नहाते समय ये बाते रखे याद नहीं तो हो जाएंगे बीमार

आजकल गर्मियों के दिन चल रहे हैं शरीर से खूब पसीना निकल रहा है। दिन में बार बार नहाने का मन करता हैं। लेकिन देखा गया है कि अचानक नहाने से लोग बीमार पड़ जाते हैं। हमारे बड़े बुजुर्गों ने अपने अनुभव से स्नान के कुछ नियम बताए हैं जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। 

आयुर्वेद एंव हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जो लोग प्रतिदिन स्नान करते हैं, उन्हें 10 गुणों की प्राप्ति होती है, जैसे: रूप, तेज, बल, पवित्रता, मेधा, तप, निरोग शरीर, आयु, निर्लोभ और बुरे सपनों का अंत। नहाने से हमारी त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं व मृत त्वचा निकल जाती है। जिससे हम त्वचा रोग व अन्य बीमारियों से बचे रहते हैं। अच्छी सेहत के लिए हमें नहाने के कुछ सामान्य नियम जान लेने चाहिए।

सोकर उठने के बाद

यदि आप सोकर उठने के बाद तुरन्त शाॅवर में नहाते हैं, तो यह आपको बीमार कर सकता है, और आपको रक्तचाप और हृदय संबंधी रोगी बना सकता है। सोते समय हमारे शरीर का तापमान और रक्त संचरण बढ़ा हुआ होता है,ऐसे में सुबह उठते ही ठंडे पानी से नहाने या मुँह धोने से शरीर सर्दी-गर्मी का शिकार हो सकता है। इसलिए सुबह सोकर उठने के बाद कम से कम आधा घंटे बाद ही नहाने जाएं। इस बीच आप ब्रश,शेविंग और अन्य घरेलू काम कर सकते हैं ।

परिश्रम के तुरंत नहाने से बचें

कड़ी मेहनत वाला काम करने के तुरंत बाद नहाने से बचना चाहिए क्योंकि शारीरिक श्रम करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे सामान्य होने में कुछ समय लगता है। हमे शरीर का तापमान सामान्य होने पर ही नहाना चाहिए ऐसा नही करने पर बुखार,सिरदर्द या फिर चक्कर आ सकते हैं। ऐसे ही कहीं बाहर से घर आने पर तुरंत नहा लेने से बचना चाहिए,क्योंकि शरीर घर के बाहर और अंदर के तापमान में सामंजस्य स्थापित करने में समय लेता है। इसलिए घर में आने के बाद कम से कम 30 मिनट का ब्रेक अवश्य लें।

 हर दिन हम कुछ कठिन श्रम वाले काम करते हैं, जिनके तुरंत बाद नहीं नहाना चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमारी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। हम सर्दी-खांसी या सिर दर्द का शिकार हो सकते हैं। यदि नियमित रूप से ऐसा किया तो पैरालिसिस(लकवा) या पक्षाघात भी हो सकता है। 

खाना खाने के तुरंत बाद नहाने से बचें

हिन्दू शास्त्र हमें सदैव से पहले स्नान फिर ध्यान और उसके पश्चात भोजन की शिक्षा देते रहे हैं। उसके पीछे गूढ़ अनुभव जन्य ज्ञान छिपा हुआ है। खाना खाने के तुरंत बाद कभी भी नहीं नहाना चाहिए। क्योंकि हम जब भोजन ग्रहण करते हैं तब उसे पचाने के लिए लिए हमारे उदर के अंदर में एक जठराग्नि उत्पन्न होती है। यदि हम खाने के तुरंत बाद नहाते हैं, तो यह जठराग्नि मंद पड़ जाती है और हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचता हैं। इसलिए हमें खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद ही नहाना चाहिए। यदि आपको नहाना ही है तो खाना खाने से पहले नहाएं  

खाना खाने के तुरंत बाद नहाने से अजीर्ण (अपच) की समस्या हो जाती है, यानी कब्ज बढ़ जाता है। व्यक्ति को बुखार आ सकता है या तेज सिर दर्द की दिक्कत हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय भोजन करने के बाद नहाने को अपनी आदत बना ले तो उसे लकवा जैसी घातक बीमारी हो सकती है।

गर्म पेय पदार्थ पीने के बाद

खाने के कितनी देर बाद नहाना चाहिए यह जानने के बाद अब यह सवाल उठता है कि चाय-कॉफी या गर्म पेय पदार्थ लेने के कितनी देर बाद नहाना चाहिए? तो इस सवाल का जवाब यह है कि अगर आप गुनगुने या गर्म पानी से नहा रहे हैं तो 1 घंटे बाद भी नहा सकते हैं। लेकिन अगर ताजे पानी से स्नान का इरादा है तो कम से कम दो घंटे बाद ही नहाएं।

ऐसा इसलिए क्योंकि हम गर्म पेय पदार्थों का जब सेवन करते हैं तो उनका तापमान सामान्य भोजन के तापमान से अधिक होता है। इससे हमारे शरीर का तापमान काफी तेजी से बढ़ जाता है। जिसे प्राकृतिक रूप से सामान्य होने में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है।

खेल,योग कसरत या डांस के बाद

खेल कूद, योगाभ्यास और डांस करने के दौरान हमारे शरीर में खून बहुत तेजी से दौड़ने लगता है और हमारी हृदय गति  भी बढ़ जाती है। इन क्रियाओं के बाद इससे हमें तीव्र गर्मी का अहसास होता है तथा शरीर से पसीना जोर से बहने लगता है। ऐसे में लोग पसीने से बचने और शरीर को ठंडा करने के लिए पानी से नहा लेते है, परन्तु ऐसा करना सेहत के लिए हानिकारक होता है। 

इन क्रियाओं को करने के बाद शरीर का तापमान सामान्य हो जाने का इंतजार करना चाहिए। जब सांसें सामान्य हो जाएं और आप खुद को शांत अनुभव करें तभी नहाने जाएं। शरीर को सामान्य होने में कम से कम 30 मिनट का समय लगता है। यानी आप आधा घंटा बाद नहा सकते हैं।

हिन्दू शास्त्रों और आयुर्वेद के अनुसार जो व्यक्ति नित्य प्रातःकाल स्नान करता है, वह व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रहता है। वह भूत-प्रेत बाधा आदि व्याधियों से भी दूर रहता है। और उसके पापों का भी विनाश होता है। ब्रह्म मुहूर्त में किया गया स्नान उत्तम माना जाता है। सर्दियों में हल्के गुनगुने जल से स्नान और गर्मियों में शीतल जल से स्नान अच्छा माना गया है। स्नान का जल न तो ज्यादा गर्म होना चाहिए और न ही अधिक ठंडा। नित्य स्नान से त्वचा कांतिमान और शरीर स्फूर्तिवान रहता है।  микрозаймы онлайн


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