इस तरह के पानी से होगी कोरोना की छुट्टी

देश भर में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। दिन प्रति दिन हज़ारों की तादाद में नए मामले सामने आ रहे हैं। हालाँकि  राहत की बात तो ये है कि इस बीमारी से लोग बड़ी संख्या में ठीक भी हो रहे हैं। दुनिया भर के कई बड़े बड़े वैज्ञानिक एवं एक्सपर्ट्स इसकी वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। साथ ही कई शोध संस्थान इस चीज पर भी अध्ययन कर रहे हैं कि शरीर में इस बीमारी का वायरल लोड कम कैसे किया जाये। इस बात को लेकर कई एक्सपर्ट्स ने अपने अपने विचार रखे हैं। आज हम एक ऐसे ही अध्ययन की जानकारी को आपके साथ साझा करेंगे। जिसे जानकर आप राहत की साँस लेंगे।

कहाँ हुई रिसर्च

यह खबर रूस से जुडी हैं। दरअसल यहाँ के एक अनुसंधान केंद्र में इस बात पर अध्ययन किया जा रहा है कि इस वायरस की कमजोरियां क्या हैं। इस अनुसंधान केंद्र का नाम वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ़ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी है। यहाँ के शोधकर्ताओं का मानना है कि कमरे के तापमान पर रखा हुआ पानी कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी मददगार है।

क्या कहती है रिसर्च

दरअसल साइबेरिया के एक शहर नोवोसिबिर्स्क में मौजूद इस अनुसंधान केंद्र में कई शोधकर्ताओं ने अलग अलग परीक्षणों के दौरान ये पाया कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कोरोना का संक्रमण हो भी जाता है और वो व्यक्ति सामान्य ताप पर रखे जल का निरंतर सेवन करता रहता है तो  उसके शरीर में इस वायरस के पनपने के संभावना कम हो जाती है। साथ ही उसके शरीर में इस वायरस को कॉपीज बनाने का अवसर भी नहीं मिल पाता है।

अध्ययन के अनुसार शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाये रखने से इस बीमारी से लड़ने में काफी मदद मिलती है। साथ ही शरीर में तेजी से बढ़ने वाले संक्रमण को भी काफी हद तक रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 24 घण्टे के अंतराल में यदि कमरे के सामान्य ताप पर रखे पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में किया जाये तो वायरस तकरीबन 90 फीसदी तक नष्ट हो सकता है। और यदि यही प्रक्रिया अगले 72 घण्टों तक जारी रखी जाये तो तो लगभग 99.9 फीसदी तक खत्म हो जाता है।

रिसर्चर्स के मुताबिक, यह वायरस समुद्र के पानी में कुछ देर जीवित तो रह सकता है किन्तु विकास नहीं कर सकता है। रिसर्चर्स के अनुसार यही बात क्लोरीन वाले पानी में भी लागू होती है। हालाँकि वायरस कितनी देर तक क्लोरीन युक्त जल में जीवित रह सकता है यह पूर्णतः इस बात पर निर्भर करता है कि जल का तापमान क्या है?

गर्म पानी का सेवन भी है गुणकारी

पूर्व में हुए अध्ययनों के अनुसार वायरस तापमान से पूर्णतः प्रभावित होता है। उबलता पानी वायरस को उसी समय पूर्णतः नष्ट कर देता है। रूस के शोधकर्ताओं ने भी ये बात स्वीकारी है कि उबला हुआ पानी शरीर के भीतर वायरस की कॉपीज बनने से रोक देता है। इसलिए उबला हुआ गुनगुना पानी पीना अपेक्षाकृत अधिक लाभकारी है।

बात दरअसल यह है कि जब कोरोना का वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो यह शीघ्रता से अपनी नई डुप्लीकेट कॉपीज बनाने लगता है। इसलिए इनके विकास की प्रक्रिया को रोकने के लिए उबला हुआ पानी पीना काफी लाभप्रद होता है।

गर्म पेय पदार्थों एवं काढ़ों का सेवन भी है हितकारी

कोरोना के इस दौर में शरीर की इम्यून क्षमता को सुदृढ़ बनाये रखना सबसे मूलभूत जरूरत है। ऐसे में यदि एक्सपर्ट्स की सलाह माने तो उनके द्वारा विविध प्रकार के गर्म पेय पदार्थों एवं काढ़ों के सेवन का सुझाव दिया जाता है। जैसे कि गर्म सूप, गर्म चाय, ग्रीन टी, लौंग-तुलसी एवं अदरक का काढ़ा इत्यादि। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखने में मदद करते हैं।

इन बातों का भी रखें ध्यान

बरसात का मौसम चल रहा है। ऐसे में संभव है कि आपको मौसमी बीमारी के कारण सर्दी जुकाम एवं बुखार के लक्षण दिखाई दे रहे हों। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि ये तो कोरोना के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में बेहतर यही होगा कि आप शीघ्र अति शीघ्र अपने चिकित्सक से संपर्क करें। क्योंकि अधिक विलम्ब होने पर रोग की गंभीरता के अधिक होने का खतरा बना रहता है। unshaven girl


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