‘ज़िंदा रहने के लिए, एक मुलाकात जरूरी है सनम’। यह एक सुप्रसिद्ध गाने की पंक्ति है। यह पंक्ति मैं जब भी सुनता हूं मुझे जोर की हंसी आती है। जिंदा रहने के लिए अगर मुलाकात ही जरूरी है तो क्या हवा, पानी और भोजन की कोई आवश्यकता नहीं? खैर, यह तो एक हंसी मजाक की बात हुई, लेकिन वास्तविक जीवन की अगर बात करे तो हमे जिंदा रहने के लिए तीन चीज़ों की आवश्यकता जरूर रहती है। हवा, पानी और भोजन। इन दिनों गर्मी का मौसम है और गर्म हवाएं चल रही है। इस मौसम में चलने वाली गर्म हवाओं को लू भी कहते हैं। गर्म हवाओं की वजह से अक्सर हमारे होंठ सूख जाते हैं और हमें प्यास लगती है। इस मौसम में हम भोजन से ज्यादा पानी पीना पसंद करते हैं। इसके साथ यह जानना भी बहुत जरूरी है कि किसी भी मौसम में एक दिन में कितना पानी पीना जरूरी होता है।
क्या है एक दिन में आठ ग्लास पानी पीने की परंपरा
हम अक्सर सुनते हैं कि हमें एक दिन में लगभग आठ ग्लास पानी पीना चाहिए। लेकिन क्या हम कभी यह सोचते हैं कि आठ ग्लास पानी हमारे लिए पर्याप्त है या नहीं? दरअसल हम जितना पानी पीते है, उसके हिसाब से हमें यूरिन, यानी पेशाब भी आता है। लेकिन अगर चिकित्सकों की माने तो आठ ग्लास पानी पीने की यह परंपरा हर किसी के लिए पर्याप्त नहीं है।
हर इंसान के शरीर की क्षमता एक जैसी नहीं होती। किसी को कम पानी की आवश्यकता होती है तो किसी को ज्यादा। हर रोज लगभग आठ ग्लास पानी पीने की परंपरा इसलिए प्रचलित है क्योंकि चिकित्सकों के अनुसार हर इंसान को पानी की अलग अलग मात्रा की जरूरत होती है। पानी के सही मात्रा को याद रखना या मापना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। चिकित्सकों की माने तो एक अध्ययन के अनुसार हर व्यक्ति को हर रोज औसतन आठ ग्लास पानी की जरूरत होती है। लेकिन एक सच यह भी है कि किसी के लिए यह मात्रा कम भी हो सकती है तो किसी के लिए अधिक भी। कम या अधिक पानी पीने की आवश्यकता हमें हमारे वातावरण या दिनचर्या के कामों के अनुसार पड़ता है।
बीमारियों के अनुसार पानी की आवश्यकता
हमारे शरीर में पानी की आवश्यकता कई मामलों में अलग-अलग होती है। इसकी जरूरत हमारे बीमारियों के ऊपर भी निर्भर करता है। कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनमें हमें पानी की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। जिन लोगों को डायबिटीज, ड्राईनेस, डिहाइड्रेशन, यूरिन इंफेक्शन, सूखे का रोग या ऐसी दूसरी दिक्कतें होती हैं, उन्हें पानी की अधिक मात्रा चाहिए होती है। यह जान लेना बहुत जरुरी होता है कि जब शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है, तब कौन-कौन से लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही हमें डॉक्टर से यह परामर्श भी लेना चाहिए कि हमें एक दिन में कितना पानी पीने की आवश्यकता है। क्योंकि एक डॉक्टर ही आपके क्षेत्र के वातावरण और आपकी सेहत के अनुसार आपको सुझाव दे सकते हैं।
ऐसे करें पानी के सही मात्रा का निर्धारण
कई लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना प्यास के भी पानी पीते रहते हैं। ऐसे लोगों की सेहत पर क्या असर पड़ता है, यह जानना भी बहुत जरूरी है। हमारे शरीर का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा लिक्विड है यानी तरल पदार्थ। इसमें पानी, ग्लूकोज, ब्लड और दूसरे सभी अव्यव सम्मिलित हैं। हमारे शरीर की हर कोशिका को पानी की आश्यकता होती है। पानी हमारे शरीर का मुख्य केमिकल कंपाउंड है।
चिकित्सकों का यह भी कहना है कि एक व्यक्ति के शरीर में जितना वजन होता है, उसका 60 फीसदी हिस्सा उसके शरीर में पानी का होता है। हमारे शरीर के हर अंग को अपना कार्य सही तरीके से करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर द्वारा किए जाने वाले हर कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जब हम चलते हैं, बोलते हैं, लिखते, पढ़ते हैं, सांस लेते हैं, ऐसे हर कार्य में पानी की आवश्यकता जरूर होती है। इसके साथ ही यूरीन, पसीना और सांस लेने की प्रक्रिया में भी पानी हमारे शरीर से बाहर निकालता है।
पानी की सही मात्रा का निर्धारण करने के लिए हमें चिकित्सकों से सलाह जरूर लेनी चाहिए। चिकित्सकों की अगर मानें तो अगर आप किसी ऐसे इलाके में रहते हैं जहां ना तो ज्यादा गर्मी पड़ती है और ना ही ज्यादा ठंड, तो ऐसे इलाके में रहने वाले पुरुषों को हर रोज लगभग तीन से साढ़े तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। जबकि महिलाओं को हर दिन ढाई से तीन लीटर पानी की जरूरत होती है।
अभी गर्मी का मौसम है। इस मौसम में स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। पानी की कमी की वजह से भी शरीर में बीमारियां घर करने लगती हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हमारी स्वास्थ्य से जुड़ी यह जानकारी अगर आपको पसंद आई हो तो इसे और भी लोगों तक जरूर पहुंचाएं। займ онлайн