मजदूर भूखे प्यासे सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने बच्चों को गोद में लाद कर अपने घर वापस चले आ रहे हैं। तो कहीं वह मदद की राह देखते-देखते ही अपनी जान गवा दे रहे हैं। अभी हाल ही में हमें दर्दनाक किस्सा सुनने को मिला, जो आपके भी होश उड़ा देगा।
कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि बच्चा चलते-चलते भूखे पेट मर जाता है और माँ-बाप को उसको अपने सीने से लगा कर सैकड़ों किलोमीटर चलना पड़ता है। ताकि वह उसका क्रिया-करम सही से कर सकें।
रेलवे स्टेशन पर घटी एक दर्दनाक घटना
बिहार के मुजफ्फरपुर का ये वीडियो हैं जहां एक बच्चा रेलवे स्टेशन पर मां से खेल रहा, उसे जगा रहा
उसे नही पता उसकी मां हमेशा के लिए सो चुकी है, भीषण गर्मी में चार दिन से ट्रेन में भूखी प्यासी मां की मौत हो गयी#Muzaffarpur #MigrantLivesMatter #MuzaffarnagarTrainTragedy pic.twitter.com/5h3BPi5nof— K4 Media & Technologies (@HiK4media) May 28, 2020
यह घटना अभी कुछ दिन पहले की है, जब मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा रहा था। उन्ही मजदूरों में से एक महिला भी अपने बच्चे को लेकर ट्रेन मे सफर कर रही थी। कई दिन तक भूख और प्यास से बिलबिला कर वह महिला मर गई।
उसके साथ एक छोटा सा बच्चा भी था। ढाई साल का बच्चा तो इतना मासूम होता है कि उसको क्या पता की जिंदा कौन होता है और कौन मरा हुआ। वह बिचारा अपनी माँ को एक कंबल में लिपटे हुए देखकर समझा की वह सो रही है। उसने उसको उठाने की बहुत कोशिश की। वह बहुत देर तक उसको जगाने के लिये हिलाता रहा। लेकिन वो ना उठी और इस वजह से वो बच्चा परेशान हो गया। उसको यह समझ नहीं आया कि वह अपनी मदद की गुहार किसके पास जाकर लगाए? क्योकि कोई भी उसकी मदद के लिए वहां पर खड़ा हुआ नहीं था। यहां तक कि रेलवे विभाग भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। जबकि यह घटना एक रेलवे स्टेशन पर ही घटित हुई थी।
शायद सबने अपनी आंखें बंद कर ली थी क्योंकि इस भीड़ में सिर्फ उसी को देखा जाता है जिसके पास पैसे होते हैं। अभी कुछ ही दिन पहले इस घटना की एक वीडियो रिलीज हुई। परंतु, शर्म की बात तो यह है कि जो लोग वह वीडियो बना रहे थे। उन लोगों को भी उस बच्चे के ऊपर दया नहीं आई। वह खड़े-खड़े वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी से भी यह ना हुआ कि उस बच्चे की मदद कर सके।
क्या हो गया है इस देश की जनता को? क्या लोग सिर्फ वीडियो बनाने तक और उसको फेसबुक पर शेयर करने तक ही सीमित रह गए हैं? क्या उनके दिल में अब लोगो के प्रति कोई दया की भावना नहीं बची है? इसका जवाब तो वह खुद ही बेहतर दे सकते हैं।
इतना ही नहीं अभी तो और भी है
आपको बता दें कि भीषण बढ़ती गर्मी में ट्रेनों में कई बच्चों और मजदूरों की मौतें हो चुकी हैं। यहां तक कि इस महिला की मौत को भी यही कह कर टाल दिया गया कि ट्रेन में खाने-पीने की व्यवस्था ना होने की वजह से वह भूख-प्यास से मर गई। गर्मी को भी उसकी और कई अन्य मजदूरों की मौत का दोषी ठहराया गया। इसी वजह से लोगो ने अपना गुस्सा जताते हुए इस मुद्दे पर बहुत सारे ट्वीट भी किये।
रेलवे मंत्रालय क्या कुंभकर्ण की नींद सो रहा है? आज के समय में मजदूरों और किसानों की जो दुर्दशा हो रही है, निंदनीय है
Sahi Kaha Aapne
जो भी दृश्य देखा वह बहुत भयानक था हम सारा दोष भगवान को भी नहीं दे सकते इंसान की भी कुछ जिम्मेदारी होती है पर जिनको इंसानियत का मतलब ही नहीं पता और केवल अपने लिए जीते हैं वह लोग वीडियो बना सकते हैं फोटो ले सकते हैं लेकिन मदद नहीं कर सकते क्योंकि इंसानियत उनमें है ही नहीं इंसान की जिंदगी बहुत सस्ती हो चुकी है लगता है इंसान का इंसान के प्रति कोई कर्तव्य है ही नहीं भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें जय हिंद जय भारत
मै ये बच्चा गोद लेना चाहता हूँ ।मेरी पत्नी भी यही चाहती है ।कृपया मेरी मदत करे इस बच्चे को गोद लेने में । 7800175555