जहाँ एक ओर कोरोनावायरस का संकट विश्व से नही जा रहा और संक्रमित लोगों का आँकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, वही एक ओर लोगों के मन में घृणा और शत्रुता भी बड़ रही है।
आज के युग में जहाँ एक तरह से कोरोनावायरस के कारण दुनिया थम सी गई है , लोग सोशियल मीडिया पर घृणा प्रकट कर रहे है । यह घृणा लोगों के मज़ाक़ उड़ाने से ले कर मीम्स के द्वारा फैल रहा है। एक दूसरे का मज़ाक़ उड़ाना अब स्वाभाविक बनता जा रहा है । इंस्टाग्राम पर अलग अलग प्रकार के मीम्स बन रहे है जिससे बहुत लोगों के मान को हानि पहुँचती है । टिक टॉक का आज के युग पर मानो नशा सा चड़ गया हो।
ऐसे समय में फ़ेसबुक ने एक क़दम आगे बढ़ाया है । इन्होंने नफ़रत भरे वीडीओ को अपने क़ाबू में कर लिया है । इन्होंने एक आर्टीफ़ीशियल इंटेलीजेंस का निर्माण किया है जो घृणा भरे तस्वीरों और वीडीओ को पहचान कर उसे आगे फैलने से रोकता है । पर यह आर्टीफ़ीशियल इंटेलीजेंस मीम्स को फैलने से नही रोक पाया ।
इसलिए फ़ेसबुक ने ड्रिवेन डाटा के साथ मिल कर एक प्रतियोगिता की घोषणा की जिसमें इन्होंने कहा कि जो व्यक्ति या टीम एक ऐसा प्रोजेक्ट बना ले जिससे पता चल जाए की कौनसा मीम नफ़रत फैला रहे हैं और उसे वही रोक सके ताकि वो आगे नही फैले, उस व्यक्ति या टीम को 100,000 डॉलर अर्थात भारत के रुपय के अनुसार 77 लाख रुपय का इनाम मिलेगा।
कोई भी व्यक्ति इस प्रतियोगिता के लिए अपना नाम दे सकता है और जीतने का अवसर प्राप्त कर सकता है । इस प्रतियोगिता से विश्व भर में सभी लोगो को अपमानित होने से राहत मिलेगी और वे बिना किसी डर के अपना जीवन व्यतीत कर सकते है। अप्लाई करने के लिए यहां क्लिक करें। онлайн займ
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