देहलीज से ही कर दिया वापस, नहीं रखना दिया अपनी माँ को घर मे कदम! आखिर कौन था वो बेटा जिसको अपनी बूढ़ी माँ पर नहीं आया तरस??
कोरोना के खौफ ने पूरी दुनिया को हिला डाला हैं। इंसान आर्थिक तौर ही नहीं बल्कि मानसिक तौर से भी इस वायरस की वजह से बहुत परेशान हैं। इसी वजह से लोग बहुत डरे हुए भी हैं और अजीबों-गरीब कदम भी उठा रहे हैं। परन्तु, कभी-कभी लोग ऐसी भी हरकते करते हैं जिनको देख कर लगता हैं की यह सब वो सिर्फ नाम कमाने के लिए कर रहे। इसके चलते वह कब इतना गिर जाते हैं कि इस बात का उनको भी अंदाजा नहीं होता। इसी सन्दर्भ मे हम आपके सामने आज एक ऐसे ही जवान बेटे की कहानी लेकर आए हैं जिसने इतना शर्मनाक काम किया हैं।
नहीं घुसने दिया अपनी माँ को घर के अंदर
जी हाँ,आप बिलकुल सही पढ़ रहे हैं। यह बात उस बेटे की हैं जिसने अपनी बूढ़ी एवं लाचार माँ को घर मे नहीं घुसने दिया। यह सनसनी वारदात हमे करीमनगर के एक इलाके से मिली हैं। बिचारी 80 वर्षीय माँ की सिर्फ इतनी सी खता थी की वह महारष्ट्र के एक छोटे से शहर शोलापुर गयी थी। वहां पर वह अपने रिश्तेदारों से मिलने और उनके साथ कुछ वक्त बिताने के लिए गयी थी।
परन्तु, उनको क्या पाता था कि उनका बेटा उसके साथ इस कदर व्यवहार करेगा। वह जब वहां से वापस आयी तब एक गिलास पानी तो पूछना दूर की बात हैं। उस इंसान ने उस बुड्ढी औरत को सड़क पर सामान के साथ ऐसी ही छोड़ दिया। बेचारी वही पर पेड़ की छाँव के नीचे चुपचाप बैठी रही और अपने बेटे को समझाने की कोशिश करती रही ताकि वो यह बात समझ सके की वो बिल्कुल ठीक है।
हालात संभलते ही आयी थी वापस
आपको बतादे कि ऐसा भी नहीं हैं की वो किसी बुरी बीमारी का संकेत अपने साथ वापस लेकर आई थी। बल्कि वह पूरे नियम और क़ानून को सही से पता करके ही वापस आयी थी। इसके साथ-साथ वह कोरोना जैसी घातक बीमारी की पीड़िता भी नहीं थी। उसके बावजूद भी उनके बहु-बेटे ने उनके साथ ऐसा बदसलूकी भरा व्यवहार किया। यह बात अलग हैं कि वो एक ऐसे शहर से आयी थी जिसमे सबसे ज़्यादा कोरोना के केस पाए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उनको थोड़ा सा तो अपनी लाचार माँ पर तरस खाना चाहिए था। उन्होंने यह तक ना सोची कि हमारे ऐसा व्यवहार करने के बाद हमारी माँ कहाँ जाएगी।
अकेली पड़ी औरत को सहारा दिया पड़ोसियों ने
जब घर के आस-पास बसने वाले लोगो ने देखा की उनका बेटा उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहा हैं और उन्हें घर के अंदर तक नहीं घुसने दे रहा हैं। तब उन्होंने मामले मे दखलंदाज़ी करने की हिम्मत करके उस महिला को इंसाफ दिलवाया। यहाँ तक की इस मामले की सही से पूरी जांच करने के लिए बाहर से एक अधिकारी को भी बुलवाया गया था। अधिकारी को बुलाने का मकसद यह था की वह पता लगा सके कि कही वो बूढ़ी औरत संक्रमित तो नहीं। अगर ऐसा है तो जल्द ही उसका इलाज कराने के लिए उसे अस्पताल भेज दिया जाएगा। buy viagra online
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