महामारी कोविड 19 नामक कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉक डॉउन लगा हुआ है। भारत में लॉक डॉउन का तीसरा चरण चल रहा है जो 4 मई से शुरू हुआ है और 17 मई को लॉक डॉउन का यह तीसरा चरण समाप्त होगा । लॉक डॉउन की वजह से अर्थव्यवस्था तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही साथ शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। हालांकि शिक्षा का प्रभाव न रुके इसके लिए विद्यालय, कॉलेज और बड़े – बड़े विश्व विद्यालयों में ऑनलाइन क्लासेस चलावाई जा रही हैं। अब इस कड़ी राजस्थान में बच्चो को आकाशवाणी के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। आकाशवाणी से बच्चों को उनके विषयों से संबंधित लेक्चर दिए जाएंगे।
लॉक डॉउन की वजह से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए राजस्थान सरकार ने आकाशवाणी के माध्यम से स्कूली बच्चों के लिए लेक्चर दिए जाए जाने को लेकर केंद्र सरकार से मांग की थी। राजस्थान सरकार के इस मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब रेडियों, आकाशवाणी के माध्यम से स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी। इसके लिए प्रसार भारती की कार्यक्रम अधिकारी रेशमा खान ने राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) को सहमति पत्र भी जारी कर दिया है।
30 जून तक किया जाएगा प्रसारण
प्रसार भारती ने प्रतिदिन 55 मिनट पाठ्य सामाग्री को 30 जून तक प्रसारित करेगा। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की तरफ़ से पाठ्य सामाग्री को ऑडियो फॉर्म में रिकॉर्ड करके पेनड्राइव या सीडी में देना होगा। उसके बाद प्रसार भारती उसी ऑडियो कंटेंट अध्ययन सामग्री का प्रशारण करेगा। इसका प्रशारण राज्य के 25 केंद्रो पर होगा।
यह शिक्षा व्यवस्था के लिए उठाया गया एक बेहतर कदम है। इससे बच्चों को नई – नई चीजें सीखने को मिलेगी। साथ ही उनमें कई नई चीजों की जानने की जिज्ञासा भी उत्पन्न होगी।
इंटरनेट पर अपलोड की जाएगी अध्ययन सामग्री
प्रसार भारती ने राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से कहा है कि बोर्ड उच्च गुणवत्ता युक्त अध्ययन सामग्री को भेजे और अध्ययन सामग्री को छात्र आकाशवाणी से सुनने के अलावा उस सामग्री को प्रिंट या विजुअल रूप में प्राप्त कर सकें इसके लिए राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराएं ताकि बच्चों को समझने में आसानी हो। दोनों ऑडियो और विजुअल फॉर्म में बच्चो के पास जब अध्ययन सामग्री पहुंचेंगी तो उनके लिए समझने में सहूलियत होगी।
टेक्नोलॉजी की कमी के चलते सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की अव्यवस्था
महामारी के इस दौर में लॉक डॉउन के चलते अंग्रेजी माध्यम और कॉन्वेंट स्कूलों के पास अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अनेक सुविधाएं हैं। इन महंगे महंगे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास भी नई नई technology जैसे मोबाइल, लैपटॉप आदि रहते हैं जिसकी मदद से को ऑनलाइन पढ़ लेते हैं। कॉन्वेंट स्कूलों में तो शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ज़ूम ऐप जैसे माध्यमों से लाइव क्लासेस ले रहे हैं, लेकिन गरीब घराने के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास ऐसी सुविधा नहीं है। और न ही सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के पास ऐसी सुविधा है जिससे वो बच्चो को लाइव पढ़ा सकें। इसीलिए सरकार द्वारा आकाशवाणी से लिया गया यह फैसला उन गरीब बच्चों के हित में होगा जो बाजार के चकाचौंध से दूर है। अगर उनके माता पिता के पास की – पैड यानी बटन वाला मोबाइल भी होगा तो उसमे भी बच्चा आकाशवाणी से अध्यापकों द्वारा प्रसारित किया गया ऑडियो कंटेंट को आसानी से सुन सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
आकाशवाणी से स्लॉट मिलने पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह राजस्थान के शिक्षा विभाग के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
बरहाल लॉक डॉउन के इस बदहवासी में शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया गया यह फैसला काबिले तारीफ है। ख़ास कर इससे गरीब छात्रों- छात्राओं को फ़ायदा होगा । महंगी शिक्षा के इस दौर में शिक्षा को लेकर सिर्फ लॉक डॉउन में ही नहीं आगे भी बल्कि सरकार को कुछ ऐसे ही कदम आगे भी उठाने होगें ताकि शिक्ष प्रणाली को पटरी पर लाया जा सके। और महंगे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच जो फैसल है वो मिट सके। займ на карту