बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि प्याज और लहसुन का सेवन ना करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। हमारे आसपास अगर हम यह पता लगाने की कोशिश करें तो हमें ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे , जो आमतौर पर प्याज और लहसुन का सेवन नहीं किया करते हैं।
लहसुन और प्याज दोनों एलियम फैमिली से तालुकात रखते हैं । आयुर्वेद में इनको तामसिक माना जाता है क्योंकि ये शरीर में जाते ही उत्तेजना उत्पन्न करते हैं , जो हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती है।
जब हम तामसिक और राजसिक प्रकार के भोजन ग्रहण करते हैं तो हमारे अंदर भी तामसिक राजसिक प्रकार के भाव उत्पन्न होते हैं जैसे – क्रोध ,आलस्य, निद्रा , प्रमाद आदि ।
बहुत पुरानी कहावत है -“जैसा अन्न ,वैसा मन” आमतौर, पर हम जैसा भोजन ग्रहण करते हैं ,वैसे ही भाव हमारे मन में उत्पन्न होते हैं।
अगर हम बात करें आयुर्वेद की तो आयुर्वेद में खाने को रस और गुण के अनुसार तीन प्रकार में बांटा गया है –
- सात्विक
- राजसिक
- तामसिक
प्याज़ और लहसुन को तामसिक राजसिक की श्रेणी में रखा जाता है । ऐसा माना जाता है कि इसे खाने के बाद हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ये स्वाद में भी बहुत तेज होते हैं । प्याज और लहसुन को खाने के बाद आप अपना केंद्र बिंदु पर ध्यान एकत्रित नहीं कर पाते हैं। इनका सेवन करना भी हमारे दिमाग पर अनुकूल प्रभाव नहीं डालता है।
प्याज और लहसुन इन दोनों का ही फ्लेवर काफी ज्यादा स्ट्रांग होता है। इन दोनों ही चीजों का सेवन करने से श्यामक प्रभाव उत्तेजित हो जाता है। प्याज़ और लहसुन में जो भी गुण पाए जाते हैं वे लगभग एक ही प्रकार के होते हैं।
कहा जाता है कि हर एक सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक वैसे ही प्याज और लहसुन खाने के कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं , तो कुछ सकारात्मक प्रभाव भी पड़ते हैं। प्याज और लहसुन में चिकित्सीय गुण भी पाए जाते हैं अगर हम आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की माने तो लहसुन ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लिए काफी ज्यादा लाभदायक माना जाता है। कई प्रकार की दवाइयां बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
प्याज और लहसुन के हमारे लिए फायदेमंद भी होते हैं। प्याज और लहसुन में कई प्रकार के चिक्तिसिय गुण पाए जाते हैं जैसे एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगल एंटी वायरल आदि।यह दिल की सेहत का भी ख्याल रखते हैं। मौसम के साथ होने वाले वायरल या फ्लू से बचाने में भी यह बहुत काम आते हैं। онлайн займ