पुस्तक:बाक़र गंज के सैयद
लेखक :असगर वजाहत.
प्रकाशक: राजपाल एंड संस
भारत के बहु सांस्कृतिक रूप को बयां करती है यह पुस्तक बाक़र गंज के सैयद
“बाक़र गंज के सैयद”पुस्तक लेखक असगर वजाहत द्वारा लिखी गई है. यह पुस्तक साहित्य और इतिहास का खूबसूरत मिश्रण है. यह मिश्रण अत्यंत रोचक और सृजनात्मक आख्यान है. यह कहानी उत्तर प्रदेश से ली गई है .उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित बाकरगंज नामक जगह के लोगों का मानना है कि वह लोग इरान से आए हुए सैयद इकरामउद्दीन अहमद के वंशज हैं. इसी बारे में जानने की यह कितना सच और कितना झूठ है,लेखक असगर वजाहत निकल पड़ते हैं.
इससे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी जुटाने के लिए उनके इस सफर में हिमायू काल उत्थान,अवध के नवाबों की जानकारी और हिंदुस्तान में धीरे-धीरे बढ़ रही अंग्रेजी हुकूमत की जानकारी मिलेगी. लेखक ने कई छोटी-छोटी कहानियां संजोकर इस पुस्तक में तब्दील की है.यह किताब बताती है कि भारत एक बहु सांस्कृतिक देश है यहां सभी संस्कृतियों का समान सम्मान है. यह किताब बताती है कि किस तरह लोग बाहर से आए और भारत में ही बस गए. इस आख्यान में उन सभी का वर्णन है जो सत्ता के लिए षड्यंत्र रचते थे,अपनों को हानि पहुंचाते थे,प्रजा पर जुल्म करते थे,भाई भाई का दुश्मन था आदि.
इसे पढ़ते समय ऐसा महसूस होता है कि लेखक ने इस पर काफी गहरा अध्ययन किया है,व्यापकता भी पुस्तक में देखने को मिलती है. यह किताब उन लोगों को काफी पसंद आएगी जो इतिहास में रुचि रखते हैं. पुस्तक लिखने के लिए दो भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है उर्दू और फारसी लेकिन जो इन भाषाओं को नहीं जानते उनके लिए कठिन है, पर समय देकर पढ़ेंगे तो काफी अच्छे से आपको सभी चीजें पता चलेंगी अगर आप किताब जल्दी पढ़ना पसंद करते हैं तो इसमें थोड़ी दिक्कत हो सकती है,कहानी समझने मे. यह एक बेहतरीन ऐतिहासिक किताब है.
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