आंखें ईश्वर के अनमोल उपहार है। बिन आँखों के जीवन कितना दुरूह है यह कोई नेत्रहीन व्यक्ति ही बता सकता है। हमे इस अनमोल उपहार का विशेष ध्यान देना चाहिए। आज चारों तरफ प्रदूषण है आँखें धूल-धुआँ मिट्टी हवा सब सहन करती हैं। इनका प्रभाव पड़ता है जिससे दृष्टि कमजोर हो जाती है तथा आँखों की अन्य बीमारियाँ भी हो जाती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है आँखों का सूखापन। यह बीमारी पहले सामान्य प्रतीत होती है लेकिन यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह बहुत कष्टदायक हो जाती है।
इस बीमारी में आँसू उचित मात्रा में नही निकलते हैं जिससे आँखों में नमी कम हो जाती है। आँसू आँख के कॉर्निया एवं कन्जंक्टिवा को नम व गीला रख कर उन्हें सूखने से बचाते है। आँसू पानी, सोडियम क्लोराइड, सूसन और प्रोटीन से मिल कर बनते है आँखों को सही तरीके से काम करने के लिए उनका गीला होना बहुत जरूरी है। आँसू आँखों को संक्रमण से बचाते हैं इसमें एंटीबैक्टेरियल पदार्थ, जैसे लाइसोसोम्स, लैक्टोफेरीन मौजूद होते है। यह बीमारी बढ़ने पर आँखों में जलन खुजली, किरकिरापन पानी आना जैसे लक्षण सामने आते हैं।
शुरुआत दौर में यह बीमारी अच्छी नींद लेने और घरेलू उपायों से ठीक हो जाती है। लेकिन गंभीर रूप होने तुरंत नेत्र चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
आँखों के सूखापन होने के कारण
आँखों में सूखापन या नमी की कमी होना हमारी दिनचर्या और आँखों खयाल रखने पर बहुत निर्भर करता है। कम्प्यूटर में ज्यादा देर तक काम करना आँखों पर बहुत प्रभाव डालता है। बहुत से लोग कान्टेक्ट लेंस का प्रयोग करते हैं लेकिन लम्बे समय तक इसका प्रयोग आंखों को नुकसान पहुँचाता है। बहुत से लोग प्रदूषण वाली परिस्थितियों में काम करते हैं जिसमें धूल मिट्टी धुआँ हानिकारक गैसें होती हैं जो आखों को नुकसान पहुँचाता है। ए.सी. में अधिक देर तक बैठने से आँखों की नमीं को नुकसान पहुँचाता है। मुँहासें के इलाज में प्रयोग की जाने वाली आइसोट्रेटीनियोन दवा तथा दर्द निवारक, उच्च रक्तचाप एवं अवसाद दूर करने वाली दवाएं भी आँखों की नमीं को कम करती है। सूर्य की तेज रोशनी या वेल्डिग की तेज़ चमक से भी नुकसान पहुँचाता है। खान-पान में विटामिन ए की कमी और उम्र बढ़ने के साथ आँसूओं का उत्पादन घट जाता है।
आँखों में नमीं सूखने के लक्षण
- आँखों में हर समय थकान या सूजन होना।
- आँखों से धुंधला दिखाई देना और पानी आना।
- धूप में निकलने पर आँखों में चुभन होना और आँखों का सिकुड़ कर छोटा हो जाना।
- आँखों का सूखा होना एवं जलन एवं खुजली होना।
- आँखों में किरकिरापन व कुछ गिरा होना प्रतीत होना।
कैसे रोक सकते हैं ड्राई आई सिंड्रोम
आँखें अमूल्य हैं इसलिये हमें इन्हें शुष्कता से बचाने के लिये इनकी विशेष देखभाल करनी चाहिए। जैसे हमें अधिक देर तक कम्प्यूटर या टीवी के सामने नहीं बैठना चाहिये। आजकल लोग घंटो अपने स्मार्ट फोन पर नजरे गड़ाए रखते हैं जिसका आँखों दुष्प्रभाव बहुत अधिक पड़ता है। आंखो को स्वस्थ रखने के लिए हमें ध्यान देना चाहिए कि आँखों में सीधी हवा न लगे। गाड़ी चलाते समय चश्मे का प्रयोग करना चाहिए।धूल एवं धूप होने पर आँखों पर चश्मा अवश्य लगाएं। आँखों के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों को हमें भोजन में अवश्य लेना चाहिए जैसे जतत्व जो विटामिन A देते हैं।
यदि कम्प्यूटर में ज्यादा देर तक काम करना जरूरी हो तो बीच बीच में थोड़ी देर का ब्रेक ले तथा आखों को ठंडे पानी से धोएं। आँखों में गुलाब जल भी डाला जा सकता है। इन सभी उपायों के अलावा हमें अपनी जीवनशैली और भोजन में भी कुछ बदलाव लाना चाहिए जिससे कि ड्राई आई सिंड्रोम को रोका जा सके। हमें अपने आहार में ताजे फल, सब्जियाँ, साबूत अनाज और ड्राई फ्रूट आदि जिनमें ओमेगा 6 फैटी एसिड होते है को शामिल करना चाहिए। यह फैटी एसिड और पोषक तत्व आँखों नमी की परत बनाएं रखते हैं।
एक शोध के अनुसार फैटी एसिड्स, विटामिन बी-6, विटामिन C और विटामिन D वाले पदार्थों को खाने से 10 दिनों में ही आँसू उत्पादन बढोतरी होती है। विटामिन D अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट में पाया जाता है। आखों को स्वस्थ रखने के लिए हमें नियमित व्यायाम करना चाहिए । धूम्रपान, मद्यपान नहीं करना चाहिए ।
अत्यधिक तनाव भी आँखों को नुकसान पहुँचाता है इसलिए तनाव से दूर रहें। शुष्क आँख वाले रोगियों को पोटाशियम वाले खाद्य पदार्थ लेने चाहिए जैसे गेहूँ के अंकुरित बीज, बादाम, केले, किशमिश, अंजीर एवं एवोकाडो आदि। आँखों को शुष्कता से बचाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं। जैसे आँखों में एलोवेरा का जेल लगाने से नमी में वृद्धि होती है। इसके अलावा आखों को धोने वाले पानी में भी एलोवेरा जेल मिलाया जा सकता है। घरेलू नुस्खे सामान्य परिस्थितियों में काम करते हैं लेकिन यदि यह काम न करें तो तुरंत नेत्र चिकित्सक के पास जाना चाहिए। займ на карту без отказов круглосуточно