बदलते मौसम के साथ बीमारियां भी हमें घेरने लगती हैं। जैसे बरसात का मौसम समझिए आ ही गया है। और इस बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा हमें डेंगू का खतरा होता है। बरसात के मौसम में डेंगू बुखार सबसे खतरनाक बीमारी है। डेंगू का बुखार इतना खतरनाक होता है कि आपकी जान भी ले सकता है।
बरसात का मौसम मच्छरों का मौसम होता है। क्योंकि बरसात के मौसम में पनपने वाले मच्छर बहुत खतरनाक होते हैं और इन खतरनाक मच्छरों के कारण ही हमारे भारत जैसे देश में लाखों लोग हर साल मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसे खतरनाक बुखार से पीड़ित होते हैं और इनमें कई लोगों की जानें भी चली जाती है। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सभी बुखारो से बचने के लिए खासकर इस बरसात के मौसम में बीमारियों से दूर रहने के लिए आप घरेलू नुख्सा अपना सकते हैं।
डेंगू का बुखार
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि डेंगू आपकी जान भी ले सकता है । इसका मुख्य कारण यह है कि अगर किसी को डेंगू बुखार हो जाता है तो उस व्यक्ति की प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरने यानी घटने लगती है और जब किसी व्यक्ति की प्लेटलेट्स कम होने लगती है तो उस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती हैं, जिसके चलते व्यक्ति एकदम कमजोर हो जाता है । इतना ही नहीं ब्लड को बहने से रोकने की क्षमता भी कम होने लगती है। यह सब कुछ प्लेटलेट्स की कम होने की वजह से होता है। आपके मन में सवाल उठा होगा कि आखिर प्लेटलेट्स क्या होती हैं? और प्लेटलेट्स का कार्य क्या है? चलिए पहले आपको प्लेटलेट्स के बारे में बता दें
प्लेटलेट्स और उसका कार्य
प्लेटलेट्स एक प्रकार की कोशिकाएं होती हैं। इनकी साइज की बात की जाए तो यह बहुत ही पतली होती हैं। इनका कार्य रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बनाए रखना होता है। प्लेटलेट्स का सबसे मुख्य कार्य होता है कि जब आप के शरीर से कभी खून बहता है तो प्लेटलेट्स उस खून को रोकने के लिए शरीर के जिस भाग से खून बहता है वहां पर खून का थक्का जमा देती हैं, उसे मोटा कर देते हैं ताकि खून ना बहे। जब हम डेंगू जैसे खतरनाक बुखार से ग्रसित होते हैं तो हमारे नाक से खून निकलने लगता है, हमारे फेफड़ों से खून निकलने लगता है या फिर शौच के रास्ते से खून निकलता है, लेकिन प्लेटलेट्स जहां से खून निकल रहा है वहां पर खून का थक्का जमा देती हैं ताकि खून ना निकले।
पपीते के पत्ते का इस्तेमाल
आपको यदि डेंगू बुखार हो गया है और आप अंग्रेजी दवाइयों से नहीं ठीक हो पा रहे हैं तो आप घरेलू नुक्सा अपनाकर अपने आप को एकदम स्वस्थ कर सकते हैं। डेंगू के समय आप पपीते के पत्तों का सेवन कर अपने आप को एकदम स्वस्थ कर सकते हैं। पपीते के पत्तों में विटामिन सी और ऐंटिऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और एंटीऑक्सीडेंट्स जो खतरनाक वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर गए हैं उन को मारने का काम करता है। सबसे पहले आपको अपने इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करना होगा। और इसे मजबूत करने के लिए आपको पपीते के पत्ते का इस्तेमाल करना होगा। आइए अब आपको बताते हैं कि किस प्रकार हम पपीते के पत्ते का इस्तेमाल करके उससे विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त कर सकते हैं।
- सबसे पहले फ्रेश पपीते के पत्तों को तोड़ लें या कहीं से खरीद लें।
- फिर पत्तों को अच्छे से धुल लें
- धुलने के बाद पत्तों को एकदम छोटा-छोटा काट लें।
- पपीते के पत्तों को काटने के बाद उसका जूस बना ले।
- आप अपने स्वादनुसर उस जूस में शहद भी मिला सकते हैं।
- इसके बाद उस पपीते के पत्ते से बने जूस का सेवन करें।
आपको दिन में तीन बार पपीते के पत्ते का जूस पीना होगा। लगातार तीनों टाइम पपीते के पत्तों का थोड़ा-थोड़ा जूस पीने से मरीज को शक्ति मिलती रहेगी और उसकी प्लेटलेट्स की संख्या कम नहीं होंगी जिससे उसका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और वह बीमारियों से आसानी से लड़ सकेगा। जब तक आपका डेंगू बुखार ठीक नहीं हो जाता तब तक आप पपीतों के पत्तो का जूस बनाकर तीनों टाइम पिएं। hairy women
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