आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि उन्हें हर्निया का दर्द उभरा है या उनका हर्निया का ऑपरेशन हुआ है। हर्निया एक बहुत ही आम समस्या है। जो किसी को भी हो सकता है। आमतौर पर रोगी खड़े होने या खांसने या कोई अन्य काम करने पर तेज दर्द उठता है और लेटने पर आराम मिलता है। अमूमन इस बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर सर्जरी की ही सलाह देते हैं।
आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे कि हर्निया क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, और इसके संभावित उपचार क्या हो सकते हैं?
हर्निया क्या होता है?
जब शरीर का कोई अंदरूनी अंग किसी मांसपेशी अथवा वाह्य परत के ऊतकों में छेद करके बाहर निकलने लगे तो इस परिस्थिति को हर्निया कहा जाता है। उदहारण के लिए जब आंत पेट के किसी कमजोर भाग में छेद बनाकर बाहर की ओर उभरने लगे तो इसे हर्निया कहा जायेगा।
हर्निया की समस्या आमतौर पर पेट से सम्बंधित होती है। हालाँकि कुछ परिस्थितियों में यह कमर एवं जांघों में हो सकता है। हर्निया की बीमारी में रोगी को तेज दर्द होता है और उसे उल्टी की समस्या होती है। आमतौर पर चलने या दौड़ने पर या अन्य गतिविधियों के दौरान व्यक्ति को हर्निया का दर्द उभर सकता है।
हर्निया के प्रकार
वंक्षण हर्निया (Inguinal hernia)
यह सबसे आम तरह का हर्निया है जो अधिकांशतः पुरुषों में पाया जाता है। इसमें पेट के निचले भाग में कमजोर हिस्से से आंत बाहर की ओर उभर आती है। इस प्रकार का हर्निया आम तौर पर जांघ नलिका (Inguinal Canal) के आस पास होता है। British Hernia Centre के मुताबिक 70 % तक हर्निया के मामले इनगुइनल हर्निया के होते हैं।
अम्बिलिकल हर्निया
इस प्रकार का हर्निया तब होता है जब आंत नाभि के आस पास के कमजोर हिस्से में छेद करके उभर आती है। यह आमतौर पर बच्चों में होता है।
हाइटल हर्निया
यह पेट के अंदरूनी भागों के छाती तक पहुँचने के कारण होता है। आमतौर पर यह समस्या 50 वर्ष की उम्र के आस पास देखने को मिलती है।
इंसिज़नल हर्निया
आमतौर पर इस तरह के हर्निया के होने की संभावना पेट में हुई किसी सर्जरी के बाद अधिक होती है। ऑपरेशन के बाद पेट के कमजोर हिस्से से आंत के बाहर उभरने के कारण इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।
क्या है कारण
हर्निया होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमे से कुछ निम्नलिखित हैं –
- संभवतः गर्भ के समय पेट की दीवारों का सही तरीके से विकास नहीं होने के कारण उस स्थान की मांसपेशियां कमजोर रह जाती हैं। जिस कारण से यह जन्मजात समस्या के रूप में परिलक्षित होता है।
- कई बार ऐसा देखा गया है की पेट में जिस स्थान की सर्जरी हुई हो ऐसे में उसे हर्निया होने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है।
- यदि किसी को लम्बे समय से खांसी की समस्या बनी हुई हो तो उसे हर्निया हो सकता है क्योंकि खांसी आने पर पेट पर काफी प्रेशर पड़ता है।
- लगातार कब्ज की समस्या भी इस समस्या के होने सम्भावना को बल देती है।
- पेट का मोटापा एवं जलोदर की समस्या भी हर्निया की समस्या का कारण बन सकती है।
- बढ़ती उम्र भी हर्निया की आशंका को बढाती है।
- इसके अलावा वे लोग अत्यधिक वेटलिफ्टिंग करते हैं उनमे भी हर्निया होने की सम्भावना बनी रहती है।
हर्निया का इलाज
आमतौर पर हर्निया घातक या जानलेवा नहीं होता है। किन्तु इसमें पीड़ा अत्यधिक होती है। हर्निया की जटिलता इस बात पर निर्भर करती है कि हर्निया किस स्थान पर उभरा है।
हर्निया एक तरह का स्ट्रकचरल डिफेक्ट है। इसलिए इसके उपचार के लिए सर्जरी की जाती है। हालाँकि हर्निया के कारण उत्पन्न हुई अन्य जटिलताओं का उपचार डॉक्टर कुछ दवाइयां देकर करते हैं।
क्या है नई तकनीक
हर्निया के उपचार की नई तकनीक है लेप्रोस्कोपिक ट्रीटमेंट। दरअसल ओपन सर्जरी के बाद रोगी को अपनी रुटीन लाइफ में वापस आने में तकरीबन महीने भर का समय लग जाता है। जबकि लेप्रोस्कोपिक ट्रीटमेंट द्वारा की गयी सर्जरी में रोगी 10-15 दिनों के भीतर ही अपनी रूटीन लाइफ को फिर से शुरू कर सकता है। buy viagra online