कोरोना महामारी की वजह से देश में हुए लॉकडॉउन ने हमारी दिनचर्या पर बहुत बुरा असर डाला है। हमारी दिनचर्या पर इस कदर असर पड़ा है कि हर कार्य का वक़्त ही बदल गया है। पहले हम खुद को और अपने परिवार को वक्त नहीं दे पाते थे। अब तो ऐसी परिस्थिति है कि हमारे पास वक्त ही वक्त है। एक तरफ जहां हमें परिवार के लिए वक्त मिल गया, वहीं दूसरी तरफ दिनचर्या ही बदल गई है। जो समय दोपहर में भोजन करने का होता था, अब वह नाश्ते का हो गया है। शाम के नाश्ते के समय पर दोपहर का भोजन हो रहा है। रात्रि में सोने का समय भी बदल गया है। रात में देर से सोना और सुबह देर से उठने की आदत सी हो गई है। अब तो यह चिंता सताने लगी है कि लॉकडॉउन के बाद सब कुछ पहले जैसा हो पाएगा या नहीं।
दिनचर्या में बदलाव की वजह से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। नाश्ते और भोजन करने के समय में बदलाव की वजह से शरीर में बीमारियां भी उत्पन्न हो रहीं हैं। सुबह देर से उठने पर जोर की भूख लगी रहती है। ऐसे में हम भूख को शांत करने के लिए कुछ खाते हैं, लेकिन शायद हमें इस बात का ध्यान नहीं रहता की जो चीज हम खा रहें हैं वो नुक़सान भी पहुंचा सकती है। ऐसी अनेक चीजें हैं जिन्हें खाली पेट खाने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो जाती है। स्वास्थ्य और चिकित्सा से जुड़े आज के इस अध्याय में हम खाने की कुछ ऐसी ही सामग्रियों के बारे में बात करेंगे।
क्या होता है खाली पेट रहना?
दुनिया में हर शब्द के लिए एक अर्थ जरूर होता है। यह बात अलग है कि दुनिया के अलग अलग हिस्सों में एक ही शब्द को अलग अलग भाषाओं के माध्यम से अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाली पेट होने का अर्थ होता है कि वो समय जिसमें आप दिन की शुरुआत से ही कुछ खाए नहीं रहते, यानी दिन के पहले भोजन से पहले पेट खाली रहता है और जब हम कुछ खाते है तो उसे खाली पेट भोजन ग्रहण करना कहते हैं। खाली पेट का मतलब समझना बहुत जरूरी होता है क्योंकि अनेक लोगों में इसकी स्थिति के बारे में अलग अलग धारणा होती है।
मौसम के अनुसार भोजन और फल ग्रहण करना
यह जानना बहुत जरूरी है कि किस मौसम में कौन से फल खाना सही होता है। इस बात को हम खाने की अलग अलग सामग्रियों का उदाहरण लेकर समझेंगे।
1. अमरूद –
यह एक ऐसा फल है जो शायद भारत के हर हिस्सों में आसानी से मिलता है। लोग इसे पसंद करते हैं और बड़े ही चाव से खाते हैं। पसंदीदा फल होने के बावजूद भी इसके बारे में जानकारी बहुत कम लोगों के पास होती है। अलग अलग परिस्थितियों में इसे खाने के अलग अलग परिणाम होते हैं। अमरूद को अगर गर्मियों में हम खाली पेट खाएं तो यह बहुत फायदेमंद साबित होता है, लेकिन अगर इसे हम सर्दियों के खाएं तो हमें पेट दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी होता है कि अमरूद खाने के बाद कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए।
2. सेब –
चिकित्सकों के अनुसार हर रोज एक सेब खाने के हम अनेक बीमारियों को खुद से अलग रख सकते हैं। लेकिन मौसम का असर सेब पर भी पड़ता है। अगर हम सर्दियों के दिनों में खाली पेट सेब खाएं तो हमारा बीपी बढ़ सकता है, लेकिन अगर हम इसे गर्मियों के दिनों में खाएं बहुत फायदेमंद साबित होता है।
3. दही –
इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि सर्दियों के दिनों में खाली पेट कभी भी दही नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से हमें ‘लो बीपी’ की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही इसका बुरा असर हमारे पाचनतंत्र पर भी पड़ सकता है। गर्मियों में ऐसा नहीं होता। गर्मियों में खाली पेट दही खाने से हमें ठंडक मिलती है और यह फायदेमंद भी होता है।
क्यों न करे ऐसा
चिकित्सकों के अनुसार मौसम के अनुसार हर खाद्य सामग्री की दशा बदल जाती है। हमारा पाचन तंत्र अनेक पदार्थो से बना होता है जिसमें एसिड और बेस सबसे मुख्य होता है। सर्दियों में ऐसे फलों को खाली पेट खाने से बुरा असर पड़ता है, और हमें सूखी खांसी, जुकाम, और गले में दर्द कि परेशानी हो सकती है। इसके विपरित गर्मियों में इन फलों के खाने से लाभ होता है क्योंकि ये खाद्य सामग्रियों और फल रस से भरे होते है जो गर्मियों में शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं।
आशा करते हैं कि स्वास्थ्य और खाद्य सामग्रियों से जुड़े इस अध्याय से आपको बहुत लाभ होगा। ऐसी ही जानकारियों के लिए बने रहे हमारे साथ और टिप्पणी करके जरूर बताएं कि आपको कौन से फल सबसे ज्यादा पसंद हैं। быстрые займы на карту
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