चाइनीज व्यञ्जन को चाहते बहुत से लोग हैं। नूडल्स, चाउमीन, मोमोज आजकल बच्चों और बड़ो सभी को खूब पसंद आ रहे हैं। इन चाइनीज व्यंजनों का तीखा स्वाद सबकी जबान पर चढ़ चुका है। लेकिन क्या मोमोज खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, यह सवाल हालिया हुए एक घटना के कारण उठा। इस घटना में एक व्यक्ति की आंत मोमोज खाने के कारण फट गई थी।
खबरों के अनुसार एक व्यक्ति ने रात को मसाला मोमोज खाए थे उसके बाद उसे पेट में तेज दर्द हुआ और लगा की पेट में ब्लास्ट हो गया। डाक्टर के पास जाने पर पता चला कि उसकी आंत फट गई है जिससे डेढ़ इंच का छेद हो गया था।
सामान्यतः ऐसे केस दुर्लभ है जब मानव शरीर का कोई अंग फटने की घटना सामने आई है। मोमोज खाने के बाद आंत फटने का यह मामला चीन के जियांग्सू प्रांत का है। जहां एक 63 वर्षीय व्यक्ति मिस्टर वांग को तेज मिर्ची वाले मोमोज खाने के बाद अचानक पेट में दर्द शुरू हुआ, तेजी से पसीना आने लगा और अचानक उन्हें अपने पेट में धमाके जैसा महसूस हुआ। मिस्टर वांग पिछले 1 साल से आंत की बीमारियों से जूझ रहे थे।
बहुत ज्यादा मसालेदार खाने से शरीर में बहुत सी समस्याएं
बहुत ज्यादा मसालेदार खाने से शरीर में बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे पेट में जलन, गैस, अपच नोजिया, उल्टी आना, पेशाब में जलन होना, बवासीर, नाक में खून आना आदि। ये समस्याएं सामान्य हैं, लेकिन मोमो खाने से आंत फटने के पीछे कौन से कारण क्या हो सकते है? यह जानने के लिए हमने राजस्थान की टांटिया यूनिवर्सिटी में होम्योपैथी डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर चरनजीत सिंह से बात की। डॉक्टर चरनजीत सिंह का मेडिकल क्षेत्र में 30 वर्षों का लम्बा अनुभव है।
उनके अनुसार आंत फटने की घटना अचानक नहीं होती है। इसके पीछे कोई गंभीर या पुरानी बीमारी होती है। बहुत अधिक इंफेक्शियस भोजन के कारण खास तरह के केस में ऐसी घटना घट सकती है। मोमोज से जुड़ी इस घटना का अध्ययन में पाया गया है कि पीड़ित व्यक्ति पिछले करीब एक साल से आंते में अल्सर की बीमारी का सामना कर रहा था । सिर्फ मोमोज खाने के बाद ही उसे समस्या हुई है यह कहना सही नहीं होगा। हां, एक स्वस्थ व्यक्ति के साथ अगर इस तरह की समस्या आती तो उसे यह बात मानी जा सकती है।
डाक्टर चरनजीत सिंह बताते हैं कि ऐसा केस तभी देखने को मिल सकता हैं, जब बहुत ज्यादा दूषित माँसाहारी भोजन खाया गया हो। क्योंकि माँसाहारी भोजन में ऐसी शारीरिक समस्या के लिए जिम्मेदार वैक्टीरिया क्लस्ट्रीडियम विलची (clostridium welchii) और क्लस्ट्रीडियमहाइली पाए जाते हैं
डॉक्टर सिंह कहते हैं कि आंत में ब्लास्ट की हालात तक पहुँचना इस बात की ओर संकेत करता है पीड़ित व्यक्ति द्वारा कि भोजन और दिनचर्या को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जो लोग जीवनशैली का सही से पालन नहीं करते हैं, उन्हें पाचन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। पाचन से जुड़ी समस्याएं लंबे समय तक रहने से आंत में अल्सर हो जाते हैं, यदि उनका समय रहते इलाज ना हो तो ये बड़े घावों के रूप ले लेते हैं।
डॉक्टर चरनजीत सिंह का बताते है कि यदि ऐसी परिस्थिति से बचना है तो हमें अधिक मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। फाइबर युक्त पदार्थों को भोजन मे शामिल करने से आंत में भोजन सड़ने नही पाता। मसाले पाचन को सही रखने और स्वाद को बढ़ाने के लिए होते हैं। लेकिन इनकी अधिक मात्रा और मसालों का गलत सेवन हमारे पाचन और आंतों के हानिकारक हो सकता है, यह आप इस घटना से समझ सकते हैं।
समस्या बाद में बनती है बड़ी
कोई भी बीमारी बढ़ने में समय लगता है और उसके शुरुआती लक्षण दिखाई पडने लगते हैं जैसे इस मामले में पेशाब में जलन होना, पाचन ठीक से ना होना, नींद कम आना और सांस से जुड़ी दिक्कतें सामने आती है। परन्तु लोग इन्हें गम्भीरता से नही लेते। ऐसी स्थिति न आये इसके लिए बहुत अधिक मसालों का उपयोग ना करें। स्वादानुसार जितनी जरूरत है उतना इस्तेमाल करना चाहिए।
पेट से जुड़ी समस्याएं ना केवल शारीरिक स्तर पर बल्कि मानसिक स्तर पर भी नुकसान पहुंचाती हैं। इससे व्यक्ति की सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। онлайн займ