जब नया साल शुरू हुआ था तब हम सब ने निश्चय किया था कि इस साल कुछ अलग करेंगे। नई जगहों पर जाएंगे, नए लोगों से मिलेंगे। गर्मियों की छुट्टियां ठंडी जगहों पर जाकर बिताएंगे। लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत। दुनिया भर में फैली एक महामारी ने सबको घरों में कैद कर दिया। घरों में कैद होने की वजह से सबको परेशानियों का सामना करना पड़ा। परेशानियां तो बहुत हैं लेकिन एक परेशानी ऐसी भी है जो कोरोना वायरस से मिलती-जुलती है। जिस तरह कोरोना वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलता है, ठीक उसी तरह यह परेशानी भी एक व्यक्ति से होकर परिवार के अन्य सदस्यों तक पहुंच जाती है। हम बात करने वाले हैं डेली ड्रिंकर्स की।
कौन होते हैं डेली ड्रिंकर्स ?
डेली ड्रिंकर्स वो व्यक्ति होते हैं जिन्हें हर रोज शराब पीने की आदत होती है। ऐसे व्यक्तियों के लिए यह लॉकडाउन एक मुसीबत बन चुका है। सिर्फ वही नहीं, उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी उनकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों को हर रोज शराब पीने की लत रहती है, उन्हें अगर एक दिन भी शराब ना मिले तो उनकी हालत खराब होने लगती है।
लॉकडाउन शुरू होते ही लोगों ने जरूरी सामानों को इक्कठा करना शुरू कर दिया था। एक तरफ जहां लोगों को राशन की फ़िक्र थी, वहीं दूसरी तरफ डेली ड्रिंकर्स को अपने शराब की फ़िक्र हो रही थी। उन्हें इस बात की चिंता सता रही थी कि लॉकडाउन में उन्हें कहीं शराब से वंचित ना रहना पड़े। कुछ लोगों ने तो राशन कि तरह इसे भी इक्कठा करना शुरू कर दिया था। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जो ऐसा नहीं कर पाए।
शराब ना मिलने से होने वाली बीमारी
यह तो हम सबको पता है कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जो लोग शराब पीते हैं उन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन एक सच यह भी है कि जिन लोगों को हर रोज शराब पीने की आदत होती है, अगर उन्हें किसी दिन शराब ना मिले तो उन्हें भी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। इस बीमारी का नाम है ‘एल्कोहल एडिक्शन’।
जिन्हें हर रोज शराब पीने की आदत होती है, उन्हें अगर एक दिन शराब ना मिले तो उनमें ‘एल्कोहल विड्रोल’ के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। एल्कोहल विड्रोल, यह एक शुरुआती लक्षण है एल्कोहल एडिक्शन बीमारी का। इस बीमारी के लक्षण है नींद ना आना, चिड़चिड़ा रहना, भूख ना लगना, शरीर का कांपना और हर वक्त बेचैनी महसूस करना। ऐसे में यह बीमारी डेली ड्रिंकर्स के साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी परेशान करती है।
गंभीर स्थिति
एल्कोहल विड्रोल की समस्या इस बात पर निर्भर करती है कि एक व्यक्ति एक दिन में कितनी बार और कितनी मात्रा में शराब का सेवन करता है। यह स्थिति हर व्यक्ति के साथ अलग अलग होती है। ऐसे में जब स्थिति और अधिक गंभीर होने लगती है तो व्यक्ति को हॉलूसिनेशन यानी भ्रम की बीमारी होने लगती है। उन व्यक्ति के आस पास कुछ नहीं हो रहा होता, लेकिन उसे ऐसा लगता है जैसे कुछ न कुछ हो रहा है। ऐसी अवस्था में उन्हें कुछ भी स्मरण नहीं रहता। उन्हें समय और तारीख का ज्ञान भी नहीं रहता। उनके शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है और वे कुछ भी बोलना शुरू कर देते हैं।
रोकथाम और उपचार
डेली ड्रिंकर्स को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए परिवार के लोगों को उनकी मदद करनी पड़ेगी। चिकित्सकों की माने तो शुरुआती लक्षणों में ही अगर उपचार शुरू हो जाए तो गंभीर बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है। परिवार के सदस्यों को डेली ड्रिंकर्स के शराब की मात्रा में कमी करना शुरू कर देना चाहिए। इससे उनका विड्रॉल मजबूत होना शुरू हो जाएगा, और उन्हें दौरे पड़ना बंद हो जाएगा।
साथ ही परिवार के सदस्यों को डेली ड्रिंकर्स के खानपान पर भी ध्यान देना होगा। ध्यान रहे कि उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। डेली ड्रिंकर्स को हर दिन कम से कम तीन लीटर पानी पीना जरूरी होता है। हम उन्हें पानी में इलेक्ट्रोल या ओआरएस घोल कर दे सकते हैं, ताकि उनके शरीर में पोटेशियम, सोडियम और कैल्शियम की कमी ना हो। उनकी नींद पूरी होने का भी खास ध्यान रखना होगा।
इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है डॉक्टर से परामर्श लेना। डॉक्टर जो दवाइयां बताएं, उन दवाइयों को समय पर डेली ड्रिंकर्स को देते रहना चाहिए। इसके साथ ही हर दिन योग और ध्यान करना भी उन्हें फायदा पहुंचाता है। इसलिए उन्हें हर दिन व्यायाम करना चाहिए।
आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है। हर बीमारी का इलाज संभव है। लेकिन उपचार के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि हम बीमार व्यक्ति की हिम्मत बढ़ाते रहे, और उनका साथ दे। ऐसा करके हम हर बीमारी का सामना आसानी से कर सकते हैं। займ онлайн на карту без отказа
Leave a Reply