए थे, जो अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। buy viagra online