हर इंसान चाहता है कि वह डोरेमोन का बंबू कॉप्टर लगाकर आसमान में उड़े। परंतु,असल जिंदगी में यह सिर्फ एरोप्लेन, चॉपर या जेट से ही मुमकिन हो सकता। अगर आज के समय में देखा जाए तो हमारा देश तरक्की कर रहा है और उसी के साथ-साथ अमीरों की संख्या भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यह बात तो हर कोई जानता है कि जितना इंसान अमीर होता जाता हैं, उतना ही वह अपने कामों में व्यस्त होता जाता है। उस समय उसको चाहिए होता है कि वह जल्द से जल्द एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंच सकें और अपने काम जल्द ही खत्म कर सके।
इसी बात को सच करने के लिए एयरलाइंस अपनी महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करती हैं। अगर चार्टर प्लेन की बात एक तरफ रख दी जाए, तो उसके अलावा भी कई ऐसे विमान होते हैं जिनकी सेवा प्राप्त करने के लिए लोग हमेशा उत्सुक रहते हैं। उन्हीं की इच्छाओं को बढ़ावा देने के लिए देश के एक युवा ने इसकी तरफ अपना कदम रखा था। आइए जानते हैं की कौन थे वह युवा, जिन्होंने इतना बड़ा कदम उठाकर इस देश को अपनी तरफ से एक नायाब तोहफा दिया।
अजयबीर सिंह: एक सफल युवा
अजयबीर एक बहुत ही बड़ी एयरलाइंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। हम बात कर रहे हैं ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड की। हैरानी वाली बात तो यह है कि उन्होंने अपना सफर सिर्फ ₹5000 से शुरू किया था और आज वह इतनी छोटी कीमत के सहारे तरक्की पर पहुंच गए हैं। यह बात सुनकर आप हैरान रह जाएंगे कि आज उनकी कंपनी के पास खुद का एक जेट विमान और 3 चौपर है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि 5000 के बिजनेस से शुरू करके, उन्होंने इतने महंगे-महंगे विमान कैसे खरीद लिए। तो इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए उनके पास एक बहुत ही उम्दा जवाब है। उनका मानना यह है कि हर बड़े काम को करने के लिए इंसान को धैर्य रखना चाहिए।
अगर आपको यह लगता है कि उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत एक-दो साल पहले करके आज 150 करोड़ का मुनाफा कमाया है। तो आप बिल्कुल गलत है, क्योकि उनको तरक्की पर पहुंचने के लिए कम से कम 14 साल का समय लग गया था। जी हाँ, उन्होंने अपने व्यापार की शुरुआत 2005 में की थी।
चाचा ने दी थी इतनी बड़ी सोच
उनके चाचा ने उनको इस कदम के लिए सहारा और ज्ञान दिया था। परंतु, यह एक ऐसा काम था, जिसके लिए सिर्फ जानकारी ही काफी नहीं थी। बल्कि उनको इसके लिए अच्छी खासी धनराशि की भी जरूरत थी। परंतु, उनके पास ऐसी भी कोई पारिवारिक धनराशि नहीं थी, जिसको वह अपने व्यापार में इस्तेमाल कर लेते। उस समय उनके पास खाली ₹5000 थे और उन्होंने वहीं पैसे अपनी कंपनी की लागत में लगा दिए थी। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर पूरे डेढ़ सौ करोड़ रुपए है।
लोगो तक पहुंचाते हैं कई सुविधाएं
लोगों को खुशी पहुंचाने के साथ-साथ और भी कई तरीकों से वह जनता की सेवा करते हैं। आपको बता दें कि उन्होंने अपने चौपर, उत्तराखंड में आई बाढ़ के समय मे लोगों को बचाने के लिए भी प्रदान करवाये थे। वह इसमें अपना योगदान देकर लोगों की सेवा करना चाहते थे। यही नहीं वह अपना चौपर सीआरपीएफ को भी प्रदान करवाते हैं। उनका मानना यह है कि उनके लिए देश की सेवा सबसे महत्वपूर्ण है। इसी वजह से उनका एक चौपर सुकमा में नक्सलियों से लड़ने के लिए सीआरपीएफ के पास हमेशा मौजूद रहता है।
इसके-साथ साथ उन्होंने कई शहरों में एक ट्रेंड भी शुरू किया है। वह ट्रेंड यह है कि चौपर के द्वारा लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है। इस प्रक्रिया को लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं और इसी वजह से इसकी मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। अन्य कंपनियों के लिए भी वह अपने चौपर प्रदान करवाते हैं।
सरकार से की बढ़ोत्तरी की उम्मीद
इतनी बड़ी कंपनी को संभालने के बाद अजयबीर सिंह का यह मानना है कि दिन पर दिन लोगों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए। सरकार को इस क्षेत्र मे बढ़ोतरी के बारे मे सोचना चाहिए और अपने विचार को जल्द से जल्द आगे बढ़ाना चाहिये। उनका यह भी कहना है कि यह एक ऐसा तरीका है जिससे लोगों को आराम से, कम समय में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकता है। क्योकि यह इतनी अच्छी सुविधा हैं और इसी वजह से यह बहुत ही लोकप्रिय भी बनती जा रही है। अगर आगे वाले समय को ध्यान में रखा जाए तो यह क्षेत्र देश की तरक्की मे बहुत बड़ा योगदान दे सकता है।
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