गौतम बुद्ध, जिनकी सीख, जिनके जीवन को देखने के नज़रिए, उनके उपदेश सदैव ही मानवजाति को एक आदर्श जीवन के सूत्र बतलाते रहेंगे। उनके द्वारा बताई गयी सीख व शैली जो भी अपने जीवन में उतार ले, तो वह सब कष्टों को भुलाकर, सही मायनो में सुख की प्राप्ति कर ले।
आज एक ऐसे ही प्रसंग के विषय में जानते है
एक दिन महात्मा बुद्ध जब शिष्यों को उपदेश देने हेतु आए तब वह अपने साथ एक रस्सी ले आए। उपदेश की बजाय यह रस्सी देखकर शिष्यो को काफी हैरानी हुई। वह गौतम बुद्ध से कुछ पूछते उससे पहले से ही, बुद्ध ने रस्सी में तीन गांठ बांध दी और स्वयं शिष्यों से पूछा कि ” शिष्यों, यह बतलाओ कि क्या यह वही रस्सी है जो मैं शुरुआत में लाया था ?”
इस प्रश्न के जवाब में एक शिष्य ने कहा कि ” गुरुदेव, यह रस्सी वही है, इसमें कोई बदलाव नहीं है। ”
दूसरे ने उत्तर दिया कि ” नहीं नहीं ! इसमें गांठ लगने के कारण अब यह पिछली रस्सी जैसी नहीं है। ”
एक ने कहा ” यह तो पूर्णतः नज़रिये पर निर्भर करता है, कि यह रस्सी वही है या नहीं। ”
किसी ने कहा ” मूलरूप से तो रस्सी वही है, लेकिन गांठ पड़ने का कारण उसका स्वरुप बदल गया है। ”
महात्मा बुद्ध ने सभी की बात ध्यान से सुनी और कहा कि ” आप सभी अपनी अपनी जगह सही ही है, लेकिन अब मैं चाहता हूँ कि मैं इन गाठों को खोल दूं ” यह कहकर बुद्ध ने रस्सी को दोनों छोरो से पकड़कर खींचना आरम्भ कर दिया।
इस पर एक शिष्य बोल उठा ” यह क्या कर रहे है आप? इससे तो गाठें और ज्यादा कस जाएँगी और इन्हे खोलना कठिन हो जायेगा”
महात्मा ने उत्तर में एक प्रश्न पूछा कि ” अच्छा अगर ऐसा है तो यह बताओ कि हमे इन गाठों को खोलने के लिए क्या करना चाहिए ?”
एक शिष्य ने उत्तर दिया ” अगर हम इसे खोलना चाहते है तो सर्वप्रथम हमे इन्हे ध्यान से देखकर समझना होगा कि यह गांठ किस प्रकार लगायी गयी है। ”
इस जवाब से गौतम बुद्ध काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा “यह उत्तर पूर्णतः सही है। इन गाठों से हम यह सीखते है कि जीवन में परेशानियां, चुनौतियां, मुश्किलें तो सदैव ही आती रहेंगी लेकिन हम हमेशा ही, बिना समस्या का मूल कारण जाने बस उसके हल खोजने में लग जाते है, जो की सर्वथा गलत है।
सीख
अगर हम समस्याओं के मूल कारण को जानने का प्रयास करे, उसे समझे तो उन्हें सुलझाना स्वतः ही आसान हो जायेगा। इसलिए जीवन में अगर कभी भी परेशानी, समस्या, विकट परिस्तिथि से सामना हो तो सबसे पहले उसका मुख्य कारण जानने का प्रयास करे और उसके बाद ही हल ढूंढ़ने की खोज करे। ” займ на карту