मानवता नाम का हिंदी शब्द आपने सुना होगा। आज के इस दौर में इस शब्द की अहमियत गायब होती जा रही है। लोग दूसरों की मदद करने की बजाय उन्हें नीचा दिखाने में लगे रहते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते है, जो दूसरों के लिए अपना जीवन त्याग कर देते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी केरल के एक बुजुर्ग दंपत्ति की है। जो गरीब परिवार वालों के के लिए घर बनवा रहे हैं।
ये बुजुर्ग दंपत्ति केरल के रहने वाले हैं। पति का नाम कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) है और पत्नी का नाम Philomena है। इनकी उम्र लगभग 80 वर्ष है। इस उम्र में लोग यही सोचते हैं कि को सेविंग बची है उसी से खर्च चलाना है, उस खर्च नहीं करना है। लेकिन इस बुजुर्ग दंपत्ति की सोच झुंड से अलग है।
कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) सेना में थे। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में सेना ज्वाइन की थी। जब 1965 में और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध हुआ था तो कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) भारतीय सेना में कार्यरत थे। सेना को ज्वाइन करने के 15 साल बाद कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) सेवानिवृत हो गए।
रिटायर होने के बाद कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) ने अपनी पत्नी फिलोमेना (Philomena) जो कि एक स्कूल टीचर थी, मिलकर टिंबर के टिंबर यूनिट शुरू की और बिजनेस करने लगे।
ये बुजुर्ग दंपत्ति जिस जमीन पर गरीबों के लिए घर बनवा रहे हैं वह जमीन इन्होने 1981 में खरीदी थी। इस घर को बनने में हर फ्लोर के लिए लगभग 7 लख रुपए खर्च आएगा। दिलचस्प बात यह है कि इस बुजुर्ग दंपत्ति ने अभी तक यह बात किसी गरीब जिसको ये घर देने वाले है नहीं बताई है। जो नेक काम कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) और उनकी पत्नी कर रही हैं शायद ही कोई और करें।
कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) की चाहत है कि गरीबों को घर बनवा के देने के बाद वो एक ओल्ड एज होम खोलें। भगवान से यही दुआ है कि कोरेट्टी वर्गीेश (koratty Varghese) अपनी इस चाहत को पूरा करें।
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