जब बीच मैच में भड़क उठे पाकिस्तानी फैन
बात 15 दिसंबर 1977 की है इंग्लैंड और पाकिस्तान का टेस्ट मैच पाकिस्तान में स्थित लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला जा रहा था. यह मैच किसी आम मैच की तरह नहीं था इस मैच ने कई कारणों से अपनी जगह क्रिकेट के इतिहास में दर्ज कर ली इस मैच को 44 साल बीत चुके हैं लेकिन यह मैच आज भी लोगों की यादों में तरोताजा है. इस मैच ने 1977 में मीडिया में सुर्खियां बटोरी. इस मैच के इतिहास में दर्ज होने के कई कारण है आज हम इन सभी कारणों पर नजर डालेंगे.
पहला कारण- दर्शक या दंगाई :
1977 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच तीन टेस्ट मैच खेले जाने थे. इंग्लैंड मेहमान बन पाकिस्तान पहुंच गया मेजबान पाकिस्तान में टेस्ट का आयोजन लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में था टेस्ट मैच की शुरुआत हुई पहले दिन मैच शांति से पूरा हो गया दूसरे दिन पाकिस्तान क्रिकेट टीम के नामी सदस्य मुद्दसर नजर बल्लेबाजी कर रहे थे वे 99 रन पूरे कर चुके थे इससे पहले कि वह 100 रन बनाकर शतक पूरा करते पाकिस्तानी फैंस शतक का जश्न मनाने लगे जश्न मनाने में कोई गंभीर बात नहीं थी
लेकिन बात जब गंभीर हो गई जब पाकिस्तानी फैन का एक ग्रुप पिच पर जश्न मनाने के लिए आ पहुंचा साथ-साथ पुलिस भी उन्हें रोकने के लिए आ पहुंची लेकिन हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि पाकिस्तानी सेना ने अब दंगाइयों का रूप ले लिया था वह पुलिस पर हावी हो चुके थे पुलिस अपनी जान बचाने के लिए इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में जाकर छिप गई दंगाई इतने पर शांत नहीं हुए इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम पर कई पत्थरों की बारिश करने लगे यह सब पाकिस्तान के लिए बेहद शर्मनाक था बात इतनी आगे बढ़ गई थी कि मैच को बीच में रोक समय से पहले ही टी ब्रेक का अनाउंस कर दिया गया.
दूसरा कारण- दंगाइयों में जागी इंसानियत:
जो दंगाई अभी तक पुलिस वालों की जान लेने को उतारू थे ,वह टी ब्रेक के दौरान बिल्कुल बदल गए अब वह सभी पत्थर फेंकने के बजाय मैदान से ईट पत्थर साफ कर रहे थे. कुछ ही समय में माहौल पूरा बदल चुका था .जिनके कारण मैच को रोका गया था उन्हीं के कारण मैच दोबारा शुरू हो सका. 25 मिनट के भीतर मैच फिर से शुरू हुआ और आखिरकार दूसरा दिन पूरा हुआ. टेस्ट मैच का तीसरा दिन था दंगे एक बार फिर शुरू अबकी बार दंगे बड़े थे और लोगों की संख्या भी 100 से 1000 तक पहुंच चुकी थी. बात इतनी बढ़ गई कि अबकी बार पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए दंगे इतने बड़े थे कि कई लोग घायल हो गए.घायलों में पाकिस्तान के अखबार के मुताबिक नामचीन लोग शामिल थे.
तीसरा कारण- नजर का शतक:
पाकिस्तानी बल्लेबाज नजर टेस्ट मैच के दूसरे दिन 99 पर खेल रहे थे आखिर उनका शतक पूरा हो गया और इसे इतिहास में दर्ज होना पड़ा आप सब सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसा शतक लगा कि इसे इतिहास मैं दर्ज होना पड़ा क्योंकि शतक तो पहले भी लग चुके थे इस शतक में ऐसी क्या बात थी कि इसे इतिहास में दर्ज कर लिया गया इस शतक की खास बात थी कि यह शतक विश्व का सबसे धीमा शतक था शतक लगाने में ना इससे पहले किसी को इतना समय लगा और ना ही बाद में.नजर को शतक लगाने में पूरे 9 घंटे 17 मिनट लगे और आखिरकार नजर का शतक पूरा हुआ.
चौथा कारण- इंग्लैंड के कप्तान:
उस समय इंग्लैंड टीम के कप्तान ऑफ स्पिनर जॉफ कॉप थे हालांकि उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा इसका कारण थी उनकी संदिग्ध बॉलिंग जिसके चलते वह इंग्लैंड के लिए ज्यादा मैच नहीं खेल सके अब वापस आते है टेस्ट मैच पर इंग्लैंड के बॉलर जॉफ कॉप बॉलिंग कर रहे थे और उन्होंने लगातार दो गेंदों पर पाकिस्तान के दो बल्लेबाज समेट दिए और दोनों ही बल्लेबाजों को पैवेलियन जाने का रास्ता दिखा दिया
अब बॉलिंग कॉप और बल्लेबाजी पाकिस्तान के इकबाल कासिम संभाल रहे थे. जॉफ कॉप ने बोलिंग की और कैच सीधा माइक ब्रेयर्ली ने थामा,कासिम पैवेलियन लौट ही रहे थे कि माइक ब्रेयर्ली, वह भी इंग्लैंड के कप्तान थे उन्होंने कासिम को वापस बुला लिया क्योंकि उन्हें लगा की बोल कैच करते हुए जमीन को छू चुकी थी. ब्रेयर्ली की दरियादिली के कारण कॉप की हैटट्रिक लगते लगते रह गई.
इस ऐतिहासिक मैच में पाकिस्तान ने 407 रन 9 विकेट के नुकसान पर बनाए और इंग्लैंड ने सिर्फ 288 रन पर दम तोड़ दिया. पाकिस्तान के बल्लेबाज नजर और रशीद ने अपना शतक पूरा किया पाकिस्तान जीत चुकी थी लेकिन जीत ना सकी. अब आप सोच रहे होंगे कि जीत कर भी जीत ना सकी का मतलब, इसका कारण था दूसरे व तीसरे दिन हुए दंगे जिसके कारण मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया गया और यह क्रिकेट इतिहास में ऐतिहासिक मैच बन गया.
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