बॉलीवुड की दुनिया जितनी बाहर से रंगीन और खुशमिजाज लगती है वैसी अंदर से नहीं है। बॉलीवुड में नाम कमाना आसान नहीं है इसके लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता है। बड़े-बड़े कलाकारों ने इस इंडस्ट्री में आने के लिए और यहां अपना नाम बनाने के लिए बहुत मेहनत की है, परंतु सफलता सभी के हाथ नहीं लगी।
बॉलीवुड में ऐसे भी कलाकार हुए हैं जिन्हें एक जमाने में सभी जानते थे परंतु आज कोई नहीं पूछता, वे सभी कलाकार बॉलीवुड की चकाचौंध जिंदगी में कहीं खो कर रह गए। आज हम एक ऐसे ही कलाकार की बात करेंगे जिसने, शुरुआत में बहुत नाम कमाया परंतु आज गुमनामी भरी जिंदगी जी रहा है। इस कलाकार का नाम है अनवर हुसैन।
अनवर हुसैन को उनके पहले नाम अनवर के नाम से बॉलीवुड में जाना जाता है। अनवर का जन्म 1 फरवरी 1949 को मुंबई में हुआ था। बॉलीवुड के प्लेबैक सिंगर रहे अनवर हुसैन अपनी बेहतरीन आवाज और गायकी के लिए जाने जाते थे उनकी आवाज मोहम्मद रफी से मिलती है, जिसकी वजह से उन्हें पहचान मिली और उन्होंने बॉलीवुड के मशहूर गाने भी गाय। उन्होंने, “यह प्यार था या कुछ और”, फिल्म ‘प्रेम रोग’; “मोहब्बत अब तिज़ारत”, फिल्म ‘अर्पण’; “जिंदगी इम्तिहान लेती है”, फिल्म ‘नसीब’ जैसे कुछ सुपरहिट गाने गाए हैं।
इस बेहतरीन आवाज वाले गायक ने एक समय अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना के लिए भी गाने गाए हैं। अनवर जाने-माने एक्टर अरशद वारसी के सौतेले भाई हैं, उनके पिता आशिक हुसैन वारसी हैं, लेकिन दोनों की मां अलग है। अनवर ने उस्ताद अब्दुल रहमान खान से क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग ली और अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने कॉन्सर्ट में मोहम्मद रफी के गाने गाना शुरू किया और ऐसे ही एक कॉन्सर्ट में म्यूजिक डायरेक्टर कमल राजस्थानी की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने अपनी फिल्म “मेरे गरीब नवाज” में उन्हें गाना गाने का मौका दिया।
अनवर की शोहरत की शुरुआत तब हुई, जब वह कमल राजस्थानी के लिए एक गाने की रिकॉर्डिंग कर रहे थे और वहां मोहम्मद रफी भी मौजूद थे और रिकॉर्डिंग के बाद कमल राजस्थानी ने कहा कि मोहम्मद रफी के बाद अनवर उनकी जगह ले सकते हैं। मोहम्मद रफी उनके गाने से खुश हुए। इसके बाद उन्होंने सुपरस्टार राजेश खन्ना पर फिल्माए गए “तेरी आंखों की चाहत” और “हमसे का भूल हुई” गाने गाए जिन के बाद उनकी आवाज को एक अलग पहचान मिली। अनवर ने लता मंगेशकर, आशा भोंसले और अलका याग्निक के साथ भी गाने गाए हैं।
हर सुपरस्टार अपनी जिंदगी में कभी ना कभी निराशा का सामना करता है, परंतु अनवर के लिए यह निराशा काफी लंबी रही और यही उनके पतन का कारण बनी। रातों रात मिली शोहरत इंसान को घमंडी बना देती है और यही हुआ अनवर के साथ। एक इंटरव्यू में उन्होंने जिक्र किया कि मनमोहन देसाई की फिल्म “मर्द” के लिए उन्हें गाना गाने का ऑफर आया था और उन्हें हर गाने के 5000 मिल रहे थे परंतु घमंड में आकर उन्होंने मनमोहन देसाई से 6000 की मांग की जिसके बाद मनमोहन देसाई ने उन्हें बाहर निकाल दिया और मर्द के सारे गाने शब्बीर कुमार ने गाए।
धीरे-धीरे अनवर को काम मिलना बंद हो गया और 2007 में वह अमेरिका चले गए। अमेरिका जाने वाली बात का खुलासा अनवर ने एक इंटरव्यू में किया था जहां उन्होंने बताया कि फिल्म “आशिकी” रिलीज होने के बाद कुमार सानू मशहूर होने लगे थे और उनका स्टाइल पुराना हो गया था इसलिए वह अमेरिका चले गए। अमेरिका में उन्होंने सिंगिंग क्लासेस देना स्टार्ट किया। वह वीकेंड्स पर सैन फ्रांसिस्को लॉस एंजिल्स में प्रोग्राम भी करते थे परंतु यह सफल नहीं रहा।
आज के समय में अनवर एक गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं और उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, एक 2 साल का और दूसरा 6 साल का। अनवर यह भी बताते हैं कि एक एल्बम के लिए उन्होंने बैंक से 15 लाख का लोन लिया था परंतु ना चुका पाने के कारण बैंक वालों ने उनका घर गिरवी रख लिया, जिसके बाद वह मीरा रोड रहने आ गए।
उनके रिश्ते, अपने सौतेले भाई अरशद वारसी से अच्छे नहीं हैं। वे कहते हैं कि अरशद उनके मैसेजेस का रिप्लाई नहीं करते और कोई मदद भी नहीं करते। इतनी सारी नाकामियों और गुमनामी के बावजूद भी अनवर कहते हैं कि “उनकी आवाज में अभी भी दम है” और वह कमबैक अवश्य करेंगे।
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