जानिए कैसे "स्किल इनोवेशन" ने बनाई किसानों की जिंदगी आसान

21वीं सदी में आज भी भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की आधी से ज्यादा अर्थव्यवस्था आज भी कृषि से जुड़ी आय पर टिकी हुई है और कृषि क्षेत्र, भारत में सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करता है, पूरी जनसंख्या का 58%।

भारत के कृषि व्यवसाय में महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ चावल और गेहूं है, इसके साथ साथ हम अपने दर्शकों को यह भी बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा फल उत्पादक देश भी है। प्राचीन काल से भारत देश मसालों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है और आज भी भारत मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक उपभोक्ता एवं निर्यातक है।

समय के साथ साथ बाकी देश उन्नत टेक्नोलॉजी के कारण कृषि क्षेत्र में तरक्की कर रहे हैं परंतु, भारत में आधुनिक टेक्नोलॉजी एवं उपकरण ना होने के कारण हमारे किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। आर्थिक तंगी ही नहीं बल्कि अन्य समस्याएं जैसे बाढ़, सूखा पड़ना, फसलों की सही से कटाई ना हो पाना, इत्यादि।

अन्य देशों के मुकाबले भारत के किसान की आय सबसे कम है और बात की जाए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की तो भारत उसमें भी पीछे है। भारत में आज भी किसान अपनी खेतों की सिंचाई के लिए प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर रहता है।

परंतु, भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं और आज हम ऐसे ही एक टैलेंटेड व्यक्ति के बारे में बात करना चाहेंगे, जिसने अपनी द्रढ इच्छा से एवं समाज कल्याण की भावना से कुछ ऐसी मशीनो का आविष्कार किया है, जिससे हमारे किसानों को फायदा हो रहा है। इस व्यक्ति का नाम है नितिन गुप्ता और इन्होंने अपनी कंपनी ‘स्किल इनोवेशन’ द्वारा कुछ ऐसे उपकरण तैयार किए हैं जिसे फसल की कटाई में किसानों को मदद मिल सके और कम मेहनत के ज्यादा मुनाफा हो सकें।

स्किल इनोवेशन (अब हेक्टेयर)

इसरो जैसी बड़ी संस्थान में काम करने वाले दो साइंटिस्ट ने 2014 में किसानों की परेशानियों को हल करने के लिए एक कंपनी की स्थापना की जिसका नाम था स्किल इनोवेशन। इस कंपनी के मुख्य संस्थापक थे नितिन गुप्ता और उनके दोस्त विनय रेड्डी। हम अपने दर्शकों को यह बताना चाहेंगे कि नितिन ने इसरो के साथ-साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु में भी काम किया है और प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे हैं।

समाज कल्याण की भावना एवं किसानों के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा ने नितिन को अपनी नौकरी छोड़ इस कंपनी की स्थापना में प्रोत्साहन प्रदान किया। उन्होंने सबसे पहले कॉटन हार्वेस्टिंग में आने वाले किसानों के 20 से 30 परसेंट के खर्चे को कम किया और एक ऐसा उपकरण बनाया जिससे किसान कॉटन की हार्वेस्ट जल्दी और दुगने टाइम में कर सकते थे। इसके बाद उन्होंने पेड़ों से आम, सेब जैसे फल तोड़ने के लिए कुछ ऐसे उपकरण का निर्माण किया जिससे पेड़ से फल तोड़ते समय फल को कोई नुकसान ना पहुंचे और किसान आसानी से फल तोड़ सके।

बड़े-बड़े ऑर्गेनाइजेशंस की मदद

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्किल इनोवेशन ने किसानों के साथ-साथ कुछ बड़े-बड़े ऑर्गेनाइजेशन की भी मदद की है। लद्दाख क्षेत्र में पाए जाने वाली लेह बेरी को हार्वेस्ट करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इसमें बहुत सारे कांटे होते हैं और यह काफी महंगा फल है। इसको ठीक तरीके से हार्वेस्ट करने के लिए डीआरडीओ ने स्किल इनोवेशन से मदद मांगी थी। इसके साथ-साथ इस कंपनी ने टाटा जैसी बड़ी कंपनी को अपने उपकरण बेचे हैं। इस कंपनी ने एक ऐसा सोलर पैनल डिजाइन किया है, जो कीड़े-मकोड़े भी मारती है।

कश्मीर क्षेत्र में केसर की खेती करने वाले किसानों के लिए इस कंपनी ने ऐसा उपकरण बनाया था, जो केसर को आसानी से सुखा देता था और उसके गहरे रंग को हल्का नहीं होने देता था। यह ड्रायर उन किसानों के लिए बेहद अच्छा साबित हुआ जो केसर की खेती करते हैं।

हर क्षेत्र के किसानों की मदद

इस कंपनी के उत्पाद ऑनलाइन एवं ऑफलाइन, दोनों तरीके से मिलते हैं। कोई भी किसान इसे खरीद सकता है। इन उपकरणों की खास बात यह है कि यह चलाने में बेहद आसान होते हैं और इन्हें चलाने के लिए भारी शिक्षा की जरूरत नहीं होती। नितिन अपने उपकरण हर क्षेत्र के किसानों की जरूरतों को देखकर बनाते हैं जिससे किसान इन उपकरण को शौक से खरीदते हैं। हम अपने दर्शकों को यह भी बताना चाहेंगे कि भारत के साथ-साथ नेपाल एवं भूटान में भी इस कंपनी ने अपने उपकरण बेचे हैं और वहां के किसानों की भी सहायता की है।

2019 में स्किल इनोवेशन को सरकार ने राष्ट्रीय उद्यमशील पुरस्कार से सम्मानित किया और उनके काम की सराहना की। नितिन, आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है, जिन्होंने इसरो में अपनी साइंटिस्ट की नौकरी छोड़कर किसान कल्याण के लिए इस कंपनी की स्थापना की। वह अपना व्यवसाय चंडीगढ़ में स्थित अपने ऑफिस से चलाते हैं और उनका प्रोडक्शन यूनिट गुजरात के गांधीनगर में स्थित है।

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